कोरोना से जंग : सेवाती घाटी में बंगाल बॉर्डर पर पहरेदारी कर रहे युवा, रास्ते को पत्थरों से किया ब्लॉक
कोरोना बीमारी के संक्रमण से गांव एवं क्षेत्र को बचाने के लिए मुरहुलसुदी पंचायत के युवा स्थानीय सेवाती घाटी स्थित बंगाल बॉर्डर पर पहरेदारी दे रहे हैं.
दीपक सवाल, कसमार : कोरोना बीमारी के संक्रमण से गांव एवं क्षेत्र को बचाने के लिए मुरहुलसुदी पंचायत के युवा स्थानीय सेवाती घाटी स्थित बंगाल बॉर्डर पर पहरेदारी दे रहे हैं. बंगाल आवागमन के लिए सेवाती घाटी का रास्ता इस क्षेत्र के लिए सबसे सरल एवं सुगम है. हर दिन सैकड़ों लोग बंगाल आना-जाना करते हैं.
कोरोना को लेकर लॉकडाउन पुराना के बाद कुछ दिन पहले स्थानीय युवाओं ने सेवाती घाटी में रास्ता को पत्थरों से ब्लॉक कर दिया है. पत्थरों को हटाकर या किसी अन्य तरीके से बंगाल से लोग इस क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर सके अथवा इस क्षेत्र के लोग उस पार नहीं जा सके, इसके लिए स्थानीय युवा समाजसेवियों ने टीम बनाकर दिन रात घाटी पर पहरेदारी कर रहे हैं. सोमवार को बंगाल (झालदा थाना) पुलिस भी घाटी पर पहुंची और हालात का जायजा लेने के बाद घाटी पर स्थानीय युवाओं की मुस्तैदी की सराहना की.
युवाओं ने बताया कि वे लोग अहले सुबह घाटी पर पहुंच जाते हैं और देर शाम तक यहां रह कर बारी बारी से पहरेदारी करते हैं. इस दौरान सोशल डिस्टेंस का भी ख्याल रखते हैं. पहरेदारी करने वालों में स्थानीय समाजसेवी महेंद्र महतो, अखिलेश्वर मुंडा, सुरेंद्र मुंडा, नरेश कुमार महतो, मनिलाल मुंडा, रंजीत मुंडा, श्रीकांत मुंडा, सुखेश्वर गंझू, गोविंद मुंडा, परमेश्वर महतो, पुनू करमाली, गोवर्धन महतो, लाल मोहन महतो, मनोहर घासी, दीपक घासी, मनोज महतो, दिनेश मुंडा, पूरन महतो, निशिकांत महतो, अजीत महतो, अमरेश महतो, राहुल महतो, नरेश मुंडा, सुभाष महतो, मनोज ठाकुर, वीरेंद्र ठाकुर आदि शामिल है.