बेरमो में जगह-जगह विश्व आदिवासी दिवस
बेरमो में जगह-जगह विश्व आदिवासी दिवस
महुआटांड़. जगह-जगह विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया. लोगों ने एकजुट रहने और कुरीतियों से दूर रहते हुए समाज के संपूर्ण विकास का संकल्प लिया. विश्व भर के संताली आदिवासियों के आस्था के केंद्र ललपनिया स्थित लुगुबुरु घांटाबाड़ी धोरोमगाढ़ के दोरबार चट्टानी स्थित मेडिटेशन हॉल में शुक्रवार को विश्व आदिवासी दिवस पर समिति की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया. वक्ताओं ने कहा कि आज के परिवेश में आदिवासियों को और एकजुट व सशक्त होने की जरूरत है. अध्यक्षता कर रहे समिति के अध्यक्ष बबूली सोरेन व मुखिया बबलू हेंब्रम ने कहा कि संस्कृति, परंपरा, सामाजिक जागरूकता, हक व अधिकारों को लेकर संगठित रहना होगा. वैसे शक्तियों से सचेत रहे, जिनसे आदिवासी और आदिवासियत पर प्रहार नजर आये. आदिवासी मूलवासी अधिकार मंच बोकारो ईकाई के अध्यक्ष दिनेश कुमार मुर्मू व अनिल कुमार हांसदा ने कहा कि अपने अधिकारों और जल, जंगल व जमीन को लेकर जागरूक रहे. इस दौरान उपस्थित बारह मांझी बाबा को पारंपरिक शॉल भेंट कर सम्मानित किया गया. संताली कलाकारों ने सामाजिक संदेश देते गीत और संगीत प्रस्तुत किया. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आदिवासी शामिल हुए. इसके पूर्व आदिवासियों ने बाइक रैली निकाली और ललपनिया स्थित तिलका मांझी चौक, बिरसा मुंडा चौक, सिदो-कान्हु चौक, गांधी चौक, आंबेडकर चौक में महापुरुषों की प्रतिमाओं और तस्वीरों पर माल्यार्पण किया. कार्यक्रम का संचालन बुधन हांसदा व दीपक मरांडी ने किया. चंद्रदेव हेंब्रम, बबलू हेंब्रम, श्यामदेव सोरेन, सुरेश सोरेन, सीताराम सोरेन, बुधन सोरेन, फुलकुमारी सोरेन ने भी संबोधित किया. मौके पर समिति के उपसचिव मिथिलेश किस्कू, शिवराम हांसदा, विश्वनाथ बास्के, सुखराम हांसदा, मांझी बाबा मंझला मुर्मू, राजाराम किस्कू, बुधन बेसरा, अनिल कुमार हांसदा, सोमेश हेंब्रम, हीरालाल सोरेन, जगरनाथ मरांडी, किशुन हेंब्रम, सुखदेव सोरेन, हीरालाल टुडू, महावीर किस्कू, आशा मुर्मू, जोलोमुनी देवी, चांदमुनी देवी, सुशीला कुमारी, तालो देवी, विराजी देवी आदि उपस्थित थे. तेनुघाट महाविद्यालय में कार्यशाला आयोजित : तेनुघाट. तेनुघाट महाविद्यालय में प्राचार्य सुदामा तिवारी की अध्यक्षता में कार्यशाला आयोजित की गयी इसमें मुख्य रूप से वनवासी विकास आश्रम बगोदर से महेंद्र कुमार तिवारी, सूर्य कुमार मन्ना और पीतांबर तालकुदार उपस्थित थे. प्राचार्य ने कहा कि आदिवासियों कारण ही प्रकृति सुरक्षित है. प्रकृति की रक्षा और संरक्षण में आदिवासियों का बहुत बड़ा योगदान रहा है. मौके पर श्री तालकूदार ने छात्र-छात्राओं को सुरक्षित और बेहतर इन्वेस्ट के बारे में जानकारी दी.
गोमिया
. गोमिया प्रखंड अंतर्गत तुलबुल के बिरहोर टंडा में टोला सभा का आयोजन किया गया. मौके पर डीडीसी गिरजा शंकर प्रसाद के अलावा बीडीओ महादेव कुमार महतो, सीओ प्रदीप कुमार महतो, सियारी मुखिया रामबृक्ष मुर्मू, तुलबुल मुखिया, पिरामल फाउंडेशन के कोऑर्डिनेटर सहित बड़ी संख्या में आदिवासी महिला और पुरुष उपस्थित थे. आकांक्षी प्रखंड होने की वजह से सियारी, तुलबुल व कुंदा पंचायत के बिरहोर परिवारों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास से जुड़े कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. साड़ी-धोती का भी वितरण किया गया. डीडीसी ने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर जनजाति समूह की सभ्यता और संस्कृति को अक्षुण्ण रखने के लिए सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं के साथ उन्हें जोड़ा जा रहा है. आदिवासी समुदाय प्रकृति पूजक हैं. प्रकृति की रक्षा और संरक्षण उनके जीवन का हिस्सा है. आदिवासी और प्रकृति एक-दूसरे के पूरक हैं. आदिवासी समाज के उत्थान व विकास के बारे में सोचने की आवश्यकता है. सरकार द्वारा इनके कल्याण के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलायी जा रही हैं. इसका लाभ उन्हें लेना चाहिए. मौके पर कई ग्रामीण उपस्थित थे.आदिवासियों का आरक्षण छीनने की हो रही है साजिश : जगलाल
बेरमो. आदिवासी संघर्ष मोर्चा के बैनर तले महुआटांड़ के कंडेर में विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया. आदिवासियों के आरक्षण के अधिकारों को छीनने की साजिश बंद करो, आदिवासियों की जंगल व जमीन की लूट बंद करो, झारखंड में पांचवीं अनुसूची में शामिल करो जैसे नारों के साथ रैली निकाली गयी. सांस्कृतिक कार्यक्रम के बाद जन सभा हुई. संबोधित करते हुए मोर्चा के जगलाल सोरेन ने कहा कि केंद्र सरकार जनजातीय गौरव दिवस तो मनाती है, पर आदिवासियों के अधिकारों को लागू करने में पीछे भाग रही है. झारखंड में पांचवीं अनुसूची लागू नहीं हुई तो आंदोलन तेज होगा. भाकपा माले के राज्य कमेटी सदस्य भूवनेश्वर केवट ने कहा कि आदिवासी और दलितों में क्रीमी लेयर की पहचान के नाम पर आरक्षण को खत्म करने की साजिश की जा रही है. आदिवासियों की एकता को तोड़ने के लिए डीलस्टिंग का खेल खेला जा रहा है. गांव व शहर से कंपनी राज की विदाई आदिवासी दिवस की मुख्य लड़ाई है. एक्टू के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष विकास कुमार सिंह ने कहा कि आदिवासी के कारण ही जल व जंगल सुरक्षित है. पूंजीपतियों की लूट के खिलाफ संघर्ष तेज करना होगा. कार्यक्रम का समापन ””गांव छोड़ब नाहीं , लडाई छोड़ब नाहीं …के सामूहिक गान से हुआ. कार्यक्रम को मिश्रा अलका, महालाल सोरेन, राजेश किस्कू, चंद्रनाथ मांझी, झरी वास्के, लोकनाथ प्रसाद, पुषु किस्कू, फूलचंद किस्कू, सोनाराम मांझी, स्वाति देवी, सीमा मुर्मू, रीता कुमारी, संतोष किस्कू, अशोक मुर्मू आदि ने भी संबोधित किया. मौके पर सैकड़ों आदिवासी महिला व पुरुष उपस्थित थे.
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