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Bokaro News : जेबीसीसीआइ स्टैंडर्डाइजेशन कमेटी की तीसरी बैठक आज

Bokaro News : कोल इंडिया द्वारा गठित जेबीसीसीआइ स्टैंडर्डाइजेशन कमेटी की तीसरी बैठक सोमवार को रायपुर में होगी.

बेरमो. कोल इंडिया द्वारा गठित जेबीसीसीआइ स्टैंडर्डाइजेशन कमेटी की तीसरी बैठक सोमवार को रायपुर में होगी. इस बैठक में उप समिति की बैठक की रिपोर्ट को जल्द सबमीट करने का मामला उठेगा. साथ ही एनसीडब्ल्यूए-11 के समझौते के जो भी मामले अभी तक अधर में हैं, उस पर मजदूर संगठन के नेता चर्चा करेंगे. बैठक के हंगामेदार होने की उम्मीद है. वेतन समझौता के डेढ़ साल बीतने के बाद भी कई अहम बिंदु हैं, जिस पर निर्णय विचाराधीन है. श्रम संगठन लगातार प्रबंधन पर भेदभाव करने का आरोप लगा रहे है. इस बैठक में इंटक को छोड़ कर बीएमएस, एचएमएस, सीटू व एटक के प्रतिनिधि के साथ कोल इंडिया व इसकी अनुषंगी इकाई के नामित प्रतिनिधि शामिल होंगे. बैठक में जो मुद्दे उठेंगे, उसमें सबसे अहम बंद मेडिकल अनफिट का है. एनसीडब्ल्यूए-11 समझौते के समय कोल इंडिया प्रबंधन की ओर से कहा गया था कि धारा 9:4:0 (बीमार व लाचार कर्मियों के आश्रित पुत्र को नियोजन) का क्लाउज यथावत चालू रहेगा, लेकिन व्यवहार व कागज में यह कहीं नहीं है. कोल इंडिया की सभी अनुषंगी कंपनियों में मेडिकल अनफिट के हजारों मामले वर्ष 2016 से लंबित हैं. इस मामले को एक सप्ताह पहले दिल्ली के सांसद संजय सिंह ने भी संसद में उठाया है. इसी तरह 20 लाख रुपया ग्रेच्युटी का मामला भी लटका हुआ है. मजदूर संगठन से जुडे़ नेताओं के अनुसार एनसीडब्ल्यूए-10 के समय रिटायर कोल कर्मियों को ग्रेच्युटी का भुगतान 01.07.2016 की तिथि से 10 लाख ही किया गया, जबकि अधिकारियों का बढ़ी हुई ग्रेच्युटी राशि 20 लाख रुपये का भुगतान 01.01. 2017 की तिथि से किया गया. इसके कारण करीब 14 हजार रिटायर कर्मी 20 लाख रुपये ग्रेच्युटी भुगतान से वंचित रह गये हैं. इसके अलावा आवास आवंटन लीज का मामला और सेवानिवृत्त कर्मियों की मेडिकल सुविधा बढ़ाने समेत अन्य मामले शामिल हैं. सीपीआरएमएस के तहत कर्मियों को पैसा भी सही रूप से नहीं मिल रहा है. आठ लाख रुपया तक कैशलेस इलाज का प्रोविजन है. सीपीआरएमएस को लेकर कोल इंडिया ने कहा था कि जल्द ही इसको लेकर कोई ठोस निर्णय लेंगे. इसको लेकर एक कमेटी भी गठित की गयी. अभी तक कमेटी की दो बैठकें हो चुकी हैं. मजदूर संगठनों के अनुसार कर्मियों के इलाज के लिए सीपीआरएमएस एन इ के फंड में कंपनी द्वारा एकमुश्त राशि की जरूरत है. वर्ष 2013 में कोल इंडिया में कार्यरत ठेका श्रमिकों के लिए गठित हाइ पावर कमेटी की अनुशंसा आज तक कोल इंडिया की किसी भी कंपनी में सही रूप से लागू नहीं हो पायी. सीटू नेता व जेबीसीसीआइ सदस्य डीडी रामानंदन ने कहा कि सोमवार को दोपहर 3.30 बजे से बैठक रखी गयी है. इतने कम समय में कितने मुद्दों पर चर्चा हो पायेगी, यह देखने वाली बात होगी.

बैठक में इंटक को शामिल नहीं करना गलत : झा

राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन (इंटक) के वरीय उपाध्यक्ष एके झा ने जेबीसीसीआइ स्टैंडर्डाइजेशन कमेटी की बैठक में इंटक को शामिल नहीं किये जाने को गलत बताया है. इस संबंध में कोयला मंत्री को लिखे पत्र में कहा कि जेबीसीसीआइ 11 की बैठक में शामिल होने के लिए न्यायालय ने आदेश दिया. मानकीकरण समिति सहित कोल इंडिया की अन्य कमेटी जेबीसीसीआइ की सब कमेटी है. इस लिहाज से राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन को कोल इंडिया सहित कोयला कंपनियों की सभी कमेटियों में इंटक को शामिल करना चाहिए. प्रबंधन साजिश कर रहा है. मंत्रालय को इस पर तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए. इधर राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर यूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष व फेडरेशन के उपाध्यक्ष वीरेंद्र प्रसाद अंबष्ठ ने कहा कि कोल इंडिया प्रबंधन मनमानी कर रहा है. न्यायालय का फैसले को कोल इंडिया नजरअंदाज कर रही है. इंटक अब चुप नहीं बैठेगी. जल्द ही बैठक कर आगे की रणनीति तय की जायेगी.

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