एक हफ्ते के अंदर कराएं सारंडा के 40 गांवों का सर्वे, घर- परिवार की संख्या भी बताएं : आयुक्त
प्रमंडलीय आयुक्त डॉ मनीष रंजन ने गुरूवार को सारंडा एक्शन प्लान के तहत किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की.
चाईबासा : प्रमंडलीय आयुक्त डॉ मनीष रंजन ने गुरूवार को सारंडा एक्शन प्लान के तहत किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की. कई फैसले भी लिए गए. इसके तहत स्वास्थ्य के मद्देनजर सारंडा के लोगों को आयुष्मान भारत के तहत शत-प्रतिशत इलाज की व्यवस्था उपलब्ध करायी जाएगी. इस काम को अगले 3 हफ्ते के भीतर पूर्ण कर लिया जाएगा.
वहीं सेल अधिकारियों ने 4 स्थानों पर कम्युनिटी इन्फ्रास्ट्रक्चर लगाने का आश्वासन भी दिया. इससे ग्रामीणों को इलाज के लिए ज्यादा दूर नहीं जाना पड़ेगा. समीक्षा के क्रम में आयुक्त ने जिले के अधिकारियों को एक हफ्ते के अंदर सारंडा क्षेत्र के 40 गांवों का सर्वे करने निर्देश दिया. सर्वे के दौरान इन गांवों में घरों व वहां रहने वाले परिवारों की डाटा कलेक्ट किया जाएगा.
इससे इस बात का पता चल सकेगा कि वहां कितने लोग रहते हैं. उन्हें कौन-कौन सी सुविधा उपलब्ध कराई जा रही हैं व तथा कौन-कौन सी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकती है. वहीं सर्वे के बाद उन्हें राशन मुहैया कराया जाएगा. जिन ग्रामीणों का पीडीएस दुकान उनके घर से दूर होगा, वहां स्वयं सहायता समूह की कुछ महिलाओं को राशन वितरण के लिए लाइसेंस उपलब्ध कराया जाएगा.
ताकि राशन के लिए ग्रामीणों को बहुत ज्यादा दूरी तय न करना पड़े. बैठक के बाद आयुक्त ने बताया कि सारंडा क्षेत्र में सरकार के द्वारा विकास का कार्य किया जा रहा है. इसमें प्रशासन बढ़-चढ़कर अपना योगदान दे रहा है. साथ ही विकासात्मक योजना का लाभ सारंडा क्षेत्र में एक- एक व्यक्ति तक कैसे पहुंचे इस पर भी विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि सूबे के मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के विचार और निर्देश को गांव तक कैसे पहुंचाया जा सके और लोगों की जिंदगी और जीवन स्तर को कैसे ऊपर उठाया जा सके इसके लिए 15 दिनों के भीतर लगातार समीक्षा की जाएगी. इस दौरान सेल महाप्रबंधक ने छात्र- छात्राओं के लिए इंजीनियरिंग, मेडिकल, एएनएम, जैसे उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए बनाई जा रही योजनाओं से अवगत भी कराया
ये लिए फैसले
– स्वास्थ्य के मद्देनजर सारंडा के लोगों को आयुष्मान भारत के तहत शत-प्रतिशत इलाज की व्यवस्था उपलब्ध करायी जाएगी
-अप्रयुक्त बिल्डिंग जिसका प्रयोग काफी समय से नहीं किया जा रहा है, वैसे बिल्डिंग में दो जगहों पर रेसिडेंशियल स्कूल एक लड़कों व एक लड़कियों के लिए बनाया जाएगा. ताकि बच्चों को पढ़ने हेतु दूर ना जाना पड़े और वहीं पर भी उच्च शिक्षा प्राप्त कर सके।
-बागवानी के लिए करीब 20,000 फलदार वृक्षारोपण कर उसे घेराबंदी किया जाएगा. ताकि लगभग दो-तीन वर्षों में वहां के लोग उन फलों को बेचकर आमदनी कमा कर जीविकोपार्जन कर सकें.
यह योजना भी बनी
– जो भी युवक डिफेंस लाइन में जाने हेतु उत्सुक हैं, उन्हें सीआईएसएफ और सीआरपीएफ द्वारा एक महीने का प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके बाद वह अपनी इच्छानुसार आर्मी या पुलिस लाइन में जाकर रोजगार प्राप्त कर सकते हैं.
– पेयजल की व्यवस्था गांव में कैसे किया जाए, इस संबंध में पेयजल और स्वच्छता विभाग के द्वारा आज एक प्रस्ताव लाया गया. इसे वहां जिले के माध्यम से लागू किया जाएगा.
ये प्रस्ताव भी रखे
पिछले हफ्ते सड़क और वन विभाग द्वारा एक सर्वे किया गया था, जिसमें देखा गया कि गांव में जाने के लिए कोई भी सड़क उपलब्ध नहीं है. लिहाजा सड़क निर्माण के लिए प्रस्ताव रखा गया.
ये रहे मौजूद
बैठक में मुख्य रूप से पुलिस उपमहानिरीक्षक राजीव रंजन सिंह, उपायुक्त अरवा राजकमल, पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत महाथा, सारंडा डीएफओ, अपर उपायुक्त, सिविल सर्जन, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, जगन्नाथपुर की एसडीओ, जिला शिक्षा पदाधिकारी, किरीबुरू सेल के मुख्य महाप्रबंधक, मेघाहातुबुरू के मुख्य महाप्रबंधक, सेल चिड़िया के महाप्रबंधक, नोवामुंडी के प्रखंड विकास पदाधिकारी व अंचलाधिकारी आदि मौजूद रहे.
posted by : sameer oraon