Chhath Puja 2020 : छठव्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू, शनिवार को सुबह के अर्घ के साथ पर्व का होगा समापन

Chhath Puja 2020 : पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत चाईबासा एवं इसके आसपास के क्षेत्रों में सूर्योपासना का छठ महापर्व की तैयारी पूरी कर ली गयी है. रोरो और कुजू नदी के विभिन्न छठ घाटों को गुरुवार देर शाम तक व्यवस्थित कर लिया गया. रोरो नदी के करणी मंदिर घाट के पास मास्क एवं सैनिटाइजर वितरण करने के लिए स्टॉल बनाये गये हैं. वहीं, नदी के भैंसी घाट पर व्रतियों के आवागमन के लिए अस्थायी पुल का निर्माण कार्य भी पूर्ण कर लिया गया है. सुबह से ही छठ घाट का रंग- रोगन करने का काम भी पूरा कर लिया गया है. शाम में व्रतियों द्वारा गुड़ के खीर एवं रोटी बनाकर खरना पूजा किया गया. साथ ही श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण भी किया गया. खरना पूजा का प्रासद ग्रहण करने के लिए व्रतियों के यहां श्रद्धालुओं का देर रात तक आना- जाना लगा रहा. इसी के साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो गया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 19, 2020 8:36 PM
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Chhath Puja 2020 : चाईबासा (पश्चिमी सिंहभूम) : पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत चाईबासा एवं इसके आसपास के क्षेत्रों में सूर्योपासना का छठ महापर्व की तैयारी पूरी कर ली गयी है. रोरो और कुजू नदी के विभिन्न छठ घाटों को गुरुवार देर शाम तक व्यवस्थित कर लिया गया. रोरो नदी के करणी मंदिर घाट के पास मास्क एवं सैनिटाइजर वितरण करने के लिए स्टॉल बनाये गये हैं. वहीं, नदी के भैंसी घाट पर व्रतियों के आवागमन के लिए अस्थायी पुल का निर्माण कार्य भी पूर्ण कर लिया गया है. सुबह से ही छठ घाट का रंग- रोगन करने का काम भी पूरा कर लिया गया है. शाम में व्रतियों द्वारा गुड़ के खीर एवं रोटी बनाकर खरना पूजा किया गया. साथ ही श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण भी किया गया. खरना पूजा का प्रासद ग्रहण करने के लिए व्रतियों के यहां श्रद्धालुओं का देर रात तक आना- जाना लगा रहा. इसी के साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो गया.

इस दौरान व्रतियों के यहां करेला जे छठि के वतरिया, पावेला हो सुखवा हजार.. व छठि की राति कोसी भराला, जुटल गांव मोहल्ला.. आदि गीत भी गूंजने लगे. अगले दिन शुक्रवार शाम में अस्ताचरगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जायेगा. इससे पूर्व फल आदि की खरीदारी भी की जायेगी. इधर, छठ महापर्व को लेकर प्रशासनिक तैयारी भी पूरी कर ली गयी है. इसके तहत विभिन्न छठ घाटों के पास दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति भी कर दी गयी है. साथ ही पर्याप्त संख्या में पुलिस बलों की तैनाती भी की गयी है.

लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर व्रती पूजा-पाठ में प्रयुक्त होने वाले सामानों की खरीदारी में जुट गये हैं. बाजार में काफी भीड़- भाड़ रही. कपड़े की दुकानों से लेकर छठ में प्रयोग होने वाले अन्य सामानों की खरीदारी लोग करते दिखे. फल की दुकानों पर भी भीड़ दिखी. छठ पर्व की तैयारी में छठ व्रती एक सप्ताह पहले से जुट जाते हैं. अपने को आध्यात्मिक तौर पर पर्व के लिए तैयार करते हैं. वहीं, छठ पूजा में प्रयोग होने वाली सामग्री को पहले ही खरीद किया जाता है.

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छठ पर्व के सामानों की खरीदारी करने पहुंची कुम्हारटोली निवासी नीतू देवी ने बताया कि इस पर्व में साफ-सफाई करने के बाद ही किसी भी सामान का प्रसाद में प्रयोग होता है. काफी नियम- निष्ठा से भगवान भास्कर की पूजा-अर्चना की जाती है. शहर के सदर बाजार, मंगलाहाट, बस स्टैंड चौक एवं बड़ी बाजार में छठ पूजा की सामग्री एवं फल खरीदने के लिए लोगों की भीड़ जुटी थी. व्रतियों ने आम की लकड़ी, मिट्टी का चूल्हा, नारियल, नींबू, शरीफा, आंवला, गजर, हल्दी, गन्ना, सेब, केला, संतरा जैसे फल और पूजन सामग्री की खरीदारी की.

