बोकारो जिला में नहीं है एक भी वैध घाट, फिर भी प्रतिमाह चार हजार ट्रैक्टर बालू की हो रही आपूर्ति

जिला में 2015-16 व 2017-18 में 38 बालू घाट की नीलामी हुई थी. इनमें से 35 घाट की अवधि जुलाई 2019 में समाप्त हो गयी थी. जबकि तीन घाट का समय नवंबर 2019 में समाप्त हुआ.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 26, 2020 7:06 AM
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बोकारो : जिला में 2015-16 व 2017-18 में 38 बालू घाट की नीलामी हुई थी. इनमें से 35 घाट की अवधि जुलाई 2019 में समाप्त हो गयी थी. जबकि तीन घाट का समय नवंबर 2019 में समाप्त हुआ. वर्तमान में जिला में बालू के लिए दो स्टॉक सेंटर है. बेरमो अनुमंडल के खेतको व चास अनुमंडल के चंदनकियारी में विभाग की ओर से बालू स्टॉक किया जाता है. खेतको में बालू का स्टॉक खत्म हो गया है. जबकि चंदनकियारी में लगभग 1.5 लाख सीएफटी बालू का स्टॉक शेष है.

सवा करोड़ का है बालू बाजार : जिला का बालू बाजार हर माह लगभग एक करोड़ 20 लाख रुपये का है. फिलहाल इस व्यवसाय का ज्यादातर हिस्सा अवैध तरीका से ही पूरा हो रहा है. धनबाद व चंदनकियारी के स्टॉक से आपूर्ति के अलावा ज्यादातर हिस्सा अवैध तरीका से ही मिलता है. वर्तमान में स्टेट सेंड माइनिंग पॉलिसी 2017 के आधार पर काम चल रहा है. वैध घाट की समय सीमा खत्म होने के बाद से कॉमर्शियल घाट का संचालन झारखंड स्टेट मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोशन लिमिटेड कर रही है.

यहां से होती है आपूर्ति : बोकारो जिला में दामोदर नद व गवई नदी से बालू आपूर्ति की जाती है. वर्तमान में इन दोनों नदी के किनारे दर्जनों जगहों पर बालू का अवैध उठाव चल रहा है. कहीं चोरी-छिपे तो कहीं खुलेआम बालू ढुलाई हो रही है. खास कर बेरमो के खेतको, फुसरो व चंदनकियारी के सीतानाला क्षेत्र में यह आसानी से देखा जा सकता है. अवैध बालू के उत्खनन को रोकने के लिए विभाग हर संभव कोशिश कर रहा है. इसका असर भी देखने को मिल रहा है. पहले बालू प्रति ट्रैक्टर 1800 रुपया था, वह अब 3000 रुपया प्रति ट्रैक्टर हो गया है.

पेटरवार

पेटरवार प्रखंड अंतर्गत खेतको, चलकरी, तेनुघाट व पेटरवार प्रखंड के सुदूरवर्ती गागा ग्राम से सटे गोला प्रखंड के गंधौनिया घाट से हर दिन बालू का उठाव हो रहा है. बालू पेटरवार, कसमार व गोला प्रखंड के विभिन्न गाँवों में पहुंचाया जाता है. दूरी के हिसाब से दो से तीन हजार रुपया में प्रति ट्रैक्टर बालू की बिक्री होती है. पहले बालू का कारोबार बेखौफ होता था. परंतु लॉकडाउन और 10 जून के बाद बालू उठाव पर सरकार द्वारा रोक लगाने से बालू उठाव में कुछ कमी आयी है.

बेरमो

फुसरो. बेरमो में दामोदर नदी के चलकरी घाट, कदमाडीह घाट, जरीडीह घाट, बेरमो घाट, हिंदुस्तान पुल घाट, हथिया पत्थर घाट, बालू बैंकर घाट, अंगवाली घाट आदि घाटों से बालू का अवैध उठाव ट्रैक्टरों से बेरोकटोक जारी है. इन दिनों रात के अंधेरे में भी बालू उठाव होता है. अवैध बालू उठाव का विरोध करने पर बालू माफिया ग्रामीणों पर ही टूट पड़ते हैं.

