World Bicycle Day: आम से खास है साइकिल की सवारी, 30 मिनट तक करें राइडिंग, करीब 300 कैलोरी होगा कम
आम से खास बन गयी है साइकिल की सवारी. हर तरफ इसका क्रेज बढ़ना लगा है. चिकित्सक भी साइकिल की सवारी को सेहत के लिए लाभकारी बताते हैं. कहते हैं कि अगर आप 30 मिनट साइकिल चलाते हैं, तो आपके शरीर से 300 कैलोरी कम होता है. वहीं, हृदय रोग को भी कम किया जा सकता है.
World Bicycle Day: बोकारो में साइकिल सुबह की सवारी बन गयी है. आमलोग सुबह-सुबह मजदूरी पर जाने के लिए साइकिल का इस्तेमाल करते हैं. खास लोग सुबह-सुबह साइकिल की सवारी को कसरत का हिस्सा बना रहे हैं. हर सुबह दर्जनों बोकारो की सड़कों पर बच्चे, युवा, बुजुर्ग दर्जनों लोगों को हैलमेट, हैंड ग्लब्स, जूता-मौजा के साथ अपने पसंद के साइकिल पर सवार होकर साइकलिंग करते देखा जा सकता है. ऐसे लोग साइकिल को एक्सरसाइज के रूप में इस्तेमाल करने के साथ बोकारो में साइकिल को बढ़ावा देने में जुटे हैं, ताकि बढ़ते प्रदूषण को कम किया जा सके.
रोजमर्रा का काम साइकिल से पूरा करने का लें संकल्प
डॉ मनोज श्रीवास्तव, डॉ शहनवाज, व्यवसायी गुप्तेश्वर सिंह एवं धमेंद्र कुमार की टीम ने बताया कि रोजाना लगभग 10 से 12 किलोमीटर साइकिल चलाते हैं. साइकिल चलाना सहेत के लिए लाभदायक है. साथ ही पर्यावरण को सुरक्षित भी करता है. बताया कि विश्व साइकिल दिवस को एक सांकेतिक कवायद के रूप में नहीं देखना चाहिए. हमें मन ही मन इस बात का संकल्प लेना होगा कि हम रोजमर्रा का काम साइकिल से पूरा करें. तभी साइकिल दिवस मनाना सफल हो पाएगा.
कोरोना काल से बाजार में घटी साइकिल की मांग
चास के साइकिल विक्रेता उदय कुमार ने बताया कि अब विभिन्न प्रकार के फीचर से लैस गियर वाली कीमती साइकिलें बाजार में आ गयी है. पहले लोगों के पास सामान्य साइकिल ही हुआ करती थी. जिस पर एक कैरियर लगा रहता था. इस पर सामान रखकर ले जाने एवं जरूरत पड़ने पर दूसरे व्यक्ति को बैठाया जाता था. कई बार तीन-तीन लोग साइकिल पर सवारी करते थे. वर्ष 1990 के बाद से साइकिलों की बिक्री में बढ़ोतरी आयी. सबकुछ ठीक चल रहा था, लेकिन कोरोना काल शुरू होने के बाद साइकिल के बाजार में मांग घट गयी. साइकिल बाजार पर पैसे की कमी के कारण हावी रहा.
Also Read: World Bicycle Day: रांची में साइकिल की सवारी बढ़ी, पर्यावरण में कम हुआ 6.5 लाख किलो कार्बन
साइकिल चलाने के फायदे
– हृदय स्वास्थ्य बेहतर बना रहता है
– शरीर का वजन नियंत्रण में रहता है
– टाइप टू मधुमेह के जोखिम कम होते हैं
– शरीर की मांसपेशियां मजबूत बनती है
– कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है
– गठिया की रोकथाम में सबसे अधिक मददगार है
– इसके अलावे तनाव को भी कम किया जा सकता है
– मांसपेशियों को बेहतर टोन दिया जा सकता है
– हड्डियों को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाता है
– बेहतरीन एक्सरसाइज के रूप में शामिल होता है
3 जून, 2018 में शुरू हुआ विश्व साइकिल दिवस
3 जून, 2018 को विश्व में पहली बार विश्व साइकिल दिवस मनाया गया. तब से दुनिया में प्रतिवर्ष साइकिल दिवस मनाया जाता है. वर्ष 2022 में हम पांचवां विश्व साइकिल दिवस मना रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र संघ ने परिवहन के सामान्य, सस्ते, विश्वसनीय, स्वच्छ व पर्यावरण अनुकूल साधन के रूप में बढ़ावा देने के लिए विश्व साइकिल दिवस मनाने की घोषणा की थी. 1947 में आजादी के बाद अगले कई दशक तक भारत में साइकिल यातायात व्यवस्था की अनिवार्य हिस्सा बनी. खासतौर पर 1960 से लेकर 1990 तक भारत में ज्यादातर परिवारों के पास साइकिल थी. यह व्यक्तिगत यातायात का सबसे ताकतवर और किफायती साधन था.
