Jharkhand news, Chaibasa news, चाईबासा (सुनील कुमार सिन्हा) : एक ओर जहां नगर परिषद शहर में निर्माणाधीन 150 प्रधानमंत्री आवास योजनाओं को पूर्ण कराने के लिए सिर खपा रहा है, वहीं दूसरी ओर अब तक बन चुके करीब दर्जनभर प्रधानमंत्री आवासों का इस्तेमाल व्यवसायिक गतिविधियों के लिए किया जा रहा है. ऐसे में आवासों में या तो दुकान खोल दिये गये हैं या फिर भाड़े पर लगा दिया गया है.
इतना ही नहीं, मौजूदा समय में वैसे लोग भी इस योजना का लाभ ले रहे हैं, जो सक्षम हैं और करीब आधा दर्जन दुकान भी बनवा रहे हैं. ऐसे लोग प्रधानमंत्री आवास के साथ दुकानों का भी निर्माण कराने में जुटे हैं. वहीं, कई जगहों पर 2. 25 हजार रुपये का प्रधानमंत्री आवास 2 मंजिला तक बना लिए गये हैं. ऐसे में इस योजना का एक तरह से धड़ल्ले से विचलन किया जा रहा है. सबसे ज्यादा विचलन मेरीटोला व श्मशान काली रोड के आसपास बने प्रधानमंत्री आवास में हो रहा है.
किसी आवास में पेंट, तो किसी में वस्त्र और जेनरल स्टोर की दुकानें खोल दी गयी है. ऐसे में योजना अपने मूल उद्देश्य से भटकने लगा है. नगर परिषद के प्रधान मंत्री आवास योजना के सिटी मैनेजर संतोष वेदिया ने भी माना है कि कुछ लाभुकों द्वारा ऐसे आवासों में दुकान खोलकर उसका कॉमर्शियल इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में भी आया है. लिहाजा इस मामले में वरीय अधिकारी से मार्गदर्शन मांगा जायेगा.
Also Read: Christmas 2020 LIVE Jharkhand : प्रभु यीशु के आगमन पर सजे झारखंड के गिरजाघर, होगी विशेष प्रार्थना
जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री आवास योजना 2022 तक के लिए बनायी गयी है. इस अवधि तक कच्चे मकान में रहने वाले गरीबों को पक्का मकान बनाकर देना है. शहर के 21 वार्डों में अब कुल 1209 प्रधानमंत्री आवास बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इनमें से 1059 आवास पूर्ण करा लिए गये हैं, जबकि 150 आवासों का निर्माण कराया जा रहा है. इसके अलावा 131 नये आवास का प्रस्ताव भी नगर विकास आवास विभाग को भेजा गया है. फिलहाल मौजूदा समय में इन आवासों का निर्माण कार्य काफी धीमी गति से चल रहा है. ऐसे में इस योजना के सिटी मैनेजर वैसे लाभुक, जिन्होंने पैसे लेने के बावजूद काम को समय पर पूर्ण कराने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं उन्हें अविलंब निर्माण कार्य पूर्ण कराने को कहा है.
प्रधानमंत्री आवास वैसे लाभुकों को ही आवंटित किया जाना है कि जिनके पास जमीन तो है, लेकिन पक्का मकान नहीं है और वे पक्का मकान बनाने की स्थिति में नहीं हैं. ऐसे लोगों को जमीन के कागजात की फोटो कॉपी, वोटर आईडी, आधार कार्ड आदि जमा कराना पड़ता है. योग्य पाये जाने के बाद ऐसे लोगों को आवास आवंटित कर दिया जाता है. नियमत: इस आवास का उपयोग उसी के लिए किया जा सकता है, जिस उद्देश्य से लाभुकों के नाम पर यह योजना स्वीकृत की गयी है. ऐसे आवासों का न तो कॉमर्शियल इस्तेमाल किया जा सकता है और ना ही इसे बेचा या खरीदा जा सकता है. वहीं, आवास के दीवार पर प्रधानमंत्री आवास लिखवाना भी जरूरी है.
सिटी मैनेजर संतोष वेदिया का कहना है कि यह योजना लाभ वैसे लोग ही ले सकते हैं जो पक्का मकान बनाने में सक्षम नहीं हैं. प्रधानमंत्री आवास का इस्तेमाल केवल आवास के रूप में ही इस्तेमाल किया जा सकता है. इस आवास को दुकान नहीं बनाया जा सकता है. ना ही इसकी खरीद- बिक्री की जा सकती है.
Posted By : Samir Ranjan.