कसमार. कसमार प्रखंड की सिंहपुर पंचायत अंतर्गत करमा गांव के शंकरडीह टोला में बड़ा तालाब के जीर्णोद्धार कार्य को सोमवार को ग्रामीणों ने रोक दिया. ग्रामीणों ने मनमाने तरीके से काम करने का आरोप लगाया. ग्रामीणों का कहना है कि तालाब का रकवा साढ़े तीन एकड़ से ज्यादा है. तालाब में गाद भरने के बावजूद डेढ़-दो एकड़ क्षेत्र में जल क्षेत्र हुआ करता है, लेकिन संवेदक द्वारा तालाब के दक्षिणी छोर में तालाब का मिट्टी उठाकर भर दिया जा रहा है. वहीं तालाब के चारों ओर 50 फीट का मेड़ बनाया जा रहा है. जिससे तालाब संकीर्ण हो रहा है. इससे जल क्षेत्र आधे से कम हो जायेगा. ग्रामीण रैयतों का कहना है कि जिस उद्देश्य और आकांक्षा से तालाब का जीर्णोद्धार कार्य कराया जा रहा है, वह पूरा नहीं हो सकेगा. सिंचाई क्षेत्र में कमी आ जायेगी. इसकी शिकायत रैयतों ने उपायुक्त बोकारो एवं भूमि संरक्षण सर्वेक्षण कार्यालय को दे दी है. रैयतों ने तालाब के तीन ओर मात्र 15 फुट तथा उत्तर दिशा में 20-25 फुट मेड़ रखने की मांग की है. कहा कि इससे तालाब में पानी ज्यादा मात्रा में रहेगा. ग्रामीणों ने तालाब की सभी मिट्टी व गाद को दूर ले जाकर फेंकने की मांग भी की है. कहा कि ऐसा होगा तभी कार्य को करने दिया जायेगा. ग्रामीणों ने बताया कि तालाब का शिलान्यास व सूचना पट्ट भी गायब है. इससे लोगों को पता ही नहीं चल रहा है कि तालाब का जीर्णोद्धार कार्य किस मद की राशि से कौन करा रहा है. यह भी नहीं पता चलता है कि तालाब का संवेदक या पानी पंचायत कौन-कौन से लोग हैं. विरोध करने वालों में रैयत नित्यानंद महतो, हरिहर महतो, दीपक महतो, राजेश्वर महतो, कपिलेश्वर महतो, सर्वेश्वर महतो, मधुसूदन महतो, सूरजनाथ महतो, अनिल महतो, अर्जुन महतो, परमेश्वर महतो, अशोक महतो, नंदलाल महतो आदि मौजूद थे.
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