Chaibasa News : ड्रैगन फ्रूट की खेती करें किसान, होगा अधिक लाभ
बंदगांव प्रखंड के किसान हेमंत हेम्ब्रम ने पहली बार शुरू की ड्रैगन फ्रूट की खेती
रवि मोहंती, चक्रधरपुर
किसानों के लिए ड्रैगन फ्रूट की खेती वरदान साबित हो सकती है. ड्रैगन फ्रूट की खेती से किसान एक एकड़ में सालाना 6 लाख रुपये की कमाई कर सकता है. इस संबंध में बंदगांव के कृषि विभाग के सहायक तकनीकी प्रबंधक राजकुमार महतो ने बताया कि सीमित जमीन वाले किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. यह बंजर जमीन में भी आसानी से की जा सकती है. कम पानी में इस फसल को उगाया जा सकता है. बंदगांव प्रखंड की भालूपानी पंचायत के उपर डोमरा निवासी हेमंत हेंब्रम ने 500 ड्रैगन फ्रूट के पौधे लगाये हैं. सभी पौधे तीन से चार फीट लंबे हो गये हैं. कुछ माह बाद पौधों में फल लगने लगेगा. किसान को आगे बढ़ाने के लिए जल छाजन विभाग की ओर से 500 ड्रैगन फ्रूट के पौधे, खाद, डीप बोरिंग व घेराव की व्यवस्था करायी गयी है. किसान दो एकड़ जमीन में ड्रैगन फ्रूट, 200 आम के पौधे और सब्जियों की खेती कर अपने को आर्थिक मजबूत बना रहे हैं.एक बार बुवाई कर 25 साल तक होगी कमाई
राजकुमार महतो ने बताया कि ड्रैगन फ्रूट को एक बार लगाकर 25 साल तक इससे मुनाफा कमाया जा सकता है. 25 साल में सिर्फ एक बार इसकी बुवाई की जाती है. आसान देखभाल के साथ इससे अच्छी आमदनी की जा सकती है. प्रत्येक साल इसका पौधा बढ़ता है. फसल भी अधिक आती है. कम पानी खर्च कर फसल को उगाया जाता है. कंटीला होने की वजह से आवारा पशु भी फसल को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है. यह फसल किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है. एक बार फसल लगाकर साल में 6 लाख रुपये की आमदनी कर सकते हैं.
ड्रैगन फ्रूट की मार्केट में अच्छी डिमांड
ड्रैगन फ्रूट की मार्केट में अच्छी डिमांड है. 150 रुपये किलो से लेकर 200 रुपये किलो तक ड्रैगन फ्रूट बिकता है. यह लोगों के स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है. इसकी मांग लगातार बढ़ती जा रही है.कैसे होती है ड्रैगन फ्रूट की खेती
ड्रैगन फ्रूट का पौधा 4 से 5 फीट की दूरी पर लगाया जाता है. इस पौधे के समीप एक बांस की बल्ली लगानी होती है. इसके सहारे यह पेड़ ऊपर बढ़ना शुरू करता है. इस पेड़ में कोई बीमारी नहीं आती. लगभग 16 महीने बाद यह फल देना प्रारंभ करता है. हर साल फल देने का प्रतिशत बढ़ते जाता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है