बिहार की ट्रेनों में उमड़ी भीड़, जनरल में पैर रखने की जगह नहीं

कोल्हान से बिहार जाने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ी

By Prabhat Khabar News Desk | November 4, 2024 11:27 PM

प्रतिनिधि,चक्रधरपुरइस साल कोल्हान से बिहार जाने वाले यात्रियों की संख्या में दोगुनी बढ़ोत्तरी हुई है. वहीं रेलकर्मी भी छुट्टी लेकर अपने गांव व घर जाने लगे हैं. इससे ट्रेनों में वेटिंग बढ़ गयी है. बिहार जाने वाली ट्रेनों में स्लीपर में भी जनरल कोच की तरह भीड़ है. वेटिंग टिकट लेकर स्लीपर में सफर करने की सुविधा समाप्त कर दी गयी है, इसके बावजूद लोग जनरल कोच की टिकट लेकर स्लीपर में सफर कर रहे हैं. वहीं ट्रेनों में भीड़ के कारण यात्रियों को अपनी सीट तक पहुंचने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. यात्रियों को आरक्षित सीट पर किसी तरह एडजस्ट कर यात्रा करनी पड़ रही है.

ट्रेनें विलंब से चलने से यात्रियों को परेशानी

त्योहारी सीजन में नियमित व स्पेशल ट्रेनें निर्धारित समय पर नहीं चल रही हैं. इससे ट्रेनों में सफर करने में सबसे अधिक महिला, बच्चे व बुजुर्गों को काफी परेशानी हो रही है. साउथ बिहार एक्सप्रेस का आरा तक विस्तार होते ही किसी भी दिन समय से नहीं पहुंच रही है.

टाटा से सीकेपी पहुंचने में साढ़े तीन घंटे लगा दी

सोमवार को दक्षिण बिहार एक्सप्रेस अप ट्रेन को टाटानगर से चक्रधरपुर पहुंचने में साढ़े तीन घंटे लग गये. यह ट्रेन का निर्धारित समय सुबह 9 बजे है, 7 घंटे विलंब से शाम साढ़े चार बजे चक्रधरपुर पहुंची. यह ट्रेन टाटा से चक्रधरपुर पहुंचने में साढ़े तीन घंटे लगा दी. इसे लेकर यात्रियों में काफी आक्रोश देखा गया. यात्रियों का कहना है कि यात्री ट्रेनों को प्रभावित कर मालगाड़ियों को प्राथमिकता दी जा रही है. सोमवार सुबह से चक्रधरपुर स्टेशन यात्रियों से भरा था, पर ट्रेनों का परिचालन घंटों देर होने के कारण यात्री परेशान थे.

दुर्ग से आरा तक चलने वाली साउथ बिहार एक्सप्रेस ट्रेन करीब साढ़े चार घंटे विलंब से चल रही है. यह ट्रेन रोजाना घंटों देर से चक्रधरपुर पहुंच रही है. ट्रेन का निर्धारित समय शाम 4.55 बजे है. साढ़े चार घंटे विलंब से यानि रात 9.35 बजे आने की संभावना जतायी जा रही है. साउथ बिहार एक्सप्रेस ट्रेन में चक्रधरपुर से सबसे अधिक यात्री बिहार आते व जाते हैं. ट्रेनों के देर से चलने से बिहार जाने वाले यात्रियों में मायूसी है.कोल्हान से बिहार जाने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ी

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