केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को चाईबासा के टाटा कॉलेज मैदान से 2024 के लोकसभा चुनाव का शंखनाद करते हुए हेमंत सोरेन सरकार के भ्रष्टाचार पर हमला बोला. उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं को संकल्प दिलाया कि वे इस भ्रष्ट सरकार को आगामी चुनाव में सत्ता से बेदखल करेंगे. श्री शाह ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार को 2024 के लोकसभा चुनाव में ही परिवर्तन के संकेत मिल जायेंगे. शनिवार को चाईबासा मैदान के विजय संकल्प महारैली को संबोधित कर श्री शाह ने हेमंत सरकार की खतियान आधारित स्थानीय नीति पर निशाना साधते हुए कहा कि हेमंत सरकार ने रोजगार के नाम पर युवाओं को धोखा दिया.
खतियान नीति के नाम पर आदिवासी समाज को धोखा दिया. शिक्षा के नाम पर नौनिहालों को धोखा दिया. उन्होंने कहा कि चाईबासा क्षेत्र की बंदोबस्ती 1964 में हुई. हो जनजाति के भाई-बहन कान खोलकर सुन लें. पूरी बंदोबस्ती 1964 में हुई. अब यह कह रहे हैं कि 1932 के खतियान के आधार पर ही नौकरी देंगे. तो क्या चाईबासावालों को नौकरी मिलेगी? इससे पूर्व जैसे ही अमित शाह मंच पर पहुंचे, भीड़ ने उनका स्वागत जय श्री राम के नारे के साथ किया. गृहमंत्री अमित शाह ने ‘जय जोहार’ कहकर संबोधन शुरू किया. कहा कि हेमंत भाई, चाईबासा की आवाज सुनिए. जब आप चुनाव के मैदान में आयेंगे, तो आपको पता चल जायेगा. आपने आदिवासियों के लिए कुछ नहीं किया. सिर्फ भ्रष्टाचार किया.
वामपंथी उग्रवाद समाप्ति की ओर
अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस की जब सरकार देश में थी, तो वामपंथी उग्रवाद चरम पर था. वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने. हमने विकास और कठोर कार्रवाई के जरिये हथियार से लैस ऐसे संगठनों को खत्म किया. बाकी पेज 13 पर
उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की. इसका नतीजा यह हुआ कि वर्ष 2009 में 2258 वामपंथी घटनाएं हुईं थीं. वर्ष 2021 में यह संख्या 500 से कम रह गयीं हैं. वामपंथी उग्रवाद समाप्ति की ओर जा रहा है. श्री शाह ने कहा कि हमने बहुत बड़ा संयुक्त अभियान चलाया. इसके तहत बूढ़ा पहाड़, बिहार का चक्रबंधा, भीमबंधा और वहां के दुर्गम क्षेत्रों में सीआरपीएफ ने एक निर्णायक जीत हासिल की. उसके साथ वहां स्थायी कैंप भी लगाये. ऑपरेशन ऑक्टोपस, ऑपरेशन डबल बुल और ऑपरेशन चक्रबंधा ने वामपंथी उग्रवादियों की कमर तोड़कर रख दी. आज मैं आपलोगों से कहने आया हूं कि मोदी जी के नेतृत्व में कुछ ही समय में ये वामपंथी उग्रवाद समाप्त हो जायेंगे. झारखंड में विकास का नया रास्ता खुलेगा.
कार्यक्रम में ये नेता भी पहुंचे
अमित शाह के कार्यक्रम में झारखंड के तीन पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास, प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष दीपक प्रकाश, सांसद निशिकांत दुबे, सांसद सुनील सोरेन, मेनका सरदार, समीर उरांव, विद्युतबरण महतो, सुनील सोरेन, दिनेशानंद गोस्वामी, झारखंड के प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी समेत तमाम बड़े नेता चाईबासा पहुंचे थे. रांची की मेयर आशा लकड़ा भी कार्यक्रम में शामिल हुईं.
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झारखंड की जनता ने राज्य में सरकार बदलने का निश्चय कर लिया है. नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जनता के आशीर्वाद से सिंहभूम समेत पूरे झारखंड में कमल खिलेगा.
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झारखंड का मुख्यमंत्री तो आदिवासी है, लेकिन यह सरकार आदिवासियों की विरोधी है. हेमंत सरकार के कार्यकाल में भ्रष्टाचार चरम पर है. बिचौलिये, दलाल और आदिवासियों की जमीन हड़पनेवाले हावी हो गये हैं.
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ऐसा नहीं है कि हेमंत सरकार ने कुछ नहीं किया, उसने भ्रष्टाचार किया, आदिवासियों की जमीन घुसपैठियों को दी. जनजातीय महिलाओं की रक्षा की जगह अपनी वोट बैंक की राजनीति करना सुनिश्चित किया.
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चाईबासा क्षेत्र की बंदोबस्ती 1964 में हुई थी, लेकिन हेमंत सरकार कहती है 1932 के आधार पर नौकरी देंगे.
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कांग्रेस की सरकार में वामपंथी उग्रवाद चरम पर था, नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद वामपंथी उग्रवाद समाप्ति की ओर.
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हेमंत सरकार ने डीएमफटी फंड के सारे नॉर्म्स बदले, मनमाफिक खर्च किया, लूट-खसोट का कार्यक्रम चलाया
नौकरी की संख्या बढ़ाओ, नहीं तो कुर्सी खाली करो
श्री शाह ने कहा कि हेमंत सरकार नौकरी की संख्या बढ़ाये. अगर ऐसा करने का दम सरकार में नहीं है, तो कुर्सी खाली कर दे. हम यह काम करेंगे. आदिवासी, गैर-आदिवासी, पिछड़ा आदिवासी ये क्या लगा रखा है? झारखंड को बर्बाद करने पर क्यों तुले हो? झारखंड के लोगों ने ही आपको मुख्यमंत्री बनाया. मुख्यमंत्री बनने के बाद आपने पूरी की पूरी सरकार लुटेरों और दलालों के हाथों में दे दी.गृह मंत्री ने कहा कि राज्य में अवैध घुसपैठिये जनजातीय बच्चियों से जबरन शादी कर रहे हैं. उसके बाद उनकी जमीन लूट रहे हैं. हेमंत सरकार घुसपैठियों की इस हिमाकत को रोके, नहीं तो झारखंड की जनता माफ नहीं करेगी. वोट बैंक की लालच जनजातियों के हित से बड़ी नहीं हो सकती.