कोरोना की तीसरी लहर से बचाने के लिए चाईबासा में बन रहा बच्चों का पीकू स्पेशल वार्ड, रिकवर में मिलेगी मदद
Corona 3rd Wave News (चाईबासा) : पश्चिमी सिंहभूम जिला में कोरोना की तीसरी लहर से बचाव की तैयारियां तेज कर दी गयी है. इसको लेकर सदर हॉस्पिटल में पीडियाट्रिक आईसीयू तैयार हो रहा है. यहां संक्रमित बच्चे पहुंचेंगे, तो दीवारों पर बनी आकर्षक वॉल पेंटिंग व कार्टून कैरेक्टर्स उन्हें लुभाने में मदद करेंगे.
Corona 3rd Wave News (चाईबासा, पश्चिमी सिंहभूम) : पश्चिमी सिंहभूम जिला में कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप कम होने के साथ ही तीसरी लहर से बचाव की तैयारियां तेज कर दी गयी है. इसको लेकर सदर हॉस्पिटल में पीडियाट्रिक आईसीयू (Pediatric ICU- PICU) तैयार हो रहा है. यहां संक्रमित बच्चे पहुंचेंगे, तो दीवारों पर बनी आकर्षक वॉल पेंटिंग व कार्टून कैरेक्टर्स उन्हें लुभाने के साथ-साथ जल्द रिकवर करने में मदद करेंगे.
बच्चों के मन से कोरोना का भय हटाने के लिए सदर हॉस्पिटल के पीकू वार्ड को पूरी तरह चाइल्ड फ्रैंडली बनाया जा रहा है. यहां प्ले एरिया का भी निर्माण कराया जा रहा है, ताकि छोटे बच्चों को हॉस्पिटल में भी घर जैसा माहौल मिल सके. इसके लिए चाइल्ड वार्ड की दीवारों में प्रेरणादायक व कई कार्टून कैरेक्टर्स दर्शाये गये हैं. फिलहाल अभी वार्ड में बेड सेटअप होना बाकी है. इसके बाद वेंटिलेटर, HNFC, मल्टी पारा मॉनिटर, बेबी वॉर्मर आदि इंस्टॉलेशन होगा.
पाइपलाइन से ऑक्सीजन की होगी सप्लाई
सदर हॉस्पिटल के मेल वार्ड के 40 बेड को पीडियाट्रिक इंसेंटिव केयर यूनिट (पीकू) में तब्दील किया जा रहा है. इसके अलावा सदर हॉस्पिटल के 9 बेड आइसीयू समेत 40 बेड पीकू यूनिट में सेंट्रलाइज पाइपलाइन के जरिये ऑक्सीजन की सप्लाई करने के लिए हॉस्पिटल परिसर में प्रेशर स्विंग ऐड्सॉर्प्शन (PSA) ऑक्सीजन प्लांट एवं हॉस्पिटल परिसर में कोरोना जांच के लिए बर्न यूनिट को RTPCR लैब में तब्दील करने का काम भी युद्धस्तर पर जारी है. ऑक्सीजन प्लांट के लिए टैंक इंस्टॉलेशन का काम अभी बाकी है. जिसके बाद पाइपलाइन के माध्यम से ऑक्सीजन की सप्लाई सीधे तौर पर वार्डों में होगी.
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सदर के पीकू वार्ड में यह होंगे इंतजाम
जिले के सदर हॉस्पिटल में NHM के तहत अनुबंध पर प्रतिनियुक्त जिला कार्यक्रम प्रबंधक विजय कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमित बच्चों के बीच डर मुक्त वातावरण बनाये रखने को लेकर यह सारे इंतजाम किये जा रहे हैं. इसके तहत चाइल्ड वार्ड में ऑक्सीजन से लेकर सभी आधुनिक उपकरण लगाये जायेंगे. वार्ड के सभी बेडों पर ऑक्सीजन की व्यवस्था होगी. वहीं, कम से कम 20 बेड पर वेंटिलेटर की व्यवस्था होगी. साथ ही पूरे वार्ड में एसी लगाया जायेगा. इसके अलावा रेडियेंट वार्मर, पल्स ऑक्सीमीटर, नेबुलाइजर, ग्लूकोमीटर, सक्शन मशीन, पीडियाट्रिक बेड, इन्फयूजन पंप, रिसेसिटेशन अंबु बैग व मास्क आदि उपकरणों की व्यवस्था की जायेगी.
24 घंटे शिफ्ट वाइज होगा वार्ड का संचालन
सदर हॉस्पिटल के पीडियाट्रिक वार्ड में बाल रोग चिकित्सक के अलावा पारा मेडिकल स्टाफ, GNM, ANM, वार्ड बॉय 24 घंटे शिफ्ट वाइज उपलब्ध रहेंगे. इसके अतिरिक्त वार्ड में बच्चों के मनोरंजन के लिए LED टीवी, कॉमिक्स बुक, कलर बुक, इंनडोर गेम, लूडो, कैरमबोर्ड, चेस, कई तरह के सॉफ्ट टॉयज आदि की भी व्यवस्था की जायेगी, ताकि बच्चों संक्रमण मुक्त होने के बाद खेलते-कूदते खुद को रिकवर कर सकें.
डॉक्टर्स व नर्सिंग स्टॉफ को प्रशिक्षण
जिले के सभी स्वास्थ्यकर्मियों को पीडियाट्रिक वार्ड व ICU में कैसे इलाज करना है, बच्चे की स्थिति गंभीर होने पर उसे नर्सिंग ट्रिटमेंट किस तरह दिया जा सके, इन सभी चीजों को लेकर ट्रेनिंग दी जा रही है. सदर हॉस्पिटल से हर सप्ताह 6-6 स्वास्थ्यकर्मियों की टीम को प्रशिक्षण के लिए रांची के रानी चिल्ड्रेन हॉस्पिटल भेजा जा रहा है. दो टीम ने सफलतापूर्वक ट्रेनिंग पूरा भी कर लिया है. इसका लाभ निश्चित रूप से 0 से 18 साल के संक्रमित होने वाले बच्चों को मिलेगा.
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Posted By : Samir Ranjan.