15 दिनों बाद भी करगली बाजार के युवक के मिले शव मामले का उद्भेदन नहीं

सीओ ने 24 घंटे में मामले का उद्भेदन कराने का दिया था आश्वासन

By Prabhat Khabar News Desk | July 5, 2024 12:46 AM

प्रतिनिधि, फुसरो.

बेरमो थाना क्षेत्र अंतर्गत पुराना बीडीओ ऑफिस स्थित करगली बाजार बंगाली पाड़ा निवासी अमृत रजक के 35 वर्षीय पुत्र मोहन रजक का शव 19 जून की सुबह रहिमगंज के समीप गोमो-बरकाखाना रेलवे लाइन के किनारे झाड़ी से मिलने के 15 दिन बाद भी बेरमो पुलिस मामले का उद्भेदन नहीं कर पायी है. मोहन 17 जून की रात आठ बजे से लापता था. इसकी सूचना परिजनों ने लिखित आवेदन देकर बेरमो थाना को दी थी. मोहन के लापता होने के बाद शव रेलवे लाइन किनारे मिलने पर परिजनों ने उसकी हत्या का आरोप लगाकर सड़क जाम किया था. इसमें गिरिडीह के सांंसद चंद्रप्रकाश चौधरी भी पहुंचे थे. इस दौरान सड़क जाम की सूचना पर बेरमो सीओ संजीत कुमार सिंह व बेरमो थाना प्रभारी अशोक कुमार भी पहुंचे थे. परिजन घटना का उद्भेदन की मांग करते हुए शव ले जाने को तैयार नहीं थे. इसके बाद बेरमो सीओ श्री सिंह ने परिजनों को 24 घंटे के अंदर मामले का उद्भेदन और परिवार को सरकारी प्रावधान के अनुसार लाभ देने का लिखित आश्वासन सांंसद श्री चौधरी के समक्ष दिया था, लेकिन 15 दिनों बाद भी मामले का उद्भेदन नहीं होने से परिजनों का सब्र का बांध टूटे जा रहा है. अब परिजन मामले का उद्भेदन के लिए फिर से आंदोलन करने की रणनीति बना रहे हैं.

न्याय के लिए करेंगे आंदोलन :

मृतक की पत्नी सुनीता देवी देवी का कहना है कि उसके पति की हत्या कर शव को रेलवे लाइन किनारे झाड़ियों में फेंक दिया गया था. शव की स्थिति देखकर यह स्पष्ट था कि उनकी हत्या की गयी है. सड़क जाम में पुलिस-प्रशासन ने 24 घंटे के अंदर मामले का उद्भेदन करने का आश्वासन दिया था, लेकिन 15 दिनों बीत जाने के बाद भी मामले का उद्भेदन नहीं हुआ है. अब परिजनों के साथ मिलकर न्याय के लिए आंदोलन करेंगे.

17 जून को घर से निकला था मोहन, फिर नहीं लौटा :

मोहन रजक 17 जून की रात आठ बजे परिजनों को बिना बताये अपने घर से निकला था. फिर वापस नहीं लौटा. देर रात होने पर भी भोजन करने घर नहीं आने पर परिजनों ने खोजबीन शुरू किया, लेकिन आसपास के लोगों व रिश्तेदारों से पूछताछ के बाद भी कही कुछ पता नहीं चला. उसका मोबाइल भी स्वीच ऑफ बताने लगा था. इसके बाद परिजनों ने बेरमो थाना में मोहन के लापता होने की लिखित आवेदन दिया. कॉल ट्रेस में मोहन के मोबाइल के लोकेशन रानीबाग के पास बताया गया था. इसके बाद थाना में आवेदन देने के बाद परिजन रानीबाग के पास रेलवे लाइन के रास्ते पर गये तो उसके मोबाइल का कवर मिला था. 19 जून की सुबह में मोहन का शव रेलवे लाइन किनारे झाड़ी में मिला था.

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