Jharkhand News: सारंडा में जंगल एवं वन संपदा की सुरक्षा के लिए शुरू हुआ गश्ती अभियान
लकड़ियों की तस्करी रोकने के लिए झारखंड-ओड़िशा इंटर स्टेट ज्वाइंट बॉर्डर को-ऑर्डिनेशन फॉरेस्ट टीम के द्वारा सारंडा वन प्रमंडल के ससंगदा वन प्रक्षेत्र व क्योंझर वन प्रमंडल के बड़बिल वन प्रक्षेत्र के द्वारा झंडिबुरू खदान क्षेत्र के जंगलों में संयुक्त रूप से गश्ती अभियान चलाया गया.
किरीबुरु (शैलेश सिंह) : लकड़ियों की तस्करी रोकने के लिए झारखंड-ओड़िशा इंटर स्टेट ज्वाइंट बॉर्डर को-ऑर्डिनेशन फॉरेस्ट टीम के द्वारा सारंडा वन प्रमंडल के ससंगदा वन प्रक्षेत्र व क्योंझर वन प्रमंडल के बड़बिल वन प्रक्षेत्र के द्वारा झंडिबुरू खदान क्षेत्र के जंगलों में संयुक्त रूप से गश्ती अभियान चलाया गया.
सारंडा वन प्रमंडल के संलग्न पदाधिकारी प्रजेश जेना ने बताया कि यह अभियान लकड़ी तस्करों के बारे में मिली गुप्त सूचना के बाद चलाया गया. उन्होंने कहा कि दोनों सीमावर्ती राज्यों की वन विभाग की संयुक्त टीम ने गश्ती की. इस क्षेत्र में नियमित रूप से गश्ती की जा रही है, ताकि माफियायों के द्वारा लकड़ी नहीं काटा जा सके और जंगल की सुरक्षा की जा सके.
इस दल का नेतृत्व सारंडा वन प्रमंडल के ऑफिसर प्रजेश जेना कर रहे थे. इस गश्ती दल में सारंडा वन प्रमंडल के ससंगदा प्रक्षेत्र के सभी वनकर्मी व क्योंझर वन प्रमंडल के बड़बिल प्रक्षेत्र के वन क्षेत्र पदाधिकारी सुजीत साहू, एसीएफ अशोक साहू एवं अन्य वनकर्मी शामिल थे.
उल्लेखनीय है कि लकड़ी माफिया झारखंड-ओड़ीसा सीमावर्ती क्षेत्र होने की वजह से हमेशा सारंडा जंगल की कीमती लकड़ियां काटकर तथा जंगल की भौगोलिक परिस्थितियों का लाभ उठाकर काटी गयी लकड़ियां लेकर ओड़िशा भागने में सफल हो जाते थे.
दोनों राज्यों के सीमावर्ती जंगलों से होने वाली लकड़ी समेत प्रतिबंधित वन संपदाओं की तस्करी को रोकने के लिए दोनों राज्यों की वन विभाग की टीम ने ज्वाइंट बॉर्डर को-ऑर्डिनेशन बनाकर बेहतर अभियान शुरू किया है, जिसका लाभ आने वाले समय में मिलेगा. इससे जंगल को बचाने में काफी मदद मिलेगी.
Posted By : Mithilesh Jha