चाईबासा. पश्चिमी सिंहभूम जिले के गुदड़ी में हुई घटना के लिए पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार को दोषी ठहराया. उन्होंने घटना पर गहरी चिंता जतायी. श्री मरांडी ने प्रभात खबर से बातचीत में कहा कि जब सरकार से भरोसा उठ जाता है और थाना जाने पर न्याय नहीं मिलता है, तो जनता कानून को अपने हाथ में लेती है. उन्होंने कहा कि गुदड़ी व मनोहरपुर थाना क्षेत्र में 5-6 बालू घाट हैं. उन क्षेत्रों के लोग घर बनाने के लिए नदी से बालू लाते हैं, तो पुलिस पकड़ती है. जबकि, उसी बालू घाट से दबंग खुलेआम हाइवा से बालू ले जाते हैं. इससे लोगों में आक्रोश होता है. यहीं से विवाद शुरू होता है. श्री मरांडी रविवार को चाईबासा में भाजपा के सदस्यता अभियान को लेकर पहुंचे थे.
पांच साल में घाटों की नीलामी नहीं कर सकी सरकार
उन्होंने कहा कि पश्चिमी सिंहभूम जिला प्रशासन इस मामले में निष्क्रिय है. पुलिस अपना काम नहीं कर रही है. दूसरों से काम करवा रही है. पुलिस को मुस्तैद होकर काम करवाना चाहिए. राज्य सरकार पिछले पांच साल में बालू घाटों की नीलामी नहीं कर पायी है. इससे बालू की तस्करी हो रही है.
जबतक नीलामी नहीं होती, स्थानीय लोगों को बालू उठाने दे सरकार
श्री मरांडी ने कहा कि जबतक बालू घाटों की नीलामी नहीं होती है, तबतक लोगोंं को बालू लेने दें. सीमा पर निगरानी करें. वैसे भी बालू घाट पर ग्रामसभा का अधिकार होता है. ग्रामसभा को अधिकृत कर देना चाहिए. गुदड़ी और मनोहरपुर पहले से उग्रवाद प्रभावित हैं. वहां से गाय तस्करों का असामाजिक तत्वों से संबंध रहता है. उग्रवादी संगठन को पैसा मिलता है.
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