जैंतगढ़.हर साल एक दिसंबर विश्व एड्स दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस जानलेवा बीमारी के कारण व बचाव को लेकर जैंतगढ़ निवासी डॉ. सारिफ रजा ने जानकारी दी. उन्होंने कहा कहा अज्ञानता, लापरवाही और सामाजिक भेदभाव इस बीमारी को और गंभीर बनाती है. बहुत सारे सामाजिक उलझनों को खड़ा करता है. सही मार्ग का चुनाव आपको सुरक्षित रखता है. इसलिए डब्ल्यूएचओ की थीम इस वर्ष एड्स दिवस पर “टेक द राइट पाथ: माई हेल्थ, माई राइट ” है. पूरे विश्व में लगभग तीन करोड़ लोग एचआइवी से संक्रमित हैं. 1984 में इस वायरस की खोज के बाद से अब तक 40 वर्षों तक इस वायरस ने कई जिंदगियां लील ली हैं. दुनिया के समक्ष मरीज के इलाज के साथ-साथ मरीज को समाज में बराबरी का हक मिले, यह भी बड़ा चैलेंज है.डॉ रजा ने बताया कि यह बीमारी छूने, साथ बैठने और साथ खाना खाने से बिलकुल भी नहीं फैलती है. एड्स के मरीज के साथ अच्छा व्यवहार हो समाज को जागरूक करना है. बुरा व्यवहार एड्स के मरीज को स्ट्रेस और डिप्रेशन का भी मरीज बना देता है.इस बीमारी का इलाज मुश्किल है. सिर्फ सही जानकारी प्राप्त कर इस बीमारी से बचा जा सकता है.
बीमारी के कारण
– अज्ञानता और लापरवाही- अनप्रोटेक्टेड सेक्स
– ब्लड ट्रांसफ्यूजन (बिना स्क्रीनिंग)– एक ही सिरिंज से कई लोगों को इंजेक्शन देना
– एचआइवी पॉजिटिव मदर से न्यू बेबी का संक्रमित होना- हेल्थ केयर वर्कर्स को नीडल प्रिक होना– सैलून में एक ही ब्लेड से कई लोगों की दाढ़ी बनाना
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