चाईबासा.सदर अनुमंडल चाईबासा के खूंटकट्टी रैयत रक्षा समिति का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को मंत्री दीपक बिरुवा से उनके सरनाडीह स्थित कार्यालय में मिला. इस दौरान प्रस्तावित चाईबासा-बाइपास सड़क निर्माण कार्य से रैयतों को होनेवाले विस्थापन से अवगत कराया और मांगपत्र सौंपा. समिति के प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री श्री बिरुवा से कहा कि 24 जनवरी, 2025 को भी खूंटकट्टी रैयत रक्षा समिति की ओर से तोलगोयसाई में बैठक हुई थी. इसमें सड़क निर्माण कार्य के लिए रैयतों ने अपना बहुफसली सिंचित कृषि भूमि देने के लिए असहमति जतायी थी. जबकि विगत एक वर्षों से समिति की ओर से संबंधित पदाधिकारियों को लिखित रूप से असहमति मांग पत्र प्रेषित करने के साथ ही लोकतांत्रिक मूल्यों के आलोक में चरणबद्ध आंदाेलन जारी है.
रोजी रोटी के लिये जमीन ही आधार
वहीं, समिति ने कहा कि यह जमीन जीवन जीने के लिए एक मात्र उपजाऊ भूमि है. इसे सड़क निर्माण का कार्य के लिए दिया जाये, तो रैयतों के सामने जीवन जीने का संकट आ जायेगा. इसके साथ ही हमारी धार्मिक आस्था व देशाउली, ससनदिरी, सहित अन्य देवी-देवता के स्थल का भी नाश हो जायेगा. गांव में विभिन्न तरह की महामारी होने की आशंका है. मंत्री ने कहा कि यहां पेसा कानून है, जिसे सख्ती से लागू करना है. मौके पर बलभद्र सावैंया, केदारनाथ कालुंडिया, मुंडा गुरुचरण देवगम, कृष्ण चंद्र सावैंया, मैथ्यू देवगम, ठाकुर सिंह पूरती, रोबिन पाड़ेया, विजय सिंह सुंडी, सुरेंद्र बानरा, सुरेश बिरुली, सिद्धेश्वर डुबराज तियु, मधु पूरती, नानू बानरा आदि मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है