JPSC Result: यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड की पासआउट सावित्री कुमारी बनी झारखंड प्रशाासनिक सेवा की टॉपर

यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड की पासआउट सावित्री कुमारी झारखंड प्रशासनिक सेवा वर्ग में टॉपर है. सावित्री के पिता गांव में वेल्डिंग का छोटा-सा दुकान चलाते हैं. वहीं, सावित्री कहती है कि ग्रास रूट लेबल पर काम करने का उद्देश्य रखकर ही प्रशासनिक सेवा में जाने का मन बनाया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 31, 2022 11:33 PM

JPSC Result 2021: बोकारो जिला अंतर्गत कसमान प्रखंड के दांतू गांव की सावित्री कुमार झारखंड प्रशासनिक सेवा वर्ग की टॉपर है. बीसी कैटेगरी की सावित्री झारखंड प्रशासनिक सेवा में कट ऑफ मार्क्स अधिक रहने से अनारक्षित कोटा में टॉप पर पहुंच गयी. सावित्री की कामयाबी की जानकारी मिलते ही दांतू समेत पूरे कसमार प्रखंड में खुशी की लहर दौड़ पड़ी.

सावित्री के पिता चलाते हैं वेल्डिंग की दुकान

सावित्री के पिता राजेश्वर प्रसाद नायक गांव में वेल्डिंग की एक छोटी सी दुकान चलाते हैं. उनकी मां चिंता देवी गृहणी हैं. तीन बहनों में सावित्री दूसरे नंबर पर है. बड़ी बहन गायत्री कुमारी कंप्यूटर इंजीनियर है. हालांकि, शादी के बाद वह जॉब छोड़ दी है, जबकि छोटी बेटी सविता कुमारी मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिप्लोमा के फाइनल में है.

गांव के मिडिल स्कूल से हुई प्रारंभिक शिक्षा

सावित्री ने बताया कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव के मिडिल स्कूल में हुई. उसके बाद उनका चयन जवाहर नवोदय विद्यालय, तेनुघाट में हो गया. 2010 में वहीं से उन्हें स्कॉलरशिप में एशियन यूनिवर्सिटी ऑफ वुमेन, बांग्लादेश में जाकर स्नातक करने का मौका मिला. स्टडीज एनवायरनमेंट साइंस एंड मैथेमेटिक्स में स्नातक के बाद वह स्टडीज एनवायरनमेंट चेंज एंड मैनेजमेंट की पढ़ाई 2016 में यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड में की. उसके बाद दिल्ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी करने लगी. इस बीच करीब एक वर्ष पहले वह गांव लौटी और झारखंड प्रशासनिक सेवा में जाने के उद्देश्य से जेपीएससी की तैयारी में जुट गई.

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एक साल तक हर दिन करीब आठ घंटे की पढ़ाई

सावित्री ने बताया कि उन्होंने करीब एक वर्ष तक खुद को अपने घर में कैद कर लिया था हर दिन करीब 7 से 8 घंटे तक वह अध्ययन करती थी. माता-पिता का इसमें पूरा सपोर्ट मिलता था. उन्होंने कहा कि माता-पिता समेत पूरे परिवार को उनसे काफी उम्मीदें थी. इसलिए वह हर हाल में जेपीएससी में सफल होना चाहती थी. प्रशासनिक सेवा में जाने के निर्णय के संबंध में पूछे जाने पर सावित्री ने बताया वह इससे पहले ऑलरेडी आईआईटी, मुंबई में क्लाइमेंट चेंज डिपार्टमेंट में कार्यरत थी. उस जॉब को छोड़कर सिविल सेवा में जाने का मन इसलिए बनाया, ताकि ग्रास रूट लेबल पर कुछ काम किया जा सके. एजुकेशन से लेकर अन्य चीजों को बेहतर बनाने में अपना योगदान दे सके.

ग्रास रूट लेवल पर चीजों में बदलाव की होगी कोशिश

सावित्री ने बताया कि उनके पिता वेल्डिंग दुकान चलाते हैं. यह व्यवसाय बिजली पर निर्भर है. बिजली के अभाव में व्यवसाय को प्रभावित होते करीब से देखा. इन चीजों का मुझ पर असर हुआ. मैं चाहती थी कि प्रशासनिक सेवा में जाकर ग्रास रूट लेवल पर इन चीजों में बदलाव कर व्यवस्था को दुरुस्त किया जा सके. कहा कि जेपीएससी की सफलता से मुझे इस बात को लेकर खुशी हो रही है कि वह अपने सपनों के अनुरूप इन चीजों में अपना योगदान दे सकती है.

बधाई का लगा तांता

इधर, सावित्री कुमारी के स्टेट टॉपर होने पर दांतू निवासी भाजपा नेता लक्ष्मण कुमार नायक, पूर्व जिप सदस्य गीता देवी, मुरलीधर नायक, किरण कुमारी, महेंद्र सिंह, अमित, संतोष नायक, मोहन नायक आदि ने उनके घर पर जाकर बधाई दी है. कहा कि सावित्री ने पूरे दांतू गांव का नाम रोशन किया है.

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रिपोर्ट : दीपक सवाल, कसमार, बोकारो.

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