Bokaro News : सदर अस्पताल बाेकारो में आठ दिसंबर को सिजेरियन से जन्मे नवजात की बोकारो जनरल अस्पताल में माैत होने से नाराज परिजनों ने मंगलवार को सदर अस्पताल में जमकर हंगामा किया. प्रभारी डीएस डॉ सौरव सांख्यान को कुछ देर तक कमरे में रोक लिया. इसके बाद ओपीडी में कार्यरत चिकित्सकों ने घटना के विरोध में मरीजों को देखना बंद कर दिया. मौके पर पहुंची बीएस सिटी थाना पुलिस ने हस्तक्षेप कर लोगों को शांत कराया. हालांकि मृत शिशु के परिजनों ने मंगलवार की रात करीब सात बजे उकरीद मोड़ को जाम कर दिया. लोगों ने सड़क पर टायर जला दिये, इससे आवागमन बाधित हो गया. बीएस सिटी थाना प्रभारी सुदामा दास व चीराचास थाना प्रभारी चंदन दुबे दलबल के साथ जाम स्थल पर पहुंचे. इस दौरान आंदोलन कर रहे लोग दोषी चिकित्सक पर अविलंब कार्रवाई करने, मुआवजा और घर के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग कर रहे थे. थाना प्रभारी ने आंदोलनकारियों को सकारात्मक पहल करने का आश्वासन दिया. इसके बाद जाम हटा. आंदोलन से उकरीद मोड़ लगभग डेढ़ घंटे जाम रहा. हालांकि एक ही साइड जाम होने के कारण आवागमन ज्यादा प्रभावित नहीं हुआ. चास थाना क्षेत्र के भर्रा निवासी बच्चे के पिता सरफराज ने सदर अस्पताल की व्यवस्था पर गंभीर आरोप लगाये.
सिविल सर्जन ने गठित की जांच टीम, प्रसव कक्ष की नर्सों को हटाया :
घटना की जानकारी मिलने पर सिविल सर्जन डॉ अभय भूषण प्रसाद ने जांच टीम गठित कर दी है. टीम में एसीएमओ डॉ एचके मिश्र, डीआरसीएचओ डॉ सेलिना टुडू, डीटीओ डॉ एसएम जफरूल्लाह, डीएलओ डॉ सुधा को शामिल किया गया है. सिविल सर्जन डॉ प्रसाद ने टीम सदस्यों से 24 घंटे में जांच रिपोर्ट मांगी है. इसके अलावा सिविल सर्जन डॉ प्रसाद ने प्रसूता के परिजनों के आरोप पर एक्शन लेते हुए मंगलवार को अस्पताल में द्वितीय व तृतीय पाली में डिलीवरी कक्ष में कार्यरत सभी जीएनएम व एएनएम को हटा दिया है. साथ ही स्पष्टीकरण कर 24 घंटे में जवाब मांगा है.छह दिसंबर को बुला कर पत्नी को नहीं लिया भर्ती :
सरफराज ने बताया कि उन्होंने पत्नी शमा परवीन की तीन दिसंबर को सदर अस्पताल के ओपीडी में जांच करायी थी. डॉ रेखा ने छह दिसंबर को पत्नी को अस्पताल में नॉर्मल डिलीवरी के लिए भर्ती कराने को कहा था. छह दिसंबर को वह पत्नी को लेकर सदर अस्पताल पहुंचे, तो भर्ती नहीं लिया गया. जब पत्नी के पेट में काफी दर्द होने लगा, तो आठ दिसंबर को मरीज का सिजेरियन कर दिया गया. सिजेरियन के बाद बताया गया कि बच्चे के मुंह में गंदगी चली गयी है. इलाज के लिए बीजीएच रेफर कर दिया गया. बीजीएच जाने पर बच्चे की मौत हो गयी.चिकित्सक पर केस करने के लिए थाना में आवेदन :
नौ दिसंबर को परिजनों ने शव को दफना दिया और मंगलवार को सदर अस्पताल पहुंच कर खूब हंगामा किया. परिजनों ने सिजेरियन करने वाली महिला चिकित्सक के खिलाफ बीएस सिटी थाना में आवेदन देकर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करने का आग्रह किया. साथ ही, एसपी से दोषी के खिलाफ शीघ्र कार्रवाई करने की मांग की है.सीएस ने एसडीओ से सदर अस्पताल में पुलिस बल तैनाती मांगी :
सदर अस्पताल में मंगलवार को मरीज के परिजन द्वारा हंगामा करने पर ओपीडी में स्वास्थ्य सेवा बाधित हुई. पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ. इसे लेकर सिविल सर्जन डॉ अभय भूषण प्रसाद ने चास एसडीओ पी ढांडा को पत्र भेजकर सदर अस्पताल में पुलिस बल तैनात करने की मांग की है. कहा है कि आये दिन अस्पताल में किसी-ना-किसी तरह की घटना होने पर हंगामा किया जाता है. कई बार तोड़ फोड़ तक करने की धमकी मिली है. ऐसे में सदर अस्पताल के चिकित्सक से लेकर सुरक्षाकर्मी तक असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. सुरक्षा के लिए पुलिस बल की तैनाती अनिवार्य है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है