नावाडीह

नावाडीह. नावाडीह प्रखंड में जमुनिया नदी और बेरमो के दामोदर नदी के घाटों से निरंतर बालू का उठाव जारी है. जमुनिया नदी के भेंडरा, दहियारी घाट और बेरमो के चार नंबर व खेतको स्थित दामोदर नदी की घाट से रोजाना दर्जनों ट्रैक्टरों द्वारा अवैध बालू का उठाव किया जा रहा है. इस बालू को प्रति ट्रैक्टर तीन हजार रुपया में बेचा जाता है. यह अवैध कारोबार दिन के उजाले में हो रहा है.

बोकारो थर्मल

बाेकारो थर्मल क्षेत्र में दामोदर नदी के झिरकी व घरवाटांड़ और कोनार नदी के छिलका पुल व लाल पुल के घाटों से प्रतिदिन अवैध रूप से बालू का उठाव किया जा रहा है़ इसमें दो दर्जन से भी अधिक ट्रैक्टर लगे रहते हैं. यहां से बालू का उठाव कर झिरकी, पेटरवार, बोकारो थर्मल व नावाडीह प्रखंड के ऊपरघाट क्षेत्र में खपाया जा रहा है़ इसके लिए 14 सौ से लेकर तीन हजार रुपया तक की वसूली की जाती है़

रोक के निर्देश पर विचार करे सरकार : चंद्रप्रकाश :बोकारो थर्मल. गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने गुरुवार को बोकारो थर्मल स्थित डीवीसी के निदेशक भवन में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राज्य के बालू घाटों से बालू उठाव पर लगायी गयी रोक पर सरकार व एनजीटी को फिर से विचार करने की जरूरत है़ कोरोना को लेकर दूसरे प्रदेशों से लौटे प्रवासी मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने को लेकर केंद्र एवं राज्य की सरकार प्रयत्नशील है. बालू के उठाव पर रोक लगा देने से विकास के कार्य कैसे होंगे? इस वर्ष बालू के उठाव पर छूट की घोषणा होनी चाहिए, ताकि ज्यादा से ज्यादा निर्माण कार्य हो और लाेगों को रोजगार मिले. नावाडीह नारायणपुर के प्रवासी मजदूर बैजनाथ महतो का शव अभी तक नहीं मिलने के मामले में सांसद ने कहा कि इस संबंध में गृह मंत्री और राज्य के सीएम को पत्र लिखा गया है, परंतु अभी तक इस पर कोई ठोस पहल नहीं हो पायी है़

चंदनकियारी में होता है बालू का अवैध भंडारण : चंदनकियारी. चंदनकियारी प्रखंड अंतर्गत अमलाबाद ओपी क्षेत्र में सीतानाला दमोदर नदी किनारे और गुंडलीभीठा गांव के समीप बालू का अवैध भंडारण किया गया है. मामले में जिला खनन विभाग ने मामला भी दर्ज किया है. स्थानीय पांच लोगों को अवैध बालू भंडारण को लेकर आरोपी बनाया है. बताया जाता है कि स्थानीय कई लोग ट्रैक्टर से बालू बेचते हैं. वहीं गुंडलीभीठा स्थित भंडारण से हाइवा से धनबाद, सिंदरी, बोकारो समेत अन्य जगहों पर बालू भेजा जाता है. खनन विभाग की छापेमारी के बाद क्षेत्र के नदी घाटों से बालू उठाव का काम धीमा है. कई बालू कारोबारी चोरी छिपे रात में भोजूडीह गवाई नदी घाट से बालू का उठाव करते हैं.

बंगाल से झारखंड में होती है बालू की तस्करी : पिंड्राजोरा. पिंड्राजोरा क्षेत्र के गवाई बराज से बालू का अवैध उठाव होता था. गवाई से भी बालू की तस्करी चोरी छिपे तीन महीना पूर्व की जाती थी. लेकिन बालू अच्छा नहीं होने के कारण ग्राहक उसे पसंद नहीं करते हैं. बंगाल कसाई नदी से लाया जा रहा बालू को लोग अच्छा होने के कारण ज्यादा खरीदते हैं. ट्रैक्टर मालिक को अच्छी कीमत भी मिल जाती है. बिचौलिया व ट्रैक्टर मालिकों की सांठ-गांठ से बंगाल कसाई नदी से बालू की तस्करी सबसे ज्यादा हो रही है. ट्रैक्टर मालिक पिंड्राजोरा क्षेत्र के कुर्रा, संथालडीह, सरदाहा सहित पिंड्राजोरा थाना को बंगाल से बालू लाते हैं. सरदार पंचायत के पोदुडीह, पैदाडीह, वसंतपुर में घाट से बालू का उठाव किया जाता है.

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