केरल व देश के अन्य हिस्सों में पैर पसार रहे कोरोना वायरस के नये वेरिएंट जेएन-1 को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में है. स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल के ऑक्सीजन बेड व आइसीयू को दुरुस्त कर दिया है. कोरोनाकाल के दौरान सदर अस्पताल परिसर में 500 एलपीएम का ऑक्सीजन प्लांट लगाया है. बीच-बीच में मॉक ड्रिल की जाती है, ताकि ऐसे मरीजों के इलाज में कोई दिक्कतें न हो. कुछ दिनों पूर्व सदर अस्पताल में कोरोना से निबटने के लिए मॉक ड्रिल की गयी थी.
कोरोना के नये वेरिएंट जेएन-1 को लेकर सदर अस्पताल में चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मचारी काफी सतर्क हैं. अस्पताल में जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है. स्वास्थ्य सचिव की ओर से सभी जिलों के सिविल सर्जन को गाइडलाइन भेज दी गयी है. सिविल सर्जन डॉ साहिर पाल ने सरकार की गाइडलाइन का पालन के लिए जिले के सभी अस्पतालों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को निर्देश दिया है. ऑक्सीजन को जांच कर सही मात्रा में रखने, दवा उपलब्ध कराने, अस्पताल में आनेवाले मरीजों की जांच करने तथा बाहर से आनेवाले मरीजों पर निगरानी रखने का निर्देश दिया है. वहीं जिले के सभी अस्पतालों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को इसकी नियमित निगरानी, सैंपल जांच व प्रतिदिन की रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को भेजने का निर्देश दिया है. अस्पताल में चिकित्सक व कर्मचारी मास्क लगाकर कार्य कर रहे हैं. इधर, अस्पताल में आनेवाले मरीज व अन्य लोग बिना मास्क ही आते हैं.
भीड़ से बचें, कोरोना नियमों का पालन करें
चिकित्सकों ने बताया कि बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, थकान, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द कोरोना के नये वेरिएंट जेएन-1 के सामान्य लक्षण हैं. चिकित्सकों ने कोरोना वायरस से बचने के लिए भीड़-भाड़ से बचने, सावधानी बरतने की हिदायत दी है.
सदर अस्पताल के विभिन्न वार्डों में ऑक्सीजन व आइसीयू बेड उपलब्ध हैं. सदर अस्पताल के सभी ऑक्सीजन बेड की जांच कर दुरुस्त कर दिया गया है. सदर अस्पताल चाईबासा के अलावा जिले के सभी अस्पतालों में स्टेट की ओर से लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट लगाये जा रहे हैं. वहीं कोरोना काल में चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मियों को पूरी तरह शिक्षित किया गया है. सदर अस्पताल में कोरोना के नये वेरिएंट जेएन-1 के मरीज नहीं मिले हैं.
डॉ एएन डे, उपाधीक्षक, सदर अस्पताल