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Chaibasa News : एक करोड़ का मत्स्य बाजार बेकार, मंगलाहाट में खुले में मछली बेचते हैं विक्रेता

चाईबासा. मत्स्य बाजार में नहीं जाते खरीदार, मंगलाहाट में तुरंत बिक जाती हैं मछलियां

चाईबासा.चाईबासा में मछली विक्रेताओं के लिए एक करोड़ रुपये से बना मत्स्य बाजार भवन बेकार पड़ा है. शहर के मछली विक्रेता मंगलाहाट में खुले आकाश के नीचे मछली बेचते हैं. विक्रेताओं का कहना है कि बाजार भवन में सभी सुविधाएं हैं, लेकिन वहां खरीदार नहीं पहुंचते हैं. ऐसे में मजबूरी में मंगलाहाट में दुकान लगाते हैं. हालांकि, मंगलाहाट में मछली विक्रेताओं को महसूल (टैक्स) देना पड़ता है. बाजार भवन में किसी तरह का टैक्स नहीं देना पड़ता है.

शुरुआत में एक सप्ताह तक दुकानें लगीं

जानकारी के अनुसार, मछली बाजार भवन का निर्माण वर्ष 2021 में शुरू हुआ. 99 लाख 11 हजार रुपये से यह भवन करीब डेढ़ वर्ष में तैयार हुआ. जिला मत्स्य विभाग के अनुरोध पर आधा दर्जन मछली विक्रेताओं ने एक सप्ताह तक दुकान सजायी, जहां गिने- चुने लोग ही मछलियां खरीदने पहुंचे. ऐसे में विक्रेताओं ने अपना सामान समेट लिया. मत्स्य बाजार भवन वीरान पड़ा है.

भवन के पास गंदगी का अंबार, चार पंखे गायब

जानकारी के अनुसार, मत्स्य भवन में मछली विक्रेताओं तराजू, बटखरा आदि भी उपलब्ध कराये गये. बिजली, पानी और आठ पंखे की व्यवस्था की गयी थी. देख-रेख के अभाव में मत्स्य बाजार भवन के पास गंदगी का अंबार लग गया है. उक्त भवन में लगे चार पंखे भी गायब हैं. बाजार के दरवाजे पर ताला लटका हुआ है.

पहले मीट की आठ दुकानें थीं, अब तीन-चार हुईं

गौरतलब हो कि मत्स्य बाजार भवन के पास रोजाना आधा दर्जन मुर्गा मीट विक्रेता दुकान लगाते थे. अब घटकर तीन-चार रह गये हैं. शहर के विभिन्न स्थानों पर मुर्गा मीट की दुकान शुरू हो गयी है.

…कोट…

नगर परिषद करती हैं देखभाल

मत्स्य बाजार का निर्माण पूरा होने के बाद 16 अगस्त 2023 को नगर परिषद को हस्तांतरण कर दिया गया. उक्त बाजार भवन की देखरेख नगर परिषद करती है.- नवीन कुमार, जिला मत्स्य पदाधिकारी, पश्चिमी सिंहभूम

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क्या कहते हैं मछली विक्रेता

मैं बड़बिल गांव का निवासी हूं. मछली बेचकर परिवार को भरण-पोषण करता हूं. मत्स्य बाजार भवन में कोई भी मछली बेचने नहीं जाता है. मैं भी मंगलाहाट में मछली बेचता हूं.- कंदरू मछुआ

————————-मैं मंगलाहाट में मछलियां बेचता हूं. मत्स्य विभाग के मछली बाजार भवन में शुरू में कुछ लोगों ने दुकान लगायी, लेकिन जल्दी ही बंद कर दिया. मैं भी वहां दुकान नहीं लगाता हूं. – शुभनाथ मछुआ

————————-मैं शुरू से मंगलाहाट सब्जी बाजार परिसर में मछली की दुकान लगाती हूं. मैं मछली बाजार भवन में कभी दुकान नहीं लगायी हूं. वहां, दूसरे विक्रेता भी दुकान नहीं लगाते हैं.

– लेंबो मुखी

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