Jharkhand news, Bokaro news : ललपनिया (नागेश्वर) : बोकारो जिला अंतर्गत गोमिया प्रखंड स्थित उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र कर्री खुर्द पंचायत के 2 गांवों के ग्रामीणों ने श्रमदान से एक सप्ताह में ही करीब एक किलोमीटर सड़क का निर्माण कर दिया. इस सड़क के निर्माण से 5 गांवों समेत आसपास के अन्य गांवों के ग्रामीणों को आवागमन में काफी सहूलियत होगी. मालूम हो कि मुख्य पथ से इन गांवों में जाने के लिए कोई सड़क मार्ग नहीं था. ग्रामीण खराब और ऊबड़-खाबड़ रास्ते के सहारे ही अपने गांव जाने को विवश होते थे.
उग्रवाद प्रभावित कर्री खुर्द पंचायत के 2 गांव कर्मश्री और मिर्चा टांड आदिवासियों का गांव है. इन गांवों में समुचित सड़क नहीं होने से ग्रामीणों को आवागमन में काफी परेशानी उठानी पड़ती थी. इस समस्या को खत्म करने के लिए ग्रामीणों ने ठानी और श्रमदान कर करीब एक किलोमीटर सड़क का निर्माण कर अन्य ग्रामीणों के लिए सुलभ बना दिया.
कर्मश्री और मिर्चा टांड गांव पिछड़ा क्षेत्र है, जो जंगलों से घिरा है. मुख्य पथ से इन गांवों तक जाने के लिए कोई समुचित सड़क मार्ग नहीं था. ऊबड़-खाबड़ और काफी खराब सड़क होने के कारण ग्रामीणों को आवागमन में काफी परेशानी उठनी पड़ती थी. इसी समस्या को दूर करने के लिए ग्रामीण एकजुट हुए और एक सप्ताह में करीब एक किलोमीटर खराब सड़क को उपयोग में लाने लायक बना दिया.
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कर्मश्री और मिर्चा टांड के संताली गांव के 11 परिवार के सदस्यों के बीच बैठक हुई. बैठक में सड़क निर्माण के लिए हर घर से 2-3 महिला- पुरुष को श्रमदान में सहयोग करने का निर्णय लिया गया है. ग्रामीणों को श्रमदान के लिए स्वयंसेवी संस्था जन सहयोग केंद्र के नरेंद्र अकेला और रीता कुमारी ने प्रेरित करते हुए उनकी हौसला अफजाई किया.
ग्रामीणों के श्रमदान से 2 गांवों के अलावा आसपास के कई गांव के ग्रामीणों को आवागमन में काफी सहूलियत हुई. इसके तहत लोधी, कर्री, भेलवापानी, पेसरा, कर्मश्री और मिर्चा टांड के ग्रामीणों को इस सड़क के बनने से काफी लाभ पहुंचा है. इस पथ से होकर ग्रामीण विष्णुगढ़, बनासो, जमनीजरा और हजारीबाग जाने में सहूलियत होगी.
सड़क निर्माण में जुटे श्रमदान करने वाले 32 महिला-पुरुष को गूंज संस्था, नयी दिल्ली के सदस्यों ने सहयोग किया. संस्था के सदस्यों ने इन ग्रामीणों को 1 माह तक खाद्य पदार्थ नि:शुल्क उपलब्ध कराया गया. इस संस्था का उद्देश्य ग्रामीणों को जहां प्रोत्साहित करना होता है, वहीं श्रमदान से अपने क्षेत्र के विकास के लिए ग्रामीणों को जागरूक भी करती है.
श्रमदान से सड़क निर्माण करने वालों में बिलासी धान, शांति किस्कू, बसंती देवी, रुपना मांझी, तालो देवी, मंझली देवी, शिबू मांझी, धनीराम मांझी, ढेना मांझी समेत 11 परिवार के 32 ग्रामीण जुड़े थे.
Posted By : Samir Ranjan.