शीन अनवर, चक्रधरपुर
चक्रधरपुर विस सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा प्रत्याशी सुखराम उरांव की जीत के अन्य कई कारणों के साथ-साथ एक महत्वपूर्ण कारण वेल मैनेजमेंट रहा. नामांकन के बाद जहां सभी प्रत्याशी जनता के बीच जा रहे थे, वहीं सुखराम उरांव अपने आवास में अधिकतर समय बैठ कर पूरे विधान सभा क्षेत्र का मैनेजमेंट देखते रहे. उनके साथ समर्थकों, कार्यकर्ताओं और संगठन के समर्पित साथियों की कई टीमें थीं, जिसे श्री उरांव अलग-अलग स्थानों पर भेजते रहे. यही टीमें भी अपने प्रत्याशी के साथ मिल कर बेहतर काम की. लेकिन जहां से कोई बड़ी शिकायत आती, वहां श्री उरांव खुद जाते. दिन के समय पूरे विधान सभा क्षेत्र के नेता, कार्यकर्ता उनके आवास पर आते, सभी से मिलते और चुनावी रणनीति तय करते थे. यही वह वेल मैनेजमेंट था, जो उनकी जीत का मुख्य आधार बना.मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कार्यों का रहा क्रेज :
वहीं, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जेल से निकलने के बाद किये गये कार्यों का भी क्रेज रहा. इनमें मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना, बिजली बिल व केसीसी ऋण माफी व 200 यूनिट बिजली मुफ्त देना शामिल था. यह सत्य है कि पांच साल विधायक रहने के कारण बहुत सारे लोग विधायक से नाराज भी थे. लेकिन श्री उरांव ने मतदान के पहले-पहले तक अधिकतर लोगों की नाराजगी को अपने स्तर से दूर कर लिये थे. जिसका लाभ उन्हें मिला. श्री उरांव की जीत का एक आधार उनका पुत्र सन्नी उरांव भी बना. पिछले पांच सालों तक सन्नी उरांव युवाओं से जुड़े रहे थे. सभी तरह के मेला, खेलकूद, प्रतियोगिताओं, पर्व-त्योहार आदि में वह अपने पिता के स्थान पर जाते और युवाओं की बड़ी टोली को अपने साथ जोड़े रखे. सन्नी अकेले अपने चंद साथियों को साथ लेकर सभी युवाओं को साथ लाया और पिता के पक्ष में मतदान कराने में भी सफल साबित हुए.रामलाल मुंडा के झामुमो में आने का हुआ फायदा :
इसी तरह आजसू जिला अध्यक्ष राम लाल मुंडा का झामुमो में आने और मानकी-मुंडा संघ का पूरी ईमानदारी से साथ निभाने के कारण भी मतों की संख्या में इजाफा हुआ.कल्पना व हेमंत का प्रचार लाया रंग :
चक्रधरपुर के आदिवासी मतदाताओं ने झारखंड के बाहर से आने वाले नेताओं को स्वीकार नहीं किया. भाजपा के जितने भी स्टार प्रचारक आये, वे सभी झारखंड के बाहर के थे. झारखंड का एक भी आदिवासी नेता भाजपा की ओर से प्रचार करने नहीं आया था. हेमंत व कल्पना के प्रचार से आदिवासी मतदाताओं को लगा कि कोई अपना उनका दुख दर्द बांटने आया है.………..दो विस चुनाव में ”होल्ड” शुभ साबित हुआ
चक्रधरपुर.
अंग्रेजी का एक शब्द है होल्ड, जिसका अर्थ होता है पकड़ बनाना या फिर रोके रखना. चक्रधरपुर के विधायक सुखराम उरांव के लिए यह शब्द विगत दो विधानसभा चुनावों में शुभ साबित हुआ है. दोनों बार के चुनाव में सुखराम के साथ होल्ड शब्द आया और नतीजा उनके पक्ष में ही गया. पहली बार 2019 के विधानसभा चुनाव के दौरान जब श्री उरांव ने नामांकन का पर्चा दाखिल किया था, तो तत्कालीन निर्वाची पदाधिकारी प्रदीप प्रसाद ने एक आपत्ति के दौरान उनके नामांकन को होल्ड कर दिया था. विपक्ष की ओर से शिकायत की गयी थी कि एक विचाराधीन मुकदमे की प्रति संलग्न नहीं की गयी है, जबकि मुकदमे का निर्णय हो चुका था, लेकिन निर्णय की प्रति नामांकन परचा के साथ संलग्न नहीं किया गया था. निर्वाची पदाधिकारी ने मुकदमे का फैसलानामा लाने तक श्री उरांव का नामांकन को होल्ड कर दिया था. यह खबर पूरे राज्य में फैल गयी. अगले दिन सुखराम को कोर्ट का फैसलानामा जमा करने का अवसर दिया गया था. लेकिन उस दिन कोर्ट बंद था. बड़ी मुश्किल से रातों रात कोर्ट खुलवा कर फैसलानामा हासिल किया गया और फिर निर्वाची पदाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया गया. निर्वाची पदाधिकारी ने श्री उरांव के नामांकन को वैध ठहराया था. जिसमें उन्हें जीत मिली थी. यह वही मुकदमा था जिसके आधार पर 2014 का चुनाव श्री उरांव नहीं लड़ पाये थे. अंतिम समय में अपने स्थान पर पत्नी नवमी उरांव को प्रत्याशी बनाया था.दूसरा होल्ड इस बार के चुनाव में हुआ : दूसरा होल्ड श्री उरांव के साथ इस बार के चुनाव में हुआ. इस बार झामुमो की ओर से उन्हें टिकट देने में देरी की गयी थी. बताया गया कि किसी अपने ने ही उनके विरुद्ध आलाकमान से कुछ ऐसी शिकायत कर दी थी, जो निराधार थी. जिस कारण आलाकमान द्वारा उनके टिकट को होल्ड कर दिया गया था. जिस कारण श्री उरांव को तीन बार नामांकन की तिथि बदलनी पड़ी थी. फिर वह स्वयं रांची गये, झूठ का खुलासा किये, फिर टिकट जारी हुई. नामांकन के अंतिम दिन उन्होंने परचा दाखिल किया था. यह होल्ड भी उनके लिए शुभ साबित हुआ और वह फिर जीत हासिल की.अगले 5 साल और विकास का काम करेंगे
बंदगांव.
झारखंड विस में चक्रधरपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक सुखराम उरांव के दोबारा विधायक बनने की खुशी में बंदगांव बाजार परिसर में धूमधाम के साथ झामुमो कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया.विधायक ने कहा कि अगले 5 साल और विकास किया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है