इधर, बाजार में सामग्रियों की बेतहाशा वृद्धि होने से व्रतियों ने अपने हैसियत के आधार पर सामग्रियों की खरीदारी की गयी. वहीं, दुकानदार अशोक सोनकर का कहना है कि कोरोना काल को लेकर बाजार में बिक्री कम रही है. पिछले सालों की अपेक्षा इस साल लोग अपने हैसियत के मुताबिक पूजन सामग्रियों की खरीदारी कर रहे हैं.

छठ पर्व में फलों की कीमत

फल – कीमत
सूप – 100 से 120 रुपये
दौरा- 250 से 500 रुपये
केला कंदा- 250 से 650 रुपये
नारियल – 30 से 40 रुपये पीस
सेब – 100 से 120 रुपये किलो
अनार – 200 रुपये किलो
नसपति – 160 रुपये किलो
संतरा – 70 रुपये किलो
डब – 30 से 40 रुपये पीस
पानी फल- 40 रुपये किलो
गगर – 25 रुपये पीस
अनानस – 50 रुपये पीस
गन्ना – 25 से 30 रुपये पीस
शकरकंद – 40 रुपये किलो
मिश्रीकंद – 120 रुपये किलो
हल्दी/गाजर/ अदरक – 100 रुपये किलो

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जगन्नाथपुर व डांगुवापोसी में लोगों के ग्रहण किये खरना के प्रसाद

जगन्नाथपुर व डागुवापोसी सहित आसपास में लोक आस्था का महान पर्व छठ के दूसरे दिन खरना का प्रसाद ग्रहण किया. क्षेत्र में छठी मइया के गीतों से वातावरण भक्तिमय हो गया है. खरना के प्रसाद को ग्रहण करने के साथ ही छठ व्रती 2 दिनों का निर्जला व्रत का शुभारंभ करेंगे और उगते सूर्य को अर्घ देकर इसका समापन करेंगे. जगन्नाथपुर के हर टोला में छठ के खरना के प्रसाद लेने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. डागुवापोसी में भी काफी संख्या में उत्तर भारतीय छठ कर रहे हैं, लेकिन इस त्योहार की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें हर वर्ग और समुदाय के लोग बढ़- चढ़ कर हिस्सा लेते हैं. डागुवापोसी में भी घाटों की सफाई एवं सौंदर्यीकरण अपने अंतिम चरण में है. रात में सभी ने छठ व्रतियों के यहां जाकर खरना का प्रसाद ग्रहण किया और देर रात तक छठ व्रतियों के घर लोगों के प्रसाद ग्रहण करने का सिलसिला जारी रहा. सभी लोक आस्था के इस महान पर्व में किसी न किसी रूप से भागीदार बनकर पुण्य के भागी बन जाना चाहते हैं.

जैंतगढ़ में खरना के बाद 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू

नहाय खाय के साथ जैंतगढ़, चंपुआ में आस्था का महापर्व छठ शुरू हो गया है. जैंतगढ़ से 25 और चंपुआ से 21 महिलाएं छठ का व्रत रख रही है. छठव्रतियों ने कद्दू- भात, चना दाल का सेवन कर विधि विधान के साथ छठ पर्व शुरू किया. खरना का खीर का प्रसाद का सेवन किया गया. शनिवार को उदयमान सूर्य को अर्घ देने के साथ इस महापर्व का समापन होगा.

झींकपानी में जोड़ापोखर तालाब छठ घाट की हुई साफ-सफाई

झींकपानी के गुमड़ा नदी छठ घाट व जोड़ापोखर तालाब छठ घाट की साफ-सफाई का काम पूरा हो चुका है. जहां छठ व्रती शुक्रवार को अस्ताचलगामी सूर्यदेव को एवं शनिवार को उदीयमान सूर्यदेव को अर्घ अर्पित करेंगे. छठ घाटों में इस वर्ष सरकारी गाइडलाइन के अनुसार विद्युत सज्जा एवं स्वागत द्वार नहीं बनाया गया है. गुरुवार को खरना के साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो गया है. रविवार को उदीयमान भगवान सूर्यदेव को अर्घ अर्पित करने के बाद व्रतियों का निर्जला उपवास खत्म होगा. इसके साथ ही आस्था एवं सूर्योपासना का महापर्व छठ का समापन हो जायेगा.

Posted By : Samir Ranjan.

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