14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

टीवीएनएल एमडी के विरुद्ध दस दिनों में कराएं जांच, नहीं तो जायेंगे कोर्ट : सांसद

टीवीएनएल एमडी के विरुद्ध दस दिनों में कराएं जांच, नहीं तो जायेंगे कोर्ट : सांसद

बेरमो. गिरिडीह सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने टीवीएनएल के प्रभारी एमडी अनिल कुमार शर्मा के खिलाफ जांच के लिए अभी तक कमेटी का गठन नहीं करने व न्याय संगत कानूनी कार्रवाई नहीं किये जाने पर सवाल खड़ा किया है. उन्होंने कहा कि यह राज्य सरकार का भ्रष्टाचार के विषय पर मौन सहमति को दर्शाता है. टीवीएनएल के प्रभारी एमडी के विरुद्ध चार-पांच माह बाद भी किसी तरह की कार्रवाई नहीं होना कई प्रश्नों को जन्म देता है. सांसद ने बताया कि उन्होंने इसको लेकर पूर्व में मुख्यमंत्री, मंत्रिमंडल निगरानी विभाग व मुख्य सचिव को पत्र लिखा. मुख्य सचिव को पुनः लिखे पत्र में टीवीएनएल में हो रहे करोड़ों के घोटाले की जांच सचिव स्तर पर एक उच्च स्तरीय समिति बना कर करने व 10 दिनों के भीतर इसका जवाब देने की बात कही. सांसद ने कहा कि ऐसा नहीं करने पर झारखंड उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर मुख्य सचिव को भी पक्षकार बनायेंगे. उन्होंने कहा कि प्रभारी एमडी के पदस्थापन के तीन वर्ष बाद भी टीवीएनएल में प्रबंध निदेशक की नियुक्ति नहीं कर उन्हें ही एमडी के प्रभार में रखा गया है, जो प्रशासनिक हितों का अवैध संगम है. यह केंद्रीय सतर्कता आयोग के दिशा-निर्देशों का भी उल्लंघन है. सांसद ने कहा कि अनुभवहीन व कनीय अभियंता को प्रबंध निदेशक का प्रभार देने की वजह से टीवीएनएल के विस्तारीकरण पर वित्तीय बोझ बढ़ रहा है. अब तक करीब 200 करोड़ का वित्तीय नुकसान हो गया है. प्रभारी एमडी ने बोर्ड को गुमराह कर उच्च वेतनमान की निकासी कर ली है और यह मामला झारखंड महालेखाकार के पास विचाराधीन है. एमडी का प्रभार लेने के एक माह में ही उन्होंने सिंडिकेट बनाना शुरू किया. इसी क्रम में तेजेंद्र सिंह मल्होत्रा को बैंक हस्ताक्षरित बनाया. इसका जब साक्ष्य दिया गया तो श्री शर्मा ने बचाव का हरसंभव प्रयास किया है. आगे जाकर मल्होत्रा का भ्रष्टाचार कारनामा बढ़ने लगा व इसकी खुलेआम चर्चा होने लगी तो एमडी अपने पसंद के कृष्ण कुमार सिंह के माध्यम से बैंक हस्ताक्षरित संबंधी कार्य कर लूटखसोट को अंजाम दे रहे हैं. मजेदार बात यह कृष्ण कुमार सिंह पूर्व में उपनिदेशक रहते हुए पूरी प्रक्रिया अपनाते हुए नौकरी छोड़ दी और लंबे समय तक किसी दूसरे संस्थान में नौकरी की. इस बीच प्रभारी प्रबंध निदेशक ने अपने सिंडिकेट को मजबूत करने के लिए नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए इसकी दोबारा नियुक्ति कर ली. एमडी ने पूर्व में जांच में दोषी पाए जाने पर बर्खास्त करने व कठोर दंड देने की संचिका को नष्ट कर अभियंता अशोक प्रसाद को बहाल कर लिया और भ्रष्टाचार का खेल बदस्तूर जारी है. साथ ही टीटीपीएस में भी अनियमितता का बोलबाला है. यहां तो कर्मियों को प्रोन्नति देने में सेवा काल, आरक्षण व योग्यता की अनदेखी की गयी है. सांसद ने अपने पत्र में मुख्य सचिव का प्रभारी प्रबंध निदेशक द्वारा भ्रष्टाचार व वित्तीय अनियमितता करने संबंधी नौ बिंदुओं पर आकृष्ट कराया है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें