सदर हॉस्पिटल चाईबासा में विभिन्न स्वास्थ्य उपकरणों एवं सामाग्रियों की आपूर्ति में फर्जीवाड़ा मामले में पेयजल मंत्री ने दिये जांच के आदेश

सदर अस्पताल में स्वास्थ्य उपकरणों की सप्लाई करने वाले दो फार्मों ने लगाया लाखों का चूना

By Prabhat Khabar News Desk | October 24, 2020 10:58 PM

चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम जिले के सदर अस्पताल चाईबासा में कोरोना से जंग के खिलाफ स्वास्थ्य उपकरणों समेत विभिन्न सामाग्रियों की सप्लाई करने वाले दो फर्मों के द्वारा बड़े पैमानें पर भारत सरकार के गुड्स एवं सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) की चोरी की गयी है.

ऐसे में चाईबासा के सदर अस्पताल में करोड़ों का कारोबार कर रहे दो सप्लायर फार्मों के द्वारा अबतक राज्य सरकार को 18 फीसदी जीएसटी के हिसाब से दो वित्तीय वर्ष 2019-21 में ही कुल 24 लाख 11 हजार 486 रुपये का चूना लगाया जा चुका है.

देखा जाये तो, कोरोना काल का फायदा उठाते हुए जिला स्वास्थ्य विभाग के सप्लायरों के द्वारा लाखों रुपये के जीएसटी कर की चोरी कर ली गयी है. दरअसल जिले के सदर अस्पताल में वित्तीय वर्ष 2019-21 में तकरीबन 91 लाख 46 हजार 471 रुपये के स्वास्थ्य उपकरण एवं सामाग्रियों की सप्लाई करने वाले रांची के कडरू स्थित उपकार नगर के रिटेलर फर्म आरुषि इंटरप्राइजेज के द्वारा अबतक राज्य सरकार के कुल 16 लाख 46 हजार 364 रुपये के जीएसटी की चोरी की गयी है.

इतना ही नहीं, रांची के कडरू स्थित उपकार नगर के ही एक अन्य रिटेलर सह बिजनेस फर्म एम/एस इंटरप्राइजेज के द्वारा सदर अस्पातल चाईबासा में वित्तीय वर्ष 2019-21 में लगभग 42 लाख 50 हजार 678 रुपये के स्वास्थ्य उपकरण एवं सामाग्री की सप्लाई की गई. इसमें एम/एस एंटरप्राइजेज के द्वारा कुल 7 लाख 65 हजार 112 रुपये के जीएसटी कर की चोरी की गई है.

आरुषि इंटरप्राइजेज ने अंतिम बार 9 अप्रैल 2019 में भरा था जीएसटी

रांची के आरुषि इंटरप्राइजेज के द्वारा राज्य सरकार को अंतिम बार 9 अप्रैल 2019 को कुल 1 लाख 70 हजार 898 रुपये के जीएसटी राशी का भुगतान किया गया था. जो कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में आरुषि इंटरप्राइजेज के द्वारा किये गए व्यवसाय का अंतिम कर भुगतान है. नियमानुसार, किसी भी फर्म को अपने प्रत्येक माह में हुए व्यवसाय के अगले माह के अंतिम 20 तारीख तक जीएसटी कर का भुगतान करना होता है.

ससमय जीएसटी का भुगतान नहीं करने पर उक्त फर्म को प्रतिदिन के हिसाब से पेनाल्टी का भुगतान भी करना पड़ता है. ऐसे में आरुषि इंटरप्राइजेज के द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-21 में अपने कुल व्यवसाय का एक भी रुपये का जीएसटी भुगतान राज्य सरकार को नहीं किया गया है.

रांची के एम/एस इंटरप्राइजेज फर्म के द्वारा भी नहीं भरा गया जीएसटी

वित्तीय दो वर्ष 2019-21 में कुल 42 लाख से अधिक के स्वास्थ्य उपकरणों एवं सामाग्री की सप्लाई सदर अस्पताल चाईबासा में करने वाले रांची के एम/एस इंटरप्राइजेज रिटेलर सह बिजनेस फर्म के द्वारा भी अबतक एक रुपये भी जीएसटी का भुगतान राज्य सरकार को नहीं किया गया है.

ऐसे में सीधे-सीधे कोरोना काल में बड़े पैमानें पर व्यवसाय करने वाले उक्त फर्म के द्वारा राज्य सरकार को लाखों की चपत लगायी गयी है. इसमें पेनाल्टी लगने पर अब फर्म को 10 लाख से अधिक का जीएसटी भुगतान राज्य सरकार को करना होगा.

पेयजल मंत्री ने उपायुक्त को दिये सदर अस्पताल में फैले भ्रष्टाचार के जांच के निर्देश

राज्य के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के मंत्री मिथलेश कुमार ठाकुर ने शनिवार को प्रभात खबर में ‘रिश्तेदारों के नाम से फार्म बना 1.5 करोड़ के उपकरण खरीदे’ शीर्षक से प्रकाशित समाचार में संज्ञान लेते हुए जिले के डीसी अरवा राजकमल को मामले में अविलंब संज्ञान लेते हुए सदर अस्पताल चाईबासा में फैले भ्रष्टाचार संबंधी जांच कर दोषी पाये जाने वाले व्यक्तियों पर त्वरित एवं सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. मंत्री मिथलेश कुमार ठाकुर ने इसे ट्वीट के माध्यम से राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को भी ध्यानार्थ किया है.

संयोग से उक्त दोनों फर्म का पता मेरे रांची स्थित आवास के आसपास : नीरज यादव

सप्लायर के तौर पर आरुषि इंटरप्राइजेज व एम/एस इंटरप्राइजेज फर्म के सप्लायर को जानता हूं. संयोग से उक्त दोनों फर्म का पता मेरे रांची स्थित आवास के आसपास का है. मेरे विरोधियों के द्वारा मामले को तुल दिया जा रहा है. मुझें उक्त दोनों फर्म के फाइनेंशियल स्टेटमेंट के बारे में कोई जानकारी नहीं है. साथ ही फर्म से मेरा किसी तरह का पारिवारिक संबंध भी नहीं है. मैं पूरे मामले में निर्दोष हूं. विभाग इसकी पूर्ण रूप से जांच कर सकता है.

प्रभात खबर के पेपर कटिंग पर पेयजल मंत्री के ट्वीट पर रीट्यूट करते हुए मैंने कार्रवाई प्रक्रियाधीन है कि बात कही है. इसमें भी एजाज एनवर व डॉ जगन्नाथ हेम्ब्रम जांच करेंगे. साथ ही टीम में समाहरणालय के ऑफिस स्टाफ भी रहेंगे. कोविड काल में सप्लायर को जीएसटी का भुगतान करना है. जांच में जीएसटी का डिफाल्टर कंपनी पायी जाती है तो, उसपर कार्रवाई के लिए जीएसटी विभाग को निर्देशित करूंगा.

– अरवा राजकमल, जिला उपायुक्त, पश्चिमी सिंहभूम.

posted by : sameer oraon

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