टोंटो में एक साल से हाथी जान-माल को नुकसान पहुंचा रहे, विभाग से मांगा मुआवजा
हाथियों से सुरक्षा को लेकर बुधवार को वन विभाग कार्यालय चाईबासा के समक्ष किसान मजदूर पार्टी के बैनर ग्रामीणों ने धरना-प्रदर्शन किया
– प्रखंड के ग्रामीणों ने चाईबासा वन कार्यालय पर धरना दियाचाईबासा. टोंटो प्रखंड में हाथियों के उत्पात से फसल व जान-माल को लगातार नुकसान हो रहा है. हाथियों से सुरक्षा को लेकर बुधवार को वन विभाग कार्यालय चाईबासा के समक्ष किसान मजदूर पार्टी के बैनर ग्रामीणों ने धरना-प्रदर्शन किया. इसके पूर्व ग्रामीणों ने शहर में जुलूस निकाला. ग्रामीणों ने वन विभाग और जिला खनन पदाधिकारी के विरुद्ध नारेबाजी की. पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष जॉन मिरन मुंडा ने कहा कि पिछले एक साल से टोंटो प्रखंड के ग्रामीण हाथियों से परेशान हैं. हाथियों से फसल, घरों और जान को नुकसान हो रहा है, लेकिन विभाग मौन है. आवेदन देने के बाद भी मुआवजा नहीं मिल रहा है. सारंडा जंगल में गलत तरीके से खनन हो रहा है. गलत तरीके से ब्लास्टिंग से हाथी गांव में घुस रहे हैं. उन्होंने कहा कि पिछले एक साल से टोंटो, कोंदवा, नीमडीह, बड़ा झींकपानी, केंजरा आदि गांव में 50-50 हाथियों के झुंड डेरा डाले हुए हैं. हाथियों ने धान, मकई आदि एवं घरों को तोड़ा है. कुछ लोग मारे गये. धरना-प्रदर्शन में मानसिंह तिरिया और माधव चंद्र कुंकल ने भी संबोधित किया.
चार सूत्री मांग पत्र सौंपा
धरना-प्रदर्शन के बाद प्रतिनिधिमंडल ने वन विभाग के पदाधिकारी को चार सूत्री मांग पत्र सौंपा. हाथियों को सारंडा जंगल में खदेड़ने, सारंडा में बांस, पीपल, कटहल के पेड़ लगाने, अवैध खदान व गलत ब्लास्टिंग पर रोक लगाने, फसल नुकसान पर प्रति एकड़ एक लाख रुपये मुआवजा दिया जाये, अबतक हुए नुकसान का अविलंब मुआवजा दिया जाये. वन पदाधिकारी ने एक-दो दिनों के अंदर हाथियों को भागने का आश्वासन दिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है