BOKARO NEWS : दीपक सवाल/रामदुलार पंडा, कसमार/महुआटांड़. गोमिया सीट से झामुमो के योगेंद्र प्रसाद ने एक बार फिर ऐतिहासिक और अप्रत्याशित जीत दर्ज की है. दूसरी बार 90 हजार से अधिक वोट प्राप्त कर रिकाॅर्ड बनाया है. इससे पहले गोमिया में कभी किसी उम्मीदवार को इतना वोट नहीं मिला था. 2014 के चुनाव में योगेंद्र प्रसाद ने झामुमो के टिकट पर ही चुनाव लड़ा था. श्री प्रसाद पहले करीब एक दशक से अधिक समय तक आजसू पार्टी में थे. 2019 के विधानसभा चुनाव में आजसू पार्टी ने इन्हें गोमिया से उम्मीदवार बनाया, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. मात्र 23,237 वोट मिले थे. इस चुनाव में माधवलाल सिंह ने जीत दर्ज की थी. लेकिन चुनाव हारने के बाद भी श्री प्रसाद ने अपनी राजनीतिक सक्रियता पहले की तरह बनाये रखी. 2014 के चुनाव के समय भाजपा-आजसू एलायंस के तहत गोमिया सीट भाजपा के खाते में चली गयी और भाजपा ने माधवलाल सिंह को टिकट दिया. श्री प्रसाद ने पार्टी के इस फैसले का विरोध किया और आजसू पार्टी छोड़ कर झामुमो में शामिल हो गये. झामुमो ने इन्हें अपना उम्मीदवार बनाया. 2014 में भाजपा के माधवलाल सिंह और योगेंद्र प्रसाद के बीच आमने-सामने का मुकाबला हुआ. जिस गोमिया विधानसभा क्षेत्र में झामुमो उम्मीदवार को कभी 20 हजार से अधिक वोट प्राप्त नहीं हो सका था, वहां योगेंद्र प्रसाद ने 90 हजार से अधिक वोट लाकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की. लेकिन एक मामले में सजा मिलने के बाद योगेंद्र प्रसाद की सदस्यता चली गयी और 2018 में हुए उपचुनाव में आजसू पार्टी ने डॉ लंबोदर महतो को अपना प्रत्याशी बनाया. लेकिन उन्हें योगेंद्र प्रसाद की पत्नी झामुमो प्रत्याशी बबीता देवी के हाथों लगभग 1300 वोटों के अंतर से हार मिली. 2019 के विधानसभा चुनाव में डॉ लंबोदर ने वापसी की और बबीता देवी को लगभग 13 हजार वोटों के अंतर से पराजित कर दिया. इस चुनाव में डॉ लंबोदर के खिलाफ झामुमो ने योगेंद्र प्रसाद को मैदान में उतारा. दूसरी ओर झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा ने पूजा देवी को प्रत्याशी बनाया. बीते लोकसभा चुनाव में जेएलकेएम प्रत्याशी जयराम महतो को गोमिया विधानसभा क्षेत्र में मिले 72000 वोटों को देखते हुए यहां त्रिकोणीय मुकाबला होना तय माना जा रहा था, लेकिन हार और जीत का अंतर इतना अधिक होगा, इसकी संभावना किसी को नहीं थी. तीनों प्रत्याशियों के बीच कांटे की टक्कर की संभावना थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. योगेंद्र प्रसाद ने लगभग 36,093 वोटों के अंतर से जीत दर्ज किया. 2014 में 94 हजार तो इस बार 95 हजार से अधिक वोट हासिल किया. जेएलकेएम की पूजा महतो ने भी 59,077 वोट लाकर अपनी जोरदार उपस्थिति दर्ज करायी है.
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