चाईबासा.
पिछले एक सप्ताह से मौसम में आये परिवर्तन से सर्दी-जुकाम, बुखार, मलेरिया, पेट दर्द व डायरिया के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. सदर अस्पताल के ओपीडी में 300 से ज्यादा विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त मरीज हर दिन इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. जिसमें बच्चों व बुजुर्गों की संख्या अधिक देखने को मिल रही है. चिकित्सक कमजोर व बुखार से पीड़ित मरीजों काे भर्ती कर इलाज कर रहे हैं. रात के समय इमरजेंसी वार्ड में मरीजों की संख्या बढ़ जा रही है. डॉक्टर भी मरीजों के बढ़ने का मुख्य कारण मौसम में हो रहे बदलाव को मान रहे हैं. मालूम हो कि इस बार नवंबर माह के शुरुआती दिनों से सर्दी ने अपना एहसास कराया है. हालांकि दिन के समय अभी सर्दी अधिक नहीं पड़ रही है. यहां पिछले दो दिनों में रात के समय कोहरे की स्थिति बनने लगी है. जिससे लोग ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े का उपयोग करने लगे हैं.विभिन्न वार्डों में ज्यादातर मलेरिया व डायरिया के मरीज भर्ती
जानकारी के अनुसार, सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में वर्तमान में विभिन्न बीमारी व सड़क दुर्घटना के करीब 46 मरीज भर्ती हैं, इसमें ज्यादातर मलेरिया पॉजिटिव व डायरिया के मरीज हैं. इसी तरह से पुरुष वार्ड में 58 बेड हैं. सभी बेड फुल हैं. इस वार्ड में 7 मलेरिया पॉजिटिव मरीज हैं. बाकी डायरिया व अन्य बीमारियों से ग्रस्त मरीज भर्ती हैं. महिला वार्ड में 32 बेड हैं. बच्चा वार्ड में वर्तमान में 53 बच्चे भर्ती हैं. जिसमें अधिकांश बच्चे मलेरिया पॉजिटिव हैं. वार्ड में पदस्थापित नर्सों ने बताया कि अस्पताल में मरीजों के लिए काफी सुविधा व्यवस्था की गयी है.
खानपान में परहेज की सलाह
अस्पताल के चिकित्सक ने बताया कि मौसम परिवर्तन के साथ ही मौसमी बीमारियों के मरीज बढ़ने लगे हैं. बुखार, सर्दी, खांसी के साथ डायरिया के मरीज भारी संख्या में पहुंच रहे हैं. खानपान व परहेज पर ध्यान दिया जाये, तो मौसमी बीमारियों के प्रकोप से बचा जा सकता है. बुखार पीड़ितों में मलेरिया के लक्षण भी मिल रहे हैं. बुखार से बचने के लिए रात में मच्छारदानी का प्रयोग करें और घर व आसपास सफाई रखें जिससे मच्छर न पनपें.
छोटे बच्चों व नवजात का रखें विशेष ध्यान : चिकित्सक
डॉक्टरों का कहना है कि दिन में तो मौसम गर्म होता है, लेकिन सुबह और रात में पहनावे पर ध्यान रखना चाहिए. दिन में लोग घर से कम कपड़े पहनकर निकलते हैं और शाम को घर पहुंचते-पहुंचते मौसम ठंडा हो जाता है. इसके साथ ही ठंडी चीजों से परहेज रखें. बच्चों को सुबह होते ही बेड से उठकर सीधे बाहर न जाने दें. सुबह फर्श पर नंगे पांव चलने से बचें. इसके अलावा सर्दी के मौसम में पानी कम मात्रा में लोग पीते हैं. जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. शरीर में पानी की कमी से डिहाइड्रेशन हो जाता है. कोल्ड डायरिया के भी शिकार हो सकते हैं.
———————————————–ठंड को देखते हुए अस्पताल प्रशासन की ओर से मरीजों के लिए कंबल की व्यवस्था तो है ही. इसके अलावा वार्डों व बच्चा वार्डों में हीटर की भी सुविधा की व्यवस्था की गयी है. हालांकि, अभी ठंड का असर उतना नहीं है. जरूरतमंदों को कंबल दिया जाता है. दवा की भी कमी नहीं है. जो भी दवा की कमी है, उसे मंगवाया जा रहा है. सदर अस्पताल में बच्चा वार्ड व बुजुर्गों के लिए विशेष सुविधा व्यवस्था की गयी है.
-डॉ शिवचरण हांसदा, उपाधीक्षक, सदर अस्पतालB
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