Jharkhand News: टीटीपीएस की बड़ी उपलब्धि, बिजली के क्षेत्र में कितना अहम है पावर ट्रांसमिशन करने की मिली शक्ति
Jharkhand News: सितंबर 1996 में टीटीपीएस के दो में से पहली यूनिट से व्यावसायिक उत्पादन शुरू होने के 25 वर्षों बाद प्लांट से पतरातू या बिहारशरीफ ट्रांसमिशन टावर लाइन में 400 केवी पर पावर ट्रांसमिट करने की शक्ति मिली है.
Jharkhand News: झारखंड सरकार के महत्वपूर्ण लोक उपक्रम ललपनिया स्थित तेनुघाट थर्मल पावर स्टेशन के लिए सोमवार का दिन ऐतिहासिक रहा. सितंबर 1996 में टीटीपीएस के दो में से पहली यूनिट से व्यावसायिक उत्पादन शुरू होने के 25 वर्षों बाद प्लांट से पतरातू या बिहारशरीफ ट्रांसमिशन टावर लाइन में 400 केवी पर पावर ट्रांसमिट करने की शक्ति मिली है. दरअसल, परियोजना के निर्माण काल के समय से ही 400 केवी पर पावर ग्रिड में विद्युत संचरण का ढांचा बनाया गया था. 400 केवी और 220 केवी के दो स्विच यार्ड हैं, लेकिन 400 केवी के स्विच यार्ड को चार्ज ही नहीं किया गया था और 220 केवी पर उत्पादित बिजली का संचरण कराया जा रहा था.
हालांकि, पावर ग्रिड की ओर से 2011-12 में इसे चार्ज करने को लेकर पहल की गयी थी, लेकिन प्रोजेक्ट शिथिल रहा. इधर, कुछ महीनों से टीवीएनएल के एमडी अनिल कुमार शर्मा ने इस ओर ध्यान देकर 400 केवी के स्विच यार्ड में आईसीटी 1 को चार्ज करवाने की प्रक्रिया शुरू करायी और सोमवार को इसमें सफलता भी मिल गयी. आईसीटी 2 को 2017 में चार्ज किया गया था, लेकिन आईसीटी 1 के चार्ज होने से अब टीटीपीएस अपनी तरफ से जुड़े पतरातू या बिहारशरीफ पावर ग्रिड में 400 केवी क्षमता पर विद्युत संचरण कर सकता है, लेकिन इसके लिये यह जरूरी है कि पतरातू या बिहारशरीफ छोर से भी इसे लेकर तैयारी पूरी हो. सूत्रों के अनुसार पतरातू छोर से भी इसकी तैयारी की जा रही है. बहरहाल, आईसीटी 1 का चार्ज सफल होने में इस कार्य में जुटे डीजीएम अशोक प्रसाद, इलेक्ट्रिकल एचओडी आशीष शर्मा, धर्मेंद्र कुमार, इइ गोपाल प्रसाद सिंह, सहायक इइ राजेंद्र प्रसाद सहित पावर ग्रिड के अधिकारियों में खुशी है.
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टीटीपीएस से जुड़े पतरातू ट्रांसमिशन टावर लाइन में अगर 220 केवी क्षमता पर 200 मेगावाट बिजली संचरण हो रही थी तो अब 400 केवी क्षमता पर 400 से 450 मेगावाट बिजली संचरण की जा सकेगी. हालांकि, पतरातू छोर से भी तैयारी होनी जरूरी है. टीटीपीएस को ये शक्ति प्राप्त होने से सैद्धांतिक सहमति प्राप्त सेकेंड फेज विस्तारीकरण में इसका बड़ा रोल होने वाला है. 660 मेगावाट की दो सुपर क्रिटिकल यूनिट यानी कुल 1320 मेगावाट यूनिट स्थापित होनी है. वर्तमान में 420 मेगावाट की क्षमता है, लेकिन अभी की स्थिति में 350 मेगावाट का उत्पादन को देखा जाय तो कुल 1670 मेगावाट बिजली का उत्पादन विस्तारीकरण बाद होगा. अब इतनी बिजली का संचरण करना भी जरूरी होगा. ऐसे में 400 केवी के पावर ट्रांसमिट की शक्ति से यह पूरा होगा. मसलन टीटीपीएस से अभी पतरातू, बिहारशरीफ व गोविंदपुर पावर ग्रिड के दो में से एक सर्किट जुड़ा हुआ है. गोविंदपुर ग्रिड के दूसरे सर्किट को भी जल्द चालू करने की बात कही जा रही है. इससे उत्पादित बिजली का आसानी से संचरण राज्य के कोने-कोने तक किया जा सकेगा.
टीवीएनएल के एमडी अनिल कुमार शर्मा ने कहा कि 400 केवी पर पावर ट्रांसमिट करने की मिली शक्ति बहुत बड़ी उपलब्धि है. यह सेकेंड फेज की राह को आसान करेगा. पतरातू छोर में भी 400 केवी के स्विच यार्ड निर्माण कर टीटीपीएस से जोड़ने को लेकर पत्र प्रेषित करेंगे.
रिपोर्ट: रामदुलार पंडा