Chaibasa News : चंपुआ अनुमंडल अस्पताल में गायनिक डॉक्टर नहीं, महिलाएं परेशान
चंपुआ अनुमंडल अस्पताल में 46 की जगह मात्र 12 डॉक्टर ही नियुक्त हैं.
जैंतगढ़.चंपुआ अनुमंडल अस्पताल पर क्योंझर जिला के चंपुआ, जोड़ा, झुमपुरा ब्लॉक के साथ मयूरभंज और झारखंड के सिंहभूम जिले के हजारों लोग आश्रित हैं. लेकिन क्षेत्र की लाइफ लाइन कहे जाने वाले इस अस्पताल में गायनिक चिकित्सक नहीं हैं. जिससे महिला रोगियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लोग प्राइवेट नर्सिंग होम में इलाज कराने को मजबूर हैं. यहां अस्पताल में 46 डॉक्टरों के बजाय, केवल 12 डॉक्टर ही हैं. कई विभागों में डॉक्टरों के पद खाली होने से मरीजों की चिकित्सा नहीं हो पा ही है. राज्य सरकार व जिला प्रशासन से अविलंब इस पर ध्यान देने की मांग की गयी है.
दिन के 12 बजे तक ही दे रहे सेवा डॉक्टर
मालूम हो कि पूर्व डॉक्टर का स्थानांतरण अन्यत्र हो जाने के बाद जिला प्रशासन ने जिला खनन संस्थान फंड डीएमएफटी से एक विशेषज्ञ डॉक्टर को यहां नियुक्त किया था. लेकिन वे भी छुट्टियों पर चले गये हैं. इस समस्या को दूर करने के लिए जिला प्रशासन ने रविवार को छोड़कर प्रति दिन बारी-बारी से पांच डॉक्टरों को चंपुआ आने का आदेश दिया है. जिसमें डॉ सुजीत परिदा (सीएचसी पद्मपुर), डॉ. सुस्मिता मलिक (सीएचसी झुमपुरा), डॉ गीतांजलि पान (जिला मुख्यालय क्योंझर), डॉ पद्मलोचन महंथ (जिला मुख्यालय क्योंझर), डॉ आशीष रंजन मोहंती (जिला मुख्यालय क्योंझर) शामिल हैं. ये चिकित्सक आउटडोर समय में 12 बजे तक चिकित्सा सेवाएं दे रहे हैं, जबकि 12 बजे से दिन व रात में स्त्री व प्रसूति रोग विभाग पूरी तरह से खाली रहता है. इस बीच कोई डिलीवरी केस आ गया, तो उन्हें तुरंत क्योंझर को स्थानांतरित किया जाता है. जिससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
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