Jharkhand news, Bokaro news : बोकारो (सुनील तिवारी) : बोकारो स्टील प्लांट (Bokaro Steel plant) सहित सेल कर्मियों (Sail workers) का वेज रिवीजन (Wedge revision), लीव इनकैशमेंट (Leave encashment) और भत्ता रिवाइज्ड (Allowance revised) का मामला लटका हुआ है. इसके कारण बीएसएल- सेल कर्मियों के बीच एनजेसीएस सहित मजदूर यूनियन के प्रति गुस्सा बढ़ता जा रहा है.
मालूम हो कि बोकारो स्टील प्लांट सहित सेल कर्मियों का वेज रिवीजन (Wedge revision) पिछले 46 माह से लटका हुआ है. वहीं, लीव इनकैशमेंट (Leave encashment) 59 माह से बंद है. 2007 से भत्ता रिवाइज्ड (Allowance revised) नहीं हुआ है. आश्चर्य होगा कि सेल में अभी भी चाय पीने के लिए 2 रुपये, कैंटिन के लिए 32 रुपये, पेट्रॉल के लिए 1000 रुपये और एलपीजी के लिए 300 रुपये मिल रहा है.
वर्ष 2007 से क्वार्टर रिपेयर भत्ता (Quarter repair allowance) बढ़ाया ही नहीं गया है. अभी क्वार्टर रिपेयर भत्ता 1400 रुपये मिल रहे हैं. आवास एवं वाहन लोन (Housing and Vehicle Loans) वर्ष 2012 से बंद है. फेस्टिवल एडवांस (Festival advance) अंतिम बार वर्ष 2008 में रिवाइज्ड होकर 5000 रुपया किया गया, जो अभी तक 5000 रुपया ही मिल रहा है. इंसेटिव/रिवार्ड स्कीम (Insetive / reward scheme) का भी वही हाल है. प्रोडक्शन टारगेट (Production target) को बढ़ा दिया गया, लेकिन प्रोत्साहन राशि को नहीं बढ़ाया गया, जबकि मैनपावर (manpower) काफी कम हुआ है.
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लेबर प्रोडक्टिविटी (Labor productivity) 2010 के मुकाबले 66 प्रतिशत बढ़ा है. एलटीसी (LTC) 2007 की दर से दिया जा रहा है. रात्रि पाली भत्ता पूरी रात जागने का मात्र 90 रुपया दिया जा रहा है, जबकि दूसरे पीएसयू (PSU) में 300 रुपये तक दिया जा रहा है. वहीं, केंद्र सरकार (central government) रात्रि पाली भत्ता को लेकर इस साल एक गाइडलाईन भी जारी कर चुकी है. वाहन रिपेयर व मेंटेनेंस भत्ता (Vehicle Repair and Maintenance Allowance) साल में मात्र 2 बार 1000 रुपया मिलता है, जो एक बार सर्विसिंग कराने में ही पूरा खर्च हो जा रहा है.
एचआरए (HRA) वर्ष 2007 की दर से दिया जा रहा है, जबकि कर्मचारियों का पे-रिवीजन (Pay revision) वर्ष 2012 में हो गया था. बीएसएल-सेल का अधिकतर विद्यालय बंद पड़ा है या जर्जर है. जो चल रहा है, उसमें मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. इस कारण अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक अपने बच्चों को सेल की जमीन पर स्थापित महंगे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने को विवश हैं. इसमें 2 बच्चों का मासिक शुल्क लगभग 7000 रुपये से ऊपर तक है.
अधिकतर कर्मचारियों को 440 स्क्वायर फीट एवं 660 स्क्वायर फीट का आवास रहने के लिए दिया गया है, जो पत्नी, बच्चे एवं मां-पिताजी के साथ रहने के लिए कम है. बीएसएल सहित सेल कर्मियों की इन मांगों के पूरा नहीं होने कारण आक्रोशित हैं. कर्मियों का कहना है कि डिमांड पूरा कराने में एनजेसीएस सदस्य अक्षम साबित हो रहे हैं. यही कारण है कि एक- एक कर सभी सुविधाएं कम होती जा रही है. कई डिमांड लंबित हो गयी है.
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बोकारो इस्पात कामगार यूनियन (एटक) के महामंत्री सह एनजेसीएस सदस्य रामाश्रय प्रसाद सिंह कहते हैं कि वेज रिवीजन, लीव इनकैशमेंट सहित अन्य मांगों को लेकर यूनियन लगातार आंदोलरनत है. दुर्गा पूजा के बाद एक बार फिर आंदोलन जोरदार तरीके से शुरू होगा. 31 अक्टूबर को एटक के 100वें वर्षंगांठ के मौके पर पूरे स्टील उद्योग के लिए आंदोलन की घोषणा जायेगी. हक एवं अधिकार के लिए मजदूरों को एकजुट होकर आंदोलन करना होगा.
Posted By : Samir Ranjan.