झारखंड के करीब 80 गांव करेंगे लोकसभा चुनाव का बहिष्कार! जानें क्या है मांग

पश्चिमी सिंहभूम जिले के बंदगांव प्रखंड के वन ग्रामों को राजस्व गांव का दर्जा देने की मांग की जा रही है. वन ग्रामों को राजस्व गांव का दर्जा नहीं मिला तो करीब 80 वनग्राम के ग्रामीण लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 18, 2023 2:00 PM
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बंदगांव (पश्चिमी सिंहभूम), अनिल तिवारी. पश्चिमी सिंहभूम जिले के बंदगांव प्रखंड के वन ग्रामों को राजस्व गांव का दर्जा देने की मांग की जा रही है. वन ग्रामों को राजस्व गांव का दर्जा नहीं मिला तो करीब 80 वनग्राम के ग्रामीण लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे.

राज्यपाल, सीएम सहित 15 मंत्री-अधिकारी को सौंपा गया मांग पत्र

वनाधिकार समिति के अनुमंडल सदस्य मानी हंस मुंडा के नेतृत्व में बंदगांव प्रखंड के वनग्रामों के प्रतिनिधिमंडल ने अपनी मांग को लेकर राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, कल्याण मंत्री चम्पई सोरेन सहित 15 अधिकारियों का मांग पत्र सौंपा. इन अधिकारियों में पश्चिमी सिंहभूम उपायुक्त अनन्य मित्तल, मानव आयोग, वन प्रमंडल पदाधिकारी, एसडीओ, वन मंत्री, सीओ, बीडीओ समेत अन्य को शामिल किया गया था.

मांग पत्र में क्या लिखा

मांग पत्र में वन अधिकार कानून के तहत बंदगांव प्रखंड में स्थित वन ग्रामों को राजस्व गांव का दर्जा दिलाने की मांग की गई है. मौके पर वनाधिकार समिति के अनुमंडल सदस्य मानी हंस मुंडा ने कहा कि वन ग्रामों को राजस्व गांव का दर्जा नहीं मिलने पर लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया जायेगा.

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मानी हंस मुंडा ने कही ये बातें

मानी हंस मुंडा ने कहा कि वन अधिकार कानून 2006, नियम 2008 और संशोधन नियम 2012 के तहत केन्द्र सरकार ने पति-पत्नी दोनों के नाम से वन भूमि जमीन को 10 एकड़ देने का प्रावधान दिया है. पोड़ाहाट में वन विभाग के लोगों ने दावा पत्रों में कटौती करके 1 एकड़ या 2 एकड़ वन पट्टा जमीन दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सामुदायिक एवं सिमांकन नाजिर नक्शा के अंदर का चरागाह जंगल से वन उपज को संग्रह करना और जंगल की रक्षा करना, ग्राम सभा का अधिकार है.

ग्रामीणों ने ग्राम सभा कर निर्णय लिया

मुंडा ने कहा कि हर वन ग्राम के ग्रामीणों ने ग्राम सभा कर निर्णय लिया है कि जिस वन ग्राम में भौतिक सत्यापन हुआ है और व्यक्तिगत वन पट्टा मिल चुका है. उन वन ग्रामों का झारखंड सरकार द्वारा सर्वे कर खुटकट्टी में घोषित कर राजस्व गांव में बदलाव करें. जिसके बाद गांवों के ग्राम सभा के मुंडा चंदा के रूप में रशीद काट काटकर अंचल कार्यालय एवं कर्मचारी के पास जमा करेंगे. ताकि वन ग्रामों के स्कूल, बच्चों का जाति, आवासीय प्रमाण पत्र बन सके और वन ग्रामिणों लाभुकों को भी झारखंड सरकार द्वारा लाभ मिल सके.

मौके पर मानीहंस मुंडा, विल्सन सोय, मंगलदास हंस, माधो पूर्ती, धर्मदास बंकिरा,  मोर्गा सोय, अभिराम हंस मुंडा, पौलुस पूर्ति आदि लोग मौजूद थे.

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