शहरी क्षेत्र में संख्या घटी, गांवों में संख्या बढ़ी
द एनर्जी एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार, पिछले एक दशक में साइकिल चालकों की संख्या ग्रामीण क्षेत्रों में 43 फीसदी से बढ़कर 46 फीसदी हुई है. शहरी क्षेत्रों में यह संख्या 46 फीसदी से घटकर 42 फीसदी पर आ गयी है. मुख्य वजह साइकिल सवारी का असुरक्षित होना बताया जाता है.
Also Read: World Bicycle Day: आम लोगों की खास सवारी, सेहतमंद रहने के लिए साइकिल का करते हैं उपयोग
नीदरलैंड की राजधानी में साइकिल चलाने की ही अनुमति
लगातार बढ़ रहे प्रदूषण की वजह से दुनियां के बहुत से देशों में साइकिल चलाने को बढ़ावा दिया जा रहा है. नीदरलैंड की राजधानी एम्सटर्डम में सिर्फ साइकिल चलाने की ही अनुमति है. भारत में दिल्ली, मुंबई, पुणे, अहमदाबाद और चंडीगढ़ में सुरक्षित साइकिल लेन का निर्माण किया गया है. उत्तर प्रदेश में भी एशिया का सबसे लंबा साइकिल हाइवे बना है. इसकी लंबाई करीबन 200 किलोमीटर से अधिक है. देश में साइकिल चालकों के अनुपात में साइकिल रोड़ विकसित किये जा रहे है. पर्यावरण संरक्षण की दृष्टिकोण से दुनिया में साइकिल की वापसी पर्यावरण की दृष्टि से बेहतर संकेत है.
साइकिल की सवारी शारीरिक व्यायाम है : चिकित्सक
केएम मेमोरियल अस्पताल, चास के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ सुजीत कुमार ने कहा कि हर दिन 30 मिनट तक साइकिल चलाएं, तो लगभग 300 कैलोरी कम किया जा सकत है. साथ ही डेढ़ से दस किलोग्राम तक कार्बन डाईआक्साइड के उत्सर्जन को रोका जा सकता है. साइकिल की सवारी शारीरिक व्यायाम है. होनेवाले हृदय रोग को कम किया जा सकता है. मांसपेशियों को मजबूत बनाये रखने के साथ शरीर को कई तरह की बीमारियों से बचा सकते है. नियमित तौर पर साइकिल चलाने से थकान या बीमार होने की आशंका कम रहती है. मोटापा पर नियंत्रण होता है. WHO के अनुसार, सप्ताह में ढाई घंटे की शारीरिक गतिविधियां करें. इसमें व्यायाम, दौड़ना, सैर, साइकलिंग आदि को शामिल किया जा सकता है.
साइकिल चलाने के दर्जनों फायदे : जनरल फिजिशियन
वहीं, बोकारो सदर अस्पताल के जनरल फिजिशियन डॉ केके दास ने कहा कि साइकिल चलाने के दर्जनों फायदे हैं. खुद को सेहतमंद रखने के साथ शहर एवं समाज को पर्यावरण दृष्टिकोण से स्वस्थ रखा जा सकता है. वायुमंडल को प्रदूषण से मुक्त बनाया जा सकता है. 30 वर्ष से अधिक उम्र के एक व्यक्ति का शरीर लगभग 2000 कैलोरी ग्रहण करता है, तो साइकिल सहित दूसरी शारीरिक गतिविधियों से 900 कैलोरी तक कम किया जा सकता है. रोज एक घंटे साइकिल चलाने से लगभग 300 कैलोरी तक बर्न किया जा सकता है. रोज 30 से 60 मिनट तक साइकिल चलाना चाहिए. इससे न केवल सेहत में सुधार होता है, बल्कि आर्थिक बचत भी होती है. जो बेहतर भविष्य के लिए सही है.
Also Read: World Cycle Day 2022: बेरमो के लैना सिंह ने 10 किमी की साइकिल रेस जीत कोल इंडिया में पायी नौकरी
चार हजार से 35 हजार तक की साइकिल उपलब्ध
दूसरी ओर, चास स्थित बिहार साइकिल के संचालक उदय कुमार ने कहा कि बाजार में चार हजार से 35 हजार तक के साइकिल उपलब्ध है. अधिकांश लोग पांच हजार की साइकिल डिमांड करते हैं. कोरोनाकाल के बाद से साइकिल का बाजार कम हुआ है. आर्थिक परेशानी के कारण लोग साइकिल कम खरीदने आ रहे हैं. रोजाना 40 लोग साइकिल के बारे में जानकारी लेने आते हैं. रोजाना 10 व्यक्ति के आसपास साइकिल की खरीदारी करते हैं. कई लोग साइकिल खरीदने से पहले मोटापा व पैर दर्द की समस्या आदि की शिकायत बताते हैं. उसी के अनुसार साइकिल देने की डिमांड करते हैं. साइकिल खरीदने के पीछे स्वास्थ्य बेहतर बनाने का राज छिपा है.
रिपोर्ट : रंजीत कुमार, बोकारो.