Jharkhand news (बेरमो- बोकारो) : केंद्र सरकार के कोयला मंत्रालय ने कोल इंडिया प्रबंधन को कोयला मजदूरों के 11वें राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौता (NCWA- 11) के लिए 11वें ज्वाइंट बॉयपरटाइट कंसल्टेटिव कमेटी ऑन कोल इंडस्ट्री (JBCCI) के गठन की अनुमति दे दी है. कोयला मंत्रालय के डिप्टी सेक्रेटरी राम शिरोमणि सरोज ने गुरुवार को कोल इंडिया चेयरमैन को पत्र लिखा है.
मालूम हो कि कोलकर्मियों के 10वें वेतन समझौता की अवधि 30 जून, 2021 को समाप्त हो रही है. कोयला मजदूरों के वेतन समझौता को लेकर पहली बार अवधि समाप्त होने के पूर्व ही JBCCI गठन की अनुमति मंत्रालय ने दी है. कोल मंत्रालय के डिप्टी सेक्रेटरी राम शिरोमणि सरोज के पत्र के माध्यम से बताया गया कि चेयरमैन के JBCCI गठन के प्रस्ताव के जांच के बाद मंत्रालय ने यह निर्णय लिया कि कोल इंडिया डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेज (DPI) द्वारा 24 नवंबर, 2017 एवं श्रम कानून के तहत JBCCI के गठन के लिए कार्यवाही शुरू कर सकते हैं.
पत्र में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि जहां तक JBCCI में इंटक के प्रतिनिधित्व का सवाल, की कौन गुट JBCCI में प्रतिनिधित्व करेगा, तो अदालत द्वारा जारी आदेश को ध्यान में रखते हुए कोल इंडिया को तय करना चाहिए कि इंटक का कौन गुट JBCCI में प्रतिनिधित्व करेगा.
JBCCI गठन में प्रबंधन, सिंगरेनी कोल कंपनी लिमिटेड, निजी कोल कंपनियां एवं कोयला उद्योग में कार्यरत केंद्रीय मजदूर संगठनों की भागीदारी हो, ताकि कोयला मजदूरों के वेतन और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित हो सके. कोल इंडिया प्रबंधन को सभी हितधारकों (स्टेक हॉल्डर्स) की संतुष्टि के लिए शुरुआत से प्रयास करना चाहिए, ताकि कोयल उद्योग को अनावश्यक हानि न हो. पत्र में अभी हितधारकों से कमेटी की कार्यवाही में भाग लेने एवं एक-दूसरे को सहयोग का अनुरोध किया गया है.
बता दें कि 5 जनवरी, 2021 को दिल्ली में कोयला मंत्री की अध्यक्षता में स्टैंडिंग कमेटी ऑन सेफ्टी की संपन्न बैठक में यूनियन प्रतिनिधियों ने JBCCI गठन की मांग उठायी गयी थी. इसके बाद 22 जनवरी, 2021 को रांची में JBCCI मानकीकरण कमेटी एवं 23 जनवरी, 2021 को कोल इंडिया एपेक्स कमेटी की संपन्न बैठक में भी यूनियन प्रतिनिधियों ने JBCCI गठन की मांग उठायी थी. जानकारी के मुताबिक, एक अप्रैल 2021 को कोल इंडिया चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने कोल सचिव अनिल कुमार जैन को JBCCI गठन प्रस्ताव देते हुए एक पत्र लिखा था.
केंद्र सरकार ही कोयला उद्योग में कार्यरत मान्यता प्राप्त श्रमिक संगठनों की ओर से JBCCI के कितने सदस्य नामित होंगे, इसका फैसला करती है. इसके लिए तय तिथि के अंदर मजदूर संगठनों को JBCCI सदस्य के लिए रेगूलर व अल्टरनेट सदस्यों की सूची सरकार को उपलब्ध करानी होती है जिसके बाद सरकार की ओर से JBCCI गठन पर अंतिम मुहर लगती है. JBCCI गठन की प्रक्रिया शुरू कर दिये जाने के बाद कोल इंडिया प्रबंधन सभी पांचों यूनियन से आवंटित सीटों के हिसाब से सदस्यों का नाम मांगेगा.
10वें वेजबोर्ड में 5 मान्यता प्राप्त श्रमिक संगठनों में अंतिम समय में मजदूर संगठन इंटक का मामला कोर्ट में चले जाने तथा कोर्ट के आदेश के तहत इंटक को कोल इंडिया की किसी भी बैठक में शामिल नही किये जाने का पत्र कोल इंडिया की ओर से 2016 में जारी कर दिया गया था. जिसके कारण इंटक की ओर से बेवजोर्ड-10 में एक भी JBCCI प्रतिनिधि शामिल नहीं हुए थे और ना ही इंटक वेजबोर्ड-10 के समझौता में हस्ताक्षर ही कर पाया था.
इंटक पर दावेदारी को लेकर ददई दुबे गुट ने 14 सितंबर, 2016 को दिल्ली हाई कोर्ट में मुकदमा दायर किया था. 16 सितंबर, 2016 को ददई गुट द्वारा दायर याचिका की सुनवाई करते माननीय जज संजीव सचदेवा ने इंटक के किसी गुट को JBCCI में शामिल नहीं करने का आदेश दिया था. वेजबोर्ड-10 में BMS व HMS के 4-4 तथा एटक, सीटू के 3-3 रेगूलर व अल्टरेनट JBCCI सदस्य नामित हुए थे. यानी चारों यूनियन की ओर से कुल 14 रेगुलर व 14
अल्टरनेट सदस्यों के अलावा 14 सदस्य कोल इंडिया प्रबंधन की ओर से सदस्य थे. 10 अक्टूबर, 2017 को दिल्ली में संपन्न 10वीं बैठक में वेजबोर्ड-10 का एग्रीमेंट संपन्न हुआ था. हालांकि, संपन्न समझौते पर HMS के प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर नहीं किये थे. 1 जुलाई, 2021 से कोल कर्मियों का वेजबोर्ड-11 की अवधि शुरू हो जायेगी.
मिली जानकारी के अनुसार, कोयला मजदूरों के 11वें वेतन समझौता को लेकर कोयला मंत्रालय ने श्रम मंत्रालय, केंद्र सरकार से चारों सेंट्रल ट्रेड यूनियनों के सदस्यों का सही आकंडा मांगेगा, जैसा कि वेजबोर्ड-10 में मांगा गया था. श्रम मंत्रालय इसके लिए सीएलसी (चीफ लेबर कमिशनर) को पत्र लिख सकता है. हालांकि, मजदूरों संगठनों के मेम्बरशीप की जांच सीएलसी ही करता है. इसलिए सीएलसी ने ही कोयला मंत्रालय को चारों यूनियनों का कोयला में मेम्बरशीप का आंकड़ा उपलब्ध करायेगा. हालांकि, ऑल इंडिया स्तर पर जो मेम्बरशीप होता है उसी को सदस्यता का मुख्य पैमाना माना जाता है.
Posted By : Samir Ranjan.