CCL में RR Policy के तहत विस्थापितों को मिलते रहेगी नौकरी, CMD पीएम प्रसाद बोले- नहीं होगा किसी के साथ अन्याय
Jharkhand News (बेरमो, बोकारो) : CCL में विस्थापितों को RR Policy के तहत दो एकड़ जमीन पर नौकरी देने की व्यवस्था पूर्व की तरह जारी रहेगा. सौ फीसदी इसमें नियोजन मिलेगा. इसलिए विस्थापित इसको लेकर कोई गलतफहमी नहीं पाले. विस्थापित भी CCL के अंग हैं और विस्थापितों के साथ अन्याय नहीं होगा. माइंस विस्तार में जमीन मामले के निराकरण को लेकर कंपनी गंभीर है. इस दिशा में तेज गति से काम हो रहा है. उक्त बातें शुक्रवार को CCL CMD पीएम प्रसाद ने CCL के करगली गेस्ट हाउस में प्रभात खबर से विशेष बातचीत में कहीं.
Jharkhand News (राकेश वर्मा, बेरमो, बोकारो) : CCL में विस्थापितों को RR Policy के तहत दो एकड़ जमीन पर नौकरी देने की व्यवस्था पूर्व की तरह जारी रहेगा. सौ फीसदी इसमें नियोजन मिलेगा. इसलिए विस्थापित इसको लेकर कोई गलतफहमी नहीं पाले. विस्थापित भी CCL के अंग हैं और विस्थापितों के साथ अन्याय नहीं होगा. माइंस विस्तार में जमीन मामले के निराकरण को लेकर कंपनी गंभीर है. इस दिशा में तेज गति से काम हो रहा है. उक्त बातें शुक्रवार को CCL CMD पीएम प्रसाद ने CCL के करगली गेस्ट हाउस में प्रभात खबर से विशेष बातचीत में कहीं.
CCL CMD पीएम प्रसाद ने कहा कि बेरमो कोयलांचल अंतर्गत CCL B&K एरिया के AKK परियोजना अंतर्गत बरकवाबेडा गांव को पुर्नवास किया जा रहा है. यहां करीब 68 मिलियन टन कोयला है. इस एरिया के कारो परियोजना के माइंस विस्तार में कुछ बाधाएं आ रही है जिसका निपटारा किया जा रहा है. कारो बस्ती को पुर्नवास करना है. इसके लिए जगह का चयन कर लिया गया है. कारो बस्ती हटने से पांच साल तक माइंस चलेगा.
इसी तरह ढोरी एरिया के SDOCM का 39.67 हेक्टेयर भूमि का फॉरेस्ट क्लियरेंस मिल गया है. अब वन विभाग को जमीन CCL को हैंड ओवर करना है. SDOCM का कार्य भी फाइनल स्टेज में है. ढोरी एरिया दो वर्ष बाद सालाना 7-8 मिलियन टन का तथा B&K एरिया अगले साल से 10 मिलियन टन से ज्यादा कोयला उत्पादन करने वाला एरिया हो जायेगा.
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श्री प्रसाद ने कहा कि कथारा एरिया के गोविंदपुर परियोजना के विस्तार के लिए मोटेंको नाला को शिफ्ट करना है. कथारा कोलियरी का ईसी मिल गया है. जारंगडीह कोलियरी में आगामी 6-7 साल के लिए जमीन मिल गया है. आगामी 2025 तक B&K, ढोरी व कथारा एरिया मिलकर 18-20 मिलियन टन सालाना कोयला उत्पादन करेगा.
दो माह में CCL का कोल प्रोडक्शन व डिस्पैच बढ़ा
CMD श्री प्रसाद ने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष के दो माह में कंपनी ने गत वर्ष की तुलना में कोल प्रोडक्शन व ऑफटेक (कोल डिस्पैच) में पोजेटिव ग्रोथ किया है. कोल प्रोडक्शन में 3.8 मिलियन टन तथा कोल डिस्पैच में 6.2 मिलियन टन का ग्रोथ है. जबकि ओबीआर रिमूवल में 1.5 मिलियन टन का नेगेटिव ग्रोथ है. चालू वित्तीय वर्ष में कंपनी निर्धारित लक्ष्य 74 मिलियन टन उत्पादन करने का हरसंभव प्रयास करेगा. CCL के आम्रपाली परियोजना में 20 मिलियन टन
उत्पादन का जगह है. इसका फॉरेस्ट क्लियरेंस प्रोसेस में है. पिपरवार में कोल स्टॉक खत्म हो रहा है. अब अशोका परियोजना के विस्तार के लिए एफसी व ईसी लेना है.
उन्होंने कहा कि आगामी 2025 तक कंपनी का उत्पादन लक्ष्य को बढ़ाकर 145 मिलियन टन तक ले जाना है. इसके लिए फॉरेस्ट क्लियरेंस, ईसी क्लीयरेंस, रेलवे लाइन का विस्तार, भूमि का सत्यापन के अलावा पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम हो रहा है. कहा कि कथारा वाशरी में जल्द ही सालाना 3 मिलियन टन का नया वाशरी आयेगा. इसके अलावा तापीन तथा रजरप्पा में भी एक-एक नया वाशरी बनना है. रजरप्पा एरिया के विस्तार के लिए रजरप्पा ब्लॉक टू ओसीपी तथा कोतरे-बसंतपुर, पचमो परियोजना के जल्द शुरू होने की संभावना है.
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पावर व स्टील प्लांट में सौ फीसदी कोयले का डिमांड
CCL CMD श्री प्रसाद ने कहा कि देश के पावर व स्टील प्लांट में CCL का कोयले का डिमांड 100 फीसदी है, उसी अनुसार कोयले का डिस्पैच भी किया जा रहा है. DVC, NTPC सहित कई पावर व स्टील प्लांट हमारा कोयला ले रहा है. TTPS के पास 900 करोड़ बकाया होने के कारण कोयला आपूर्ति रोके जाने के सवाल पर कहा कि इतनी बड़ी कंपनी में ऐसा थोड़ा बहुत चलता रहता है. TTPS की ओर से कोयला आर्पूति मामले में कोई एप्रोच नहीं किया गया है. CCL में बकाया को लेकर कोई वित्तीय संकट नहीं है.
कोरोना को लेकर कंपनी गंभीर
उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर कंपनी काफी गंभीर है. CCL के नई सराय में 115 बेड का तथा गांधीनगर अस्पताल में 110 बेड का कोविड अस्पताल के अलावा बेरमो के जारंगडीह अस्पताल में 20 बेड का कोविड अस्पताल बनाया गया. हाल में ही बोकारो डीसी को कंपनी की ओर से 95 लाख रुपये दिये गये तथा और 75 लाख रुपये दिये जाने का प्रोसेस चल रहा है. CCL के कई अस्पतालों में शीघ्र कई नये डॉक्टर आने वाले हैं. कोरोना वैक्सीनेशन को भी कंपनी ने एक अभियान के रूप में लिया है. नई सराय व गांधीनगर अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की प्रक्रिया जारी है. कोल इंडिया के कर्मी सेल्प सेफ्टी के तहत काम करें.
Posted By : Samir Ranjan.