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Chaibasa News : जर्जर जलमीनार गिरी, तो 500 घरों में जलसंकट

कभी भी ध्वस्त हो सकती है जलमीनार, नगर परिषद कर रही अनदेखी

चक्रधरपुर. चक्रधरपुर शहरी क्षेत्र में पाइप लाइन के सहारे पांच सौ घरों तक पानी पहुंचानी वाली जलमीनार पूरी तरह जर्जर हो गयी है. एक लाख गैलन क्षमता वाली जलमीनार का निर्माण 30 साल पूर्व पेयजल स्वच्छता विभाग के कार्यालय में हुआ था. वर्तमान में जलमीनार पूरी तरह जर्जर हो चुकी है. जलमीनार धीरे-धीरे टूट-टूटकर गिर रही है. जलमीनार कभी भी ध्वस्त हो सकती है. इससे बड़ी घटना घट सकती है. जलमीनार का पिलर पूरी तरह से जर्जर हो गया है. पानी स्टोर करने वाली टंकी भी क्षतिग्रस्त हो गयी है. जलमीनार जर्जर रहने के कारण इसमें 20 प्रतिशत ही पानी भरा जा रहा है. शुक्रवार को हरिजन बस्ती की जलमीनार ध्वस्त हो गयी थी. इससे दो लोग घायल हो गये थे.

शहरवासियों को कभी-कभी नसीब हो रहा पानी

जलमीनार जर्जर रहने के कारण शहरवासियों को कभी-कभी पानी नसीब हो रहा है. पिछले 15 दिनों से जलापूर्ति बंद थी. फिलहाल दो दिनों से शहरवासियों को पानी मिल रहा है. गर्मी दस्तक दे चुकी है. ऐसे में यदि नगर परिषद पानी सप्लाई की दिशा में कारगर कदम नहीं उठाती है, तो शहरवासियों को पेयजल के लिए परेशानी हो सकती है. शहरी जलापूर्ति योजना भी अधूरी पड़ी है. शहरी जलापूर्ति योजना पर अभी तक करीब 25 करोड़ से ज्यादा खर्च हो चुकी है. 15 करोड़ से अधिक रुपये की निकासी हो चुकी है. शहरवासियों को शहरी जलापूर्ति योजना का लाभ लंबे समय के बाद भी नहीं मिला है.

पानी टंकी के पास जाने से डरते हैं कर्मचारी

पानी टंकी की सफाई काफी सालों से नहीं हुई है. ऐसे में लोगों के घरों तक जलमीनार का दूषित पानी पहुंचाया जा रहा है. पानी टंकी पर चढ़ना खतरे से खाली नहीं, जलमीनार की सीढ़ी भी क्षतिग्रस्त हो गयी है. पानी टंकी के पास जाने से कर्मचारियों को डर लगता है. ऐसे में टंकी की सफाई कैसे होगी. शहरी जलापूर्ति योजना के निर्माण होने के बाद इस टंकी को ध्वस्त करने की योजना थी. पर पनसुवा डैम से पानी देने का विरोध करने के बाद शहरी जलापूर्ति योजना विफल हो गयी है. बड़ी राशि खर्च होने के बाद शहरवासियों का सपना अधूरा पड़ा है. सरकार भी इस दिशा में कोई कारगर कदम नहीं उठा रही है. नतीजतन चक्रधरपुर की 70 हजार आबादी पेयजल संकट हो रही है.

कार्यपालक पदाधिकारी राहुल कुमार यादव ने बताया कि शहरी जलापूर्ति योजना पूर्ण होने के बाद जर्जर जलमीनार को ध्वस्त करना था. अब जलमीनार की स्थिति काफी खराब हो गयी है. क्षमता से 20 प्रतिशत पानी ही जलमीनार में भरा जा रहा है. सफाई को लेकर जलमीनार पर किसी को चढ़ाया नहीं जा सकता है. जलमीनार पूरी तरह जर्जर हो चुकी है. जलमीनार को ध्वस्त करने की दिशा में जल्द ही कारगर कदम उठाया जायेगा.

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