डुमरी विधानसभा में दूसरी बार महिला बनी विधायक, 1977 के बाद से एक ही जाति के लोग करते रहे हैं प्रतिनिधित्व
डुमरी विधानसभा के इतिहास में बेबी देवी दूसरी महिला है जो इस सीट से विधायक बनी है. इससे पहले 1967 में राजा पार्टी की राजमाता एस मंजरी देवी इस सीट से पहली महिला विधायक बनी थी. वहीं, इस क्षेत्र में 1977 के बाद से एक ही जाति के लोग प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं.
बेरमो (बोकारो), राके्श वर्मा : डुमरी विधानसभा सीट पर यह पहला मौका है जब इस बार हुए उपचुनाव में कोई महिला को विधायक बनने का शौभाग्य प्राप्त हुआ है. इस उपचुनाव में पहली बार दो प्रमुख दलों से दो महिला प्रत्याशी चुनावी दंगल में आमने-सामने थी. इसमें ‘इंडिया’ समर्थित झामुमो की बेबी देवी ने एनडीए प्रत्याशी यशोदा देवी को 17,156 वोट के अंतर से पराजित किया.
1977 से लगातार एक ही जाति के लोग कर रहे प्रतिनिधित्व
मालूम हो कि वर्ष 1972 में बेरमो विधानसभा से नावाडीह प्रखंड को काटकर डुमरी विधानसभा में शामिल कर नये विधानसभा का सृजन किया गया था. 1972 में इस सीट से कांग्रेस के मुरली भगत चुनाव जीत कर विधायक बने थे. इसके बाद 1977 में लालचंद महतो ने डुमरी विधानसभा सीट से पहला चुनाव जनता पार्टी के टिकट पर लडा था. 1977 के पहले डुमरी विधानसभा में डुमरी और पीरटांड प्रखंड शामिल था. उस वक्त कुरमी जाति के अलावा बाहर के लोग भी इस विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे. लेकिन, 1977 से लगातार एक ही जाति के लोग इस विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं.
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दिवंगत जगरनाथ महतो ने चार दफा किया प्रतिनिधित्व
नावाडीह प्रखंड व डुमरी प्रखंड को मिलाकर बने डुमरी विधानसभा में 1977 से लेकर 2019 तक तथा इस बार के उपचुनाव तक मुख्य रूप से जगरनाथ महतो, शिवा महतो व लालचंद महतो ने ही इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. इसमें सबसे अधिक चार दफा जगरनाथ महतो ने ही इस विधानसभा का प्रतिनिधित्व किया. वहीं, इस बार के उपचुनाव में फिर से कुरमी जाति से ही जुड़ी दिवंगत जगरनाथ महतो की धर्मपत्नी बेबी देवी को विधायक बनने का मौका मिला.
1969 में डुमरी विधानसभा में हुआ था मध्यावधि चुनाव
डुमरी विधानसभा में जब डुमरी व पीरटांड प्रखंड शामिल था. उस समय वर्ष 1969 में मध्यावधि चुनाव हुआ था. जिसमें राजा पार्टी के केपी सिंह ने जीत दर्ज किया था. केपी सिंह एकीकृत बिहार में पीडब्लूडी मंत्री भी बने थे.
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चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद विधानसभा क्षेत्र के विकास को लेकर रहते थे बैचेन
डुमरी विधानसभा सीट से दिवंगत जगरनाथ महतो का लगातार चार बार जीत दर्ज करने के पीछे सबसे बड़ा कारण यह था कि वे हर चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद विकास को लेकर काफी चितिंत व बैचेन रहते थे. यही कारण था कि उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र खासकर नावाडीह प्रखंड में विकास की कई बड़ी योजनाओं को धरातल पर उतारा. सड़क, पुल-पुलिया, सब स्टेशन, स्कूल-कॉलेज, पेयजल सहित अन्य क्षेत्र में विकास के अनेकों काम किये. चुनाव जीतने के बाद क्षेत्र को कभी नहीं छोड़ा.
डुमरी विधानसभा (जब डुमरी व पीरटांड प्रखंड इसमें शामिल था) अबतक जीतने वाले प्रत्याशी
वर्ष : पार्टी : विजयी प्रत्याशी
1952 : कांग्रेस : केबी सहाय
1957 : राजा पार्टी : हेमलाल परगनैत
1962 : राजा पार्टी : हेमलाल परगनैत
1967 : राजा पार्टी : राजमाता एस मंजरी देवी
1969 : राजा पार्टी : केपी सिंह
1972 : कांग्रेस : मुरली भगत
डुमरी विधानसभा (जब डुमरी व नावाडीह प्रखंड इसमें शामिल हुआ) के विजयी प्रत्याशी
वर्ष : पार्टी : विजयी प्रत्याशी
1977 : जनता पार्टी : लालचंद महतो
1980 : झामुमो : शिवा महतो
1985 : झामुमो : शिवा महतो
1990 : जनता दल : लालचंद महतो
1995 : झामुमो : शिवा महतो
2000 : जदयू : लालचंद महतो
2005 : झामुमो : जगरनाथ महतो
2009 : झामुमो : जगरनाथ महतो
2014 : झामुमो : जगरनाथ महतो
2019 : झामुमो : जगरनाथ महतो
2023 : झामुमो : बेबी देवी