21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पेयजल संकट : झारखंड के टुटीझरना गांव की महिलाएं जंगल से लाती हैं पानी, जंगली जानवरों को देख ऐसी होती है स्थिति

गोमिया में लुगूपहाड़ के तलहटी में बसे टुटीझरना गांव में पानी की घोर समस्या है. ग्रामीण महिलाओं को पानी के लिए जंगल जाना होता है. इस बीच जंगली जानवरों का भय भी बना रहता है. गांव से एक-डेढ़ किलोमीटर की दूरी पहाड़ी के रास्ते होकर वे देवघर नाला से पानी लाती हैं और अपने व अपने परिवार का प्यास बुझाती हैं.

गोमिया, नागेश्वर कुमार. बोकारो के गोमिया प्रखंड अंतर्गत तिलैया पंचायत के टुटीझरना गांव में पानी की घोर किल्लत है. यह गांव लुगूपहाड़ के तलहटी में बसा है. गांव से एक-डेढ़ किलोमीटर की दूरी पहाड़ी के रास्ते होकर लोग देवघर नाला से पानी लाते हैं और अपनी प्यास बुझाते हैं.

सालोभर रहती है ऐसी ही स्थिति

गांव में यह स्थिति हमेशा बनी रहती है. बता दें कि टुटीझरना गांव में 30 से 40 की संख्या में संताली परिवारों का घर है. सभी ग्रामीण देवघर नाला से ही पानी लाते हैं. सरकारी सुविधा में महज एक कुंआ नरेगा विभाग से मिला है, जो पर्याप्त नहीं है. ग्रामीणों का कहना है कि लुगूपहाड़ से कई झरने बहते हैं, जो गांव के लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है. निरंतर बहने वाले इन झरनों से क्षेत्र में चेक डैम बना दिया जाये तो ग्रामीण उस पानी का इस्तेमाल सिंचाई आदि के लिए कर सकेंगे.

बोकारो नदी का पानी पीने लायक नहीं

ग्रामीण काफी दुखी हैं कि इस ओर ना ही पंचायत का ध्यान जा रहा है, ना ही ग्राम सभा का और ना स्थानीय जन प्रतिनिधियों का. आदिवासी परिवार के लोगों को हर घर नल जल के माध्यम से पानी भी अब तक नसीब नहीं हुआ है. टुटीझरना गांव से एक किलोमीटर की दूरी पर बोकारो नदी है, लेकिन वह पानी पीने लायक नहीं है, इसलिये अधिकांश लोग देवघर नाला का ही पानी पीने को मजबूर हैं.

…जब जंगली जानवरों को देख भागना पड़ता है

ग्रामीणों की मानें तो पहाड में अवस्थित देवघर नाला से जब वह पानी लाने जाते हैं तो वहां सांप बिच्छू का भय भी बना रहता है. ग्रामीण महिलायें पहाड़ी रास्ते होकर देवघर नाला पानी लाने क़े लिये जाती हैं, जगंल काफी घना रहने से जंगली जानवर का भी भय सताते रहता है. कई बार तो लोग बड़े-बड़े सांप को देख बर्तन फेंककर भाग जाते हैं. इस प्रकार भय के माहौल में पानी लाना पडता है. महिलाओं का कहना है कि आखिर करे तो क्या करे पानी नही लायेगें तो पीयेगें क्या?

किसी भी विभाग से नहीं कोई पहल

नरेगा से गांव में कुंआ तो मिला है, लेकिन गर्मी पड़ते ही कुंए का पानी सूख जाता है. गांव के सामाजिक कार्यकर्ता हीरालाल टुडू का कहना है कि लुगू पहाड़ से पानी का जल श्रोत है, लेकिन इस पानी को आम ग्रामीणों के बीच कैसे उपयोग में लाया जाये. इस दिशा में सरकार के किसी भी विभाग से पहल नहीं किया गया है. जबकि देवघर नाले के पानी का उपयोग पीने के अलावा सिंचाई आदि में भी किया जा सकता है. आज आजादी के 75 वर्ष गुजरने के पर भी यहां के ग्रामीण पेयजल संकट से परेशान, नदी नाले का पानी पीने को मजबूर हैं.

Also Read: Video: पानी के लिए रतजगा करने को मजबूर हैं राजधानी रांची के लोग

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें