Loading election data...

Bank Strike 2021 : निजीकरण के विरोध में 2 दिन बैंक बंद, कोल्हान में बैंककर्मियों का प्रदर्शन

Bank Strike 2021, Jharkhand News, Chaibasa News, चाईबासा न्यूज : सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के खिलाफ देशव्यापी बैंक कर्मचारियों के 2 दिवसीय हड़ताल का असर कोल्हान में भी देखने को मिला. बैंक ऑफ इंडिया शाखा, चाईबासा स्थित जैन मार्केट चौक से बैंक कर्मियों ने बैंकों के निजीकरण के विरोध में जुलूस निकाल कर प्रदर्शन किया. जुलूस शहर के विभिन्न मार्गों से गुजरते हुए SBI ऑफिस पहुंचे और यहीं पर सभी कर्मचारी धरने पर बैठ गये. इस दौरान जुलूस में शामिल कर्मियों ने केंद्र सरकार के आर्थिक व जनविरोधी नीति के खिलाफ नारेबाजी की.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 15, 2021 3:22 PM
an image

Bank Strike 2021, Jharkhand News, Chaibasa News, चाईबासा न्यूज (भागीरथी महतो) : सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के खिलाफ देशव्यापी बैंक कर्मचारियों के 2 दिवसीय हड़ताल का असर कोल्हान में भी देखने को मिला. निजीकरण के विरोध में बैंक कर्मियों ने सोमवार (15 मार्च, 2021) को जुलूस निकाल कर प्रदर्शन किया.

बैंक ऑफ इंडिया शाखा, चाईबासा स्थित जैन मार्केट चौक से बैंक कर्मियों ने बैंकों के निजीकरण के विरोध में जुलूस निकाल कर प्रदर्शन किया. जुलूस शहर के विभिन्न मार्गों से गुजरते हुए SBI ऑफिस पहुंचे और यहीं पर सभी कर्मचारी धरने पर बैठ गये. इस दौरान जुलूस में शामिल कर्मियों ने केंद्र सरकार के आर्थिक व जनविरोधी नीति के खिलाफ नारेबाजी की.

सोमवार और मंगलवार को प्रस्तावित बैंक हड़ताल से करोड़ों का लेन-देन प्रभावित हो रहा है. वहीं, लगातार तीसरे दिन बैंकों में ताला लगने के कारण व्यवसायियों और उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर 2 दिवसीय देशव्यापी हड़ताल की शुरुआत की गयी.

Also Read: Jharkhand News : झारखंड में स्कूल खुलने के बाद सिर्फ 38 फीसदी बच्चे आ रहे हैं स्कूल, जानें किस क्लास की क्या है स्थिति

बैंक इम्प्लाइज यूनियन के सहायक महासचिव देवाशीष बक्सी ने कहा कि सरकार ने बजट में सार्वजनिक बैंकों के निजीकरण की घोषणा की है, जो आर्थिक एवं सामाजिक दृष्टि से देश के लिए घातक है. यह फैसला आम आदमी तक सस्ती एवं सुलभ वित्तीय सेवाओं को पहुंचने में बाधा उत्पन करेगा. राष्ट्रीयकृत और ग्रामीण बैंकों को शामिल किया गया है. इसमें सीधे तौर पर पेश हुए बजट में बैंकों के निजीकरण किये जाने की घोषणा और नये श्रम कानून का विरोध किया जा रहा है.

Posted By : Samir Ranjan.

Exit mobile version