कोरोना बैंड के आगे बेबश हुआ शादी धुन
कोरोना वायरस कहर के रूप में सामने आया है. सार्वजनिक जीवन के इतर निजी जिंदगी में भी इसका असर पड़ा है. लॉक डाउन के कारण कई के खुशी के लम्हें दूर होते जा रहे हैं. शादी-विवाह जैसे खुशी के मौके लॉक डाउन की भेंट चढ़ गये हैं
सीपी सिंह, बोकारो : कोरोना वायरस कहर के रूप में सामने आया है. सार्वजनिक जीवन के इतर निजी जिंदगी में भी इसका असर पड़ा है. लॉक डाउन के कारण कई के खुशी के लम्हें दूर होते जा रहे हैं. शादी-विवाह जैसे खुशी के मौके लॉक डाउन की भेंट चढ़ गये हैं. बोकारो जिला में 250 से अधिक शादी के डेट कैंसल हुए. अगला डेट कब रखा जायेगा, इसके लिए भी लोग कोरोना के लॉक होने का इंतजार कर रहे हैं. असर, शादी-ब्याह से जुड़े व्यवसाय पर हुआ है. टेंट, लाइट, डीजे, बैंक्वेट हॉल व अन्य कारोबार को लाखों रुपये का नुकसान हो चुका है. हर शादी में औसतन तीन लाख रुपया का खर्च होता है. इस हिसाब से लॉक डाउन के कारण जिला में 7.5 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ है.
हालांकि, आपसी समझ के कारण बुकिंग एडवांस को अगली तारीख के लिए सुरक्षित रखा गया है. लेकिन, इससे नयी समस्या भी सामने आने की गुंजाइश बनेगी. दरअसल, इस साल लग्न अन्य साल के मुकाबले कम है. इससे डेट की किल्लत होगी. सामने आयेगी मजदूरों की समस्याजिला में ज्यादातर टेंट व अन्य व्यवसाय के कारीगर बंगाल से आते हैं. जबकि केटरर व डीजे में स्थानीय युवा काम करते हैं.
लॉक डाउन के कारण सभी मजदूर पैतृक स्थान चले गये हैं. लॉक डाउन हटने के बाद भी मजदूरों के वापसी में समय लगेगा. जनता टेंट हाउस, चास के संचालक चनप्रीत सिंह की माने तो लॉक डाउन में इस सेक्टर को सबसे ज्यादा परेशानी आयी है. मार्च से मई तक शादी का पिक समय होता है. ये समय लॉक डाउन के भेंट चढ़ गया.
इसकी भरपाई नहीं की जा सकती है. मुकेश टेंट हाउस के मुकेश सिंह ने बताया कि हमलोगों पर दोहरी मार पड़ी है. मेन सीजन में ही दुकान बंद है. आर्डर कैंसल हुए है. इसकी भरपाई नहीं हो सकती है. मजदूर बेस्ड काम होने के कारण आर्थिक बोझ पहले जैसा ही है.