चाईबासा.व्यवहार न्यायालय के सभागार में आयोजित एलएसयूएम (मानसिक रूप से बीमार लोगों के लिए विधिक सेवाएं यूनिट) मनोनया के सदस्यों की ओर से आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का समापन हुआ. जिसका मार्गदर्शन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष मोहम्मद शाकिर ने किया. कार्यशाला में प्राधिकार के सचिव राजीव कुमार सिंह ने बताया कि 2 दिन चले इस कार्यशाला में एलएसयूएम मनोनया के सदस्यों को मानसिक रूप से बीमार और असक्षम व्यक्तियों के सहायता के लिए बनाए गए हितकारी कानूनी प्रावधानों और योजनाओं को स्पष्ट किया गया. मानसिक बीमार व्यक्तियों से भी मानवीय संवेदनाओं से सामान्य व्यवहार करना चाहिए, इलाज मिलने पर वे ठीक हो सकते हैं.
यह असाध्य रोग नहीं
सिंह ने बताया कि मानसिक रोग असाध्य रोग नहीं है, उनके पुनर्वास के लिए जितनी जरूरत कानून और नियमों की है, उतनी ही जरूरत समाज की उसके साथ किये जा रहे आचरण और व्यवहार की भी है. प्राधिकार ऐसे मामलों में निःशुल्क विधिक सेवा और सहायता प्रदान करता है. प्राधिकार के सदस्य विकास दोदराजका ने भी मानसिक रोगियों के पुनर्वास, देखभाल, उपचार से जुड़े कानूनों और नीतियों का विस्तृत रूप से जानकारी दी. मौके पर संजय कुमार निषाद, सुमन गोप, अलकमा रूही, रेणु देवी, नीतू सार, तराना खातून, स्वेता रवानी आदि मौजूद थीं.
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