बेरमो में इन लोगों की दोस्ती की आज भी दी जाती है मिसाल
बेरमो में इन लोगों की दोस्ती की आज भी दी जाती है मिसाल
राकेश वर्मा, बेरमो : बेरमो में दोस्ती के लिए कई जोडियां चर्चित थीं. जरीडीह बाजार के मणिलाल कोठारी व लक्ष्मण भगत, ज्ञानीराम डालमिया व गिरिश कोठारी, सुरेंद्र स्वर्णकार व विजय भगत, दिलीप भगत मुन्ना व शिबू कसेरालालजी व बसंत के अलावा कामेश्वर पांडेय-मंगत राम-रामचंद्र सिंह-काले सिंह-जगेश्वर राम- सुंदर लाल भगत की दोस्ती चर्चित थी. वहीं गोपाल डालमिया- प्रेम अग्रवाल- बबलू भगत- अरविंद उर्फ चुन्ना के बीच आज भी आपस में गाढ़ी दोस्ती कायम है. इसके अलावा बोकारो थर्मल में बाबूलाल गिरि व केके बारिक तथा बहमेश्वर यादव व ब्रीज बग्गा के बीच एक समय काफी गहरी दोस्ती थी. करगली बाजार में मुन्ना-पप्पू की दोस्ती भी पुरानी है.
बिंदेश्वरी दुबे व रामाधार सिंह की दोस्ती का क्या कहना
पूर्व मुख्यमंत्री बिंदेश्वरी दुबे व इंटक नेता रामाधार सिंह, इंटक नेता रामाधार सिंह व फुलेना प्रसाद वर्मा, सागर महतो व गुलाब सिंह, एटक नेता शफीक खान व एमएम सेन, संतन सिंह व राम मोहन सिंह, कृष्ण मुरारी पांडेय व शंकर सिंह, सीडी सिंह व केपी सिंह, समाजवादी नेता मिथिलेश सिन्हा व बहराम भट्टाचार्य, नागो बाबू व वशीर मियां, पूर्व सांसद रवींद्र कुमार पांडेय व बच्चन सिंह, गुलाब सिंह सरदार व महावीर गोप, कन्हाई राम व चेतलाल प्रजापति, सुदर्शन तिवारी व ललन सिंह, रघुवंश सहाय व कामेश्वर सिंह, रामचंद्र सिंह व लक्ष्मेश्वर सिंह, कन्हैया सिंह व सत्यानारायण सिंह, त्रिभुवन सिंह व फ्रांसिंस, राजू बाबू व युगल बाबू, डॉ जे राय व शिशिर बाबू, विगन सिंह व डॉ बीके पांडेय की दोस्ती को आज भी कोयलांचलवासी याद करते हैं. इसी तरह कथारा के सोहराब खान व ईश्वरी सिंह, सूर्यपत सिंह व अरुण चौबे, आरए सिंह व मंसूर खान, सरदार सिंह व रामप्रवेश पांडेय, आरपी शाही व एपी जॉन की दोस्ती चर्चित थी. संडे बाजार के रघुवंश सहाय व कामेश्वर सिंह हमेशा एक साथ नजर आते थे. इसी मुहल्ले में स्व उदय शंकर सिन्हा व मनोज सिंह पवार की दोस्ती भी जानी जाती थी.
सुदर्शन व ललन के कपड़े व मकान एक जैसे
फुसरो नया रोड निवासी सुदर्शन तिवारी व ललन सिंह की दोस्ती 70 के दशक से कायम है. विशेषता यह है कि दोनों का मकान एक ही जगह और एक जैसा है. इनकी गाड़ियां भी एक जैसी हैं. दोनों रोज एक ही तरह के कपड़े पहन कर निकलते हैं. एक ही गाड़ी में दोनों साथ चलते हैं.
कोई राम-हनुमान, कोई राम-बलराम
इंटक नेता व पूर्व मुख्यमंत्री बिंदेश्वरी और रामाधार सिंह की जोडी राम-हनुमान के रूप में चर्चित थी. हर बैठक और आंदोलन में दोनों साथ रहते थे. फुर्सत में घंटों दोनों सुख-दुख व मजदूर समस्याओं के अलावा राजनीति को लेकर चर्चा करते थे. हर दिन सुबह चार नंबर फीटर टोला में रामाधार सिंह पहुंच जाते थे. बिंदेश्वरी दुबे के आने के बाद दोनों मजदूर धौडो़ं में भ्रमण के लिए निकल जाते थे. इसी तरह पूर्व मंत्री व इंटक नेता स्व राजेंद्र प्रसाद सिंह व स्व कृष्ण मुरारी पांडेय की जोड़ी राम-बलराम के रूप में चर्चित थी. मुरारी पांडेय व शंकर सिंह, कामेश्वर शर्मा व मुरारी पांडेय, शंकर सिंह व कन्हैया सिंह की दोस्ती भी गहरी थी. मुरारी पांडेय व शंकर सिंह दोनों मोटरसाइकिल से दूर-दूर तक एक साथ घूमा करते थे. सीसीएल के बोकारो कोलियरी में रामपदारथ पांडेय व चौके लाल तथा करगली में सुकुमार राय व सुनिल बनर्जी के बीच गाढ़ी दोस्ती थी.
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