Coronavirus in Jharkhand, Chaibasa news : चाईबासा (अभिषेक पीयूष) : कोरोना महामारी (Coronavirus Pandemic) के कारण चाईबासा नगर पर्षद (Chaibasa Nagar Council) को वित्तीय वर्ष 2020-21 में 1.25 करोड़ की चपत लगी है. वहीं, नप कार्यालय कोरोना काल के दौरान 2.38 करोड़ का कर्जदार भी हो गया है.
दरअसल, प्रत्येक साल चाईबासा नगर पर्षद कार्यालय (Chaibasa Nagar Council Office) के अंतर्गत होने वाले कई प्रमुख आयोजनों पर कोरोना काल में ग्रहण लग गया. जिससे चाईबासा नगर परिषद (Chaibasa Nagar Council) को प्रतिवर्ष होने वाले राजस्व में से 1.25 करोड़ का भारी नुकसान झेलना पड़ा है. इसमें अप्रैल से सितंबर तक नगर पर्षद के अधीन गांधी मैदान में लगने वाले मीनाबाजार (Meena Bazar) नहीं सजने से विभाग को 45 लाख का बड़ा नुकसान हुआ है. जबकि, चाईबासा के प्राइवेट एवं सरकारी बस स्टैंड (Private and Government Bus Stand) की बंदोबस्ती नहीं होने से भी 34 लाख का घाटा हुआ है.
इतना ही नहीं, मंगलाहाट (Mangla Haat) की बंदोबस्ती नहीं होने से विभाग को 20 लाख तक बड़ा नुकसान हुआ है. इसके अलावा गांधी मैदान में 10 हजार प्रतिदिन के हिसाब से लगने वाले क्राफ्ट, शिल्क एंव खादी मेला (Craft, Shilk and Khadi Fair) की बुकिंग से करीब 15 लाख का नुकसान हुआ है. इधर, मधुबाजार (Madhu Bazar) की बंदोबस्ती नहीं होने से 2.5 लाख एवं गणेश मंदिर के समीप लगने वाले संध्या गुदड़ी से भी करीब 1 लाख का नुकसान नगर परिषद को झेलना पड़ा है.
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कोरोना काल में वर्क लोड बढ़ने के साथ आमदनी पर पूर्ण विराम लग जाने से चाईबासा नगर पर्षद का कार्यालय 2.38 करोड़ की भारी रकम का कर्जदार बन बैठा है. महामारी के कारण चाईबासा नगर पर्षद पर 2.38 करोड़ बकाया हो गया है. दरअसल, कोरोना नहीं आने से पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले 10 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी कर इस वित्तीय वर्ष नप की ओर से बंदोबस्ती के लिए ओपन डाक (Open Daak) किया जाना था, लेकिन कोरोना ने इसपर पूरी तरह ग्रहण लगा दिया.
अब विगत 6 माह से चाईबासा नगर पर्षद के पार्षदों समेत कार्यालय में कार्यरत जेई समेत श्रमिक बंधुओं के साथ ही सेवानिवृत कर्मियों का पेंशन एवं उपदान आदि बकाया हो गया है जो कि कुल मिलाकर 50 लाख के करीब है. इसके बाद नगर पर्षद के अंतर्गत शहरी क्षेत्र से डोर-टू-डोर कचरा उठाउ (Pick up door to door trash) करने वाले एसडब्लूएम पायनियर एजेंसी प्राइवेट लिमिटेड (SWM Pioneer Agency Private Limited) का 38 लाख से अधिक बकाया हो गया हो गया है. इतना ही नहीं, नप के अधीन शहर से टैक्स कलेक्शन (Tax collection) का कार्य करने वाली एजेंसी स्पायरो इंफ्रोटेक प्राइवेट लिमिटेड (Spyro Infrotech Private Limited) का भी नप पर 23 लाख रुपये बकाया है. वहीं पेट्रोल पंप वाले का भी 10 लाख से अधिक का बकाया हो गया है.
चाईबासा नगर पर्षद को कोरोना काल के दौरान नगर विकास विभाग से आपदा मद में खर्च करने के लिए 5.75 लाख रुपये प्राप्त हुआ है. इसके अलावा जिला से नप को आपदा मद में 1 लाख रुपये प्राप्त हुआ है. जबकि, अबतक नगर पर्षद कार्यालय की ओर से कोरोना संक्रमण को मात देने के लिए पीपीई किट (PPE kit), फोगिंग मशीन (Fogging machine), ब्लिचिंग पाउडर (Bleaching powder), सैनिटाइजेशन मशीन (Sanitization machine) एवं कैमिकल (Chemical) आदि करने के दौरान 20 लाख से अधिक की बड़ी राशि खर्च की जा चुकी है.
दरअसल, कोरोना काल के दौरान नगर पर्षद के ऊपर शहरी क्षेत्र के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित विभिन्न क्वारंटिन सेंटर के साथ ही होम आईसोलेशन के दौरान ठीक होने वाले व्यक्तियों के घर आदि को सैनिटाइज करने के अलावा बैंक एवं सरकारी कार्यालयों को भी सैनिटाइज करने की जिम्मेवारी सौंपी गयी थी. नगर परिषद के कार्यपालक अभियंता (Executive Engineer of City Council) के अनुसार, इसपर 20 लाख से अधिक रुपये खर्च हो चुके हैं. वहीं, अब आगामी त्यौहारों के दौरान शहर को साफ-सुथरा रखने के लिए ब्लीचिंग, कैमिकल एवं एकस्ट्रा वर्कर्र का लोड बढ़ गया है.
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कोरोना काल में व्यापार पूरी तरह से ठप पड़ जाने से अब चाईबासा नगर पर्षद के बंदोबस्ती धारक कार्यालय को लगान देने में अपनी-अपनी असहमति जता रहा है. कार्यपालक अभियंता की मानें, तो सरकारी एवं प्राइवेट बस स्टैंड के बंदोबस्ती धारक का कहना हैं कि पिछले 5 माह जब बस चली ही नहीं, तो फिर वे लगान की भरपाई कहां से करेंगे. इतना ही नहीं, मंगलाहाट एवं अन्य बाजारों के भी बंदोबस्ती धारक दुकान नहीं सजने तक का लगान नहीं देना चाहता है. ऐसे में बंदोबस्ती धारक के लॉकडाउन के दौरान के लगान को माफ करने को लेकर नगर पर्षद के कार्यपालक अभियंता पर दबाव बना रहे है.
नगर परिषद, चाईबासा के कार्यपालक अभियंता अभय कुमार झा ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण चाईबासा नगर पर्षद को वित्तीय वर्ष 2020-21 में 1.25 करोड़ का बड़ा नुकसान हुआ है. वहीं, कोरोना काल में नप पर 2.38 करोड़ बकाया हो गया है. इसे लेकर नप की ओर से जिला प्रशासन से कई बार आपदा मद में और राशि उपलब्ध कराने की मांग की गयी, लेकिन अबतक मामला विचाराधीन है. इससे हमारी मुश्किलें काफी बढ़ गयी है.
Posted By : Samir Ranjan.