मनोहरपुर. ठेका मजदूरों की छंटनी मामले में सेल प्रबंधन और मजदूरों के प्रतिनिधिमंडल की वार्ता शुक्रवार को चिरिया सेल कार्यालय में हुई. श्रम मंत्रालय से आयी चिट्ठी के अनुसार इस बार मजदूरों की छंटनी तय मानी जा रही है. सेल प्रबंधन ने इसके संकेत दे दिये हैं. मजदूरों की छंटनी पर 19 दिसंबर को फैसला आयेगा. प्रतिनिधिमंडल की ओर से मजदूरों को जानकारी दिये जाने पर मजदूरों में रोष है. जानकारी के अनुसार, ठेका कंपनी मेसर्स नारायणी संस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने धोबिल माइंस से गिडुंम, मणिपुर के रास्ते कच्चा माल ढुलाई बंद होने के कारण श्रम मंत्रालय को नुकसान होने व 261 मजदूरों की छंटनी का आवेदन दिया था. मजदूरों की अगर छंटनी हो जाती है और ट्रांसपोर्टिंग बंद हो जाता है तो माइंस पर भी असर पड़ेगा है. इससे मजदूरों की रोजी-रोटी पर असर पड़ेगा. वार्ता के दौरान सेल के महाप्रबंधक माइंस रवि रंजन, पर्सनल अधिकारी करुणाकर महानता, मजदूर टीम के प्रतिनिधिमंडल में लाल समद, श्याम दास, जगजीवन सांडिल, कृष्णा टूटी, अर्जुन तांती, घनश्याम हरिजन, रामचंद्र दास व चरकु पान शामिल थे.
ठेका मजदूरों के बोल
केंद्र व राज्य सरकार सड़क निर्माण करती है ताकि वहां विकास हो सके. सड़क निर्माण कर कच्चे माल की गाड़ियों का आवागमन रोक दिया गया. सांसद के माध्यम से मुख्यमंत्री के पास मामले को लेकर जायेंगे. जरूरत पड़ने पर आंदोलन भी होगा. यह सिर्फ मजदूरों का मामला नहीं है. इससे और भी कई लोग प्रभावित होंगे.-लाल समद, मजदूर नेता
छंटनी के लिए हम लोग तैयार नहीं हैं. पीढ़ी दर पीढ़ी से यहां काम करते आ रहे हैं. उम्र के इस पड़ाव में हम कहीं और काम नहीं कर सकते हैं और न ही पलायन कर सकते हैं. अब करो या मरो वाली नौबत आ गयी है.-जगजीवन सडिल, मजदूर
सेल प्रबंधन और ठेकेदार हमारे साथ जालसाजी कर रहे हैं. मजदूरों का हक छीना जा रहा है. 19 दिसंबर को प्रबंधन और ठेकदार का पुतला दहन करेंगे. जरूरत पड़ने पर रांची जाकर मुख्यमंत्री से मिलकर समस्या रखेंगे.-करमु लकवा, मजदूर
ठेकेदार ने 8 घंटे की जगह 12 घंटे काम लिया और मुनाफा कमाया है. इसके बावजूद ठेकेदार को लॉस हो रहा है. ट्रांसपोर्टिंग जब तक शुरू नहीं होती है तब तक मजदूरों से लोह अयस्क की रेजिंग करायी जा सकती है. ठेकेदार को रेजिंग प्वाइंट बनाना चाहिए. ठेकेदार तो सीधे छंटनी पर उतर आया है.लबदान टूटी, मजदूर
मजदूरों की छंटनी ठेकदार और सेल प्रबंधन की सोची समझी साजिश है. गांव वाले और मजदूरों के बीच फूट डालना चाहते हैं. मजदूरों को किसी भी हाल में छंटनी नहीं होने दिया जायेगा. अब मजदूरों को अपनी एकता का परिचय देना होगा.-रामा पांडे, मजदूर नेताB
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