Chaibasa News : पश्चिमी सिंहभूम में सहजन के निर्यात की अपार संभावनाएं : डॉ प्रदीप

चाईबासा : ट्राइबल चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने की सहजन की खेती पर कार्यशाला

By Prabhat Khabar News Desk | November 19, 2024 11:54 PM

Chaibasa News : ट्राइबल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (टिक्की) के पश्चिमी सिंहभूम चैप्टर ने चाईबासा के मटकमहातु पंचायत भवन में मोरिंगा (सहजन) की खेती पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की. जिसका नेतृत्व टिक्की के सचिव अनमोल पिंगुवा व ऑर्गेनिक एक्सपोर्ट्स के संस्थापक सह सीईओ डॉ प्रदीप हेम्ब्रोम ने किया. पदाधिकारियों ने किसानों को मोरिंगा की खेती, मूल्य संवर्धन व इसकी अपार निर्यात संभावनाओं के बारे में जानकारी दी. कहा, भारत मोरिंगा के सबसे बड़े निर्यातक के रूप में उभर रहा है. सहजन अपने समृद्ध पोषण और औषधीय गुणों के कारण दुनिया भर में सुपरफूड के रूप में जाना जाता है. श्री पिंगुवा ने बताया कि मोरिंगा के स्वास्थ्य लाभों की बढ़ती वैश्विक मान्यता भारतीय किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर प्रस्तुत करती है. डॉ प्रदीप ने कहा उचित समर्थन और ज्ञान के साथ पश्चिम सिंहभूम भारत के मोरिंगा निर्यात में महत्वपूर्ण योगदान कर्ता बन सकता है.

वैश्विक बाजार में 10 बिलियन डॉलर पार करने का अनुमान

श्री पिंगुवा ने कहा 2018 में मोरिंगा उत्पादों का वैश्विक बाजार 5.5 बिलियन डॉलर का था. वर्ष 2025 तक 10 बिलियन डॉलर को पार करने का अनुमान है. वैश्विक मोरिंगा बाजार 2023 से 2030 तक लगभग 8.5% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ने की उम्मीद है. 2022 में बाजार का आकार लगभग 9.5 बिलियन अमरीकी डॉलर था. वर्ष 2030 तक 18.2 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है. 26-30% की वार्षिक वृद्धि दर के साथ तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और ओडिशा जैसे राज्यों के उत्पादन में अग्रणी होने के साथ कार्यशाला का उद्देश्य झारखंड को इस आशाजनक उद्योग में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करना है.

अमेरिका, जर्मनी, चीन और दक्षिण कोरिया है प्रमुख बाजार

वहीं, डॉ. प्रदीप हेम्ब्रोम ने कहा कि निर्यात के लिए अमेरिका, जर्मनी, चीन और दक्षिण कोरिया जैसे देश प्रमुख बाजार हैं और हमें अपने किसानों को मांग को पूरा करने के लिए तैयार करना चाहिए. मोरिंगा की वैश्विक अपील भारतीय उपमहाद्वीप के मूल निवासी मोरिंगा, जिसे “ड्रमस्टिक ” के रूप में भी जाना जाता है, उसका उपयोग सदियों से इसके औषधीय और पोषण संबंधी गुणों के कारण किया जाता रहा है. इसके पत्ते, बीज और उत्पाद अमेरिका, यूरोप और पूर्वी एशिया सहित अंतरराष्ट्रीय बाजारों में उच्च मांगों में है. धन्यवाद ज्ञापन ट्राइबल इंडियन चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष रामेश्वर बिरुवा ने किया.

कार्यशाला में ये थे शामिल

बहालेन चाम्पिया, छोटे लाल तामसोय, भगवान सवैंया, बेला जेराई, महेंद्र लागुरी, अनमोल हेम्ब्रम, आकाश हेम्ब्रम, चंद्रमोहन बिरुवा और 50 से अधिक की संख्या में प्रशिक्षणार्थी.

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