लोहरदगा.
लोहरदगा चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष रितेश कुमार ने प्रेस बयान जारी कर कहा है कि व्यवसायी नरेश साहू उर्फ शिबू की जिस निर्मम तरीके से सर पर गोली मारकर हत्या हुई थी, उसकी गुत्थी सुलझा ली गयी है व इसमें शामिल सभी साजिशकर्ता तथा हत्या में शामिल उत्तर प्रदेश के शूटर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. परंतु हम यह भी जानते हैं कि अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेज देना ही किसी भी केस का अंतिम मंजिल नहीं हो सकता तथा इसे इंसाफ की कैटेगरी में नहीं रखा जा सकता. बल्कि यह केवल एक क्षणिक शुकुन की हिस्सा मात्र है. क्योंकि यदि इस हत्याकांड को पुलिस प्रशासन भविष्य में गंभीरता से नही लेती है, तो वो दिन दूर नहीं कि भारतीय कानून में छेद का फायदा उठाते हुए ये क्रिमिनल पांच से छह माह में जमानत द्वारा जेल से बाहर होंगे और फिर न्यायालय में तारीख पर तारीख का खेल शुरू हो जायेगा और इस न्यायिक व्यवस्था के मकड़जाल में फंसकर इंसाफ दम तोड़ देगी. जबकि ऐसे मुकदमों में पुलिस प्रशासन को शत-प्रतिशत अलर्ट मोड में आते हुए पूरे केस की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में करवाते हुए इस निर्मम ह्र्दय विदारक हत्या जिस निर्दयता के साथ बहुत ही नज़दीकी तथा गहरे मित्र द्वारा साज़िश रचकर सुपारी किलर के माध्यम से आर्थिक मदद करने वाले व्यवसायी मित्र की हत्या करायी गयी. उसकी आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा जल्द से जल्द सुनिश्चित होनी चाहिए. ताकि पूरे महकमा में यह संदेश जाय कि हत्या जैसी गम्भीर अपराध को पुलिस प्रशासन कभी माफ नही करेगी और अपराधियों को जीवन भर जेल में गुजारना होगा अन्यथा लोहरदगा ज़िला में क्राइम एक नया आयाम की ओर बढ़ेगा और हर मदद करनेवाले संभ्रात व्यापारी व अच्छे नागरिकों की हत्या बाहरी सुपारी किलर के माध्यम से करवाने की परंपरा बन जायेगी और जिला में गलत मंशा रखने वालों का मनोबल आसमान छूयेगी. जबकि ज़िला के सम्भ्रांत और अच्छे लोगों के मन मे खौफ का साया हमेशा छाया रहेगा. लोहरदगा चैंबर ऑफ कॉमर्स पूरी निष्ठा व ताकत से साथ यह ज़ोरदार मांग करती है कि शिबू हत्याकांड में लिप्त सभी अपराधियों तथा साज़िशकर्ता को त्वरित न्यायिक प्रक्रिया पूरी करते हुए फाँसी की सज़ा पुलिस प्रशासन सुनिश्चित करे. श्रद्धांजलि दी गयीसेरेगहातू में लोगों ने श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर नरेश कुमार साहू उर्फ शिबू साहू को श्रद्धा सुमन अर्पित किया. लोगों ने शिबू के हत्यारों को फांसी देने की मांग की. मौके पर बडी संख्या में लोग मौजूद थे.