Chaibasa News : माइंस से मजदूरों की छंटनी हुई, तो सेल गेट में होगी तालाबंदी

चिरिया. धोबिल माइंस के ठेका मजदूरों ने सेल ऑफिस के पास किया विरोध-प्रदर्शन

By Prabhat Khabar News Desk | December 19, 2024 11:52 PM

प्रतिनिधि, चिरिया/मनोहरपुर

मजदूरों की छंटनी प्रकिया बंद करने की मांग को लेकर चिरिया धोबिल माइंस के सैकड़ों ठेका मजदूरों ने मजदूर नेता लाल समद के नेतृत्व में गुरुवार को सेल चिरिया कार्यालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया. मजदूरों ने नारेबाजी करते हुए कहा कि ठेका कंपनी की मनमानी नहीं चलेगी. मजदूरों ने नारेबाजी करते हुए सेल के मेन गेट को जाम कर दिया.

मजदूरों ने चेतावनी देते हुए कहा कि ठेका कंपनी नारायणी संस इंडिया को मनमानी नहीं करने देंगे. मजदूरों की जिम्मेदारी सेल प्रबंधन को लेनी होगी. मजदूरों ने सार्वजनिक रूप से घोषणा की कि श्रम एवं रोजगार मंत्रालय दिल्ली में होने वाली सुनवाई यदि मजदूरों के पक्ष में नहीं आती है, तो सेल गेट में तालाबंदी की जायेगी. किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को ऑफिस के अंदर घुसने नहीं दिया जाएगा. मजदूरों के बीच सहमति बनी कि विधायक जगत माझी और सांसद जोबा माझी के माध्यम से राज्य और केंद्र सरकार के पास गुहार लगायी जायेगी. इसके लिए चट्टानी एकता बनाए रखने का आह्वान किया गया. मौके पर चरकु पान, श्याम दास, करमु लकवा, सन्नी लोहार, धनीराम अंगरिया, दर्शन सुरीन, शिव शंकर बड़ाइक, बलराम कुमार, मानसिंह सिद्धू, सुखलाल चांपिया, प्रधान चांपिया आदि शामिल हुए.

गौरतलब हो कि चिरिया धोबिल माइंस के 261 ठेका मजदूरों का श्रम और रोजगार मंत्रालय दिल्ली में छटनी के मामले में गुरुवार शाम 4 बजे सुनवाई होने वाली है. इसे लेकर इसे लेकर विभिन्न मजदूर संगठन के प्रतिनिधि सुनवाई में शामिल होने के लिए दिल्ली गये हैं. सेल बीएसएल कंपनी अधीन धोबिल माइंस के 261 ठेका मजदूरों की छटनी को लेकर ठेका कंपनी नारायणी संस इंडिया प्राइवेट लिमटेड द्वारा श्रम और रोजगार मंत्रालय को ट्रांसपोर्टिंग नहीं होने का कारण घाटा होने का हवाला देते हुए 261 मजदूरों की छटनी की मांग की थी. क्या है मामला. चिरिया धोबिल खदान से लौह अयस्क की ट्रांसपोर्टिंग मीना बाजार सड़क से होती थी. पहले ग्रामीणों ने इस सड़क से ट्रांसपोर्टिंग बंद कर दी थी. अब विभागीय अधिकारियों ने इस सड़क से ओवरलोड वाहनों के परिचालन पर रोक लगा दी है. मजदूर संघर्ष संघ के केंद्रीय अध्यक्ष रामा पांडे ने दूरभाष पर इस मामले में बताया कि ठेका कंपनी और सेल प्रबंधन की सोची समझी साजिश है. जान बुझकर मजदूरों की छटनी की जा रही है, ताकि ग्रामीण और मजदूरों के बीच विवाद हो और ट्रांसपोर्टिंग दुबारा शुरू हो सके. विभाग ने ग्रामीणों की मांग पर उक्त सड़क से ओवरलोड गाड़ियों के परिचालन पर रोक लगायी है. यह सही है. यह बड़ा मामला नहीं है. ठेका कंपनी नियमों का पालन करेगा तो समाधान हो जायेगा. मगर ठेका कंपनी कैपेसिटी से अधिक वाहनों को लोड किया जाता है. ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए यह किया जाता है. सेल को यह दिख नहीं रहा है.

हाइकोर्ट ने मजदूरों की छंटनी पर दो माह की रोक लगायी

चिरिया. 261 ठेका मजदूरों की छटनी की सुनवाई मजदूरों के पक्ष में जाता दिख रहा है. फिलहाल हाइकोर्ट ने दो माह के लिए छटनी प्रकिया पर रोक लगा दी है. साथ ही गिडुंग सड़क से ट्रांसपोर्टिंग की स्वीकृति दे दी है. इससे मजदूर समेत ठेका मजदूरों में खुशी की लहर है. 261 ठेका मजदूरों की छटनी मामले में गुरुवार को श्रम व रोजगार मंत्रालय दिल्ली में सुनवाई हुई. बीएसएल के महामंत्री राजेश विश्वकर्मा ने बताया कि हाइकोर्ट ने दो माह तक छटनी पर रोक लगा दी है. सेल प्रबंधन द्वारा कोर्ट में तर्क दिया गया कि गिडुंग मणिपुर सड़क सेल के लीज क्षेत्र में आती है. राज्य सरकार ने बिना सेल प्रबंधन से एनओसी लिए सड़क को कम कैपेसिटी वाली बना दी है. जबकि राज्य सरकार भलीभांति जानती थी कि पूर्व से ही भारी भरकम वाहनों का परिचालन होता है. हाइकोर्ट ने दो माह के भीतर सेल प्रबंधन, ठेका प्रबंधन, यूनियन, राज्य सरकार के प्रतिनिधि की संयुक्त बैठक कराने को कहा है. बैठक में बीएसएल से राजेश विश्वकर्मा, अवधेश सिंह, जेमसस से गंगा ठाकुर, रोगो सुरीन, एटक से बुधराम सुरीन, सेल प्रबंधन से जीएम रवि रंजन, ठेका कंपनी से विनय पंसारी, पंकज अग्रवाल, सुनील आदि शामिल हुए.

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