BOKARO NEWS : हमरा सजना के लागे न कौनों नजर

BOKARO NEWS : चास-बोकारो में सुहागिनों ने करवा चौथ का व्रत रख कर चौथ माता से ‘अखंड सौभाग्य’ का वरदान मांगा.

By Prabhat Khabar News Desk | October 21, 2024 12:42 AM

BOKARO NEWS : रविवार की शाम को नीले गगन तले सुहागिनों की निगाहें दीदार-ए-चांद को तराशने में लगी थीं. कोई टीवी पर तो कोई इंटरनेट से चांद निकलने के सही समय की जानकारी ले रही थीं. चांद के दीदार को सुहागिनों को बेसब्री से इंतजार था. इस बार बादलों की लुका-छिपी ने इस बेकरारी को और बढ़ा दिया. जिन महिलाओं का यह पहला व्रत था, उनमें विशेष उत्साह था. सुहागिन महिलाओं ने रविवार को करवा चौथ का व्रत रखा. चांद और पति के चेहरे को चलनी से देखने के बाद व्रत खोला गया. महिलाओं ने पति के हाथ से पानी पीने व मिठाई से व्रत का पारण करने की रस्म निभायी. ‘ हमरा सजना के लागे न कौनो नजर, लग जाये हो हमरो उमर… ’ की कामना के साथ सुहागिनों ने चलनी से चांद का दीदार कर ‘अखंड सौभाग्य’ का वरदान मांगा. सुहागिनों ने अपने सुहाग की लंबी उम्र के लिए दिन भर व्रत रखा. चाैथ माता की कहानी सुनी. देर रात आकाश में चांद के दर्शन कर व्रत खाेला. श्रद्धा व विश्वास के साथ करवा चाैथ का पर्व बोकारो-चास में मनाया गया. सुहागिनों ने उपवास रख सुहाग की दीर्घायु व स्वास्थ्य की मंगल कामना की. रात को चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित कर व्रत को पूर्ण किया.रविवार दिन भर ब्यूटी पार्लर में मेकअप के लिए महिलाओं की भीड़ देखने को मिली. जिनकी पहली करवा चौथ थी, खासतौर पर उन्होंने पार्लरों से स्पेशल मेकअप ऑफर का लाभ उठाया. सोलह शृंगार करने में किसी सुहागन ने कोई कसर नहीं छोड़ी.

मेहंदी लगवाने के लिए ब्यूटी पार्लर में पहुंचतीं रहीं महिलाएं

: रविवार को सुबह से ही बाजारों में रौनक छायी रही. महिलाओं में काफी उत्साह रहा. देर शाम तक महिलाएं मेहंदी लगवाने के लिए ब्यूटी पार्लर में पहुंचती रही. दिन भर काफी भीड़-भाड़ रही. मेहंदी लगवाने को लेकर महिलाओं में अधिक रूचि देखी गयी. इसके लिए दुकानों पर कार्य करने वाली युवतियां विशेष तौर से इसी कार्य के लिए लगी हुई थी. महिलाओं की पसंद राजस्थानी व दुल्हन मेहंदी अधिक रही. सभी ने पति के नाम की मेहंदी रचायी.

मिट्टी से बने करवे में जलपूर्ण कर चंद्रा का दिया अर्घ्य :

करवा चौथ को लेकर घरों में उल्लास व खुशियों का वातावरण रहा. घर-परिवार में महिलाओं ने सामूहिक रूप से पूजा कर व्रत का पारण किया. महिलाओं ने चंद्रोदय के दौरान घरों की छतों पर मिट्टी से बने करवे में जलपूर्ण कर चंद्रा काे अर्घ्य दिया.

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