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Chaibasa News : पीड़ित को 9 फीसदी ब्याज के साथ देने होंगे 92,555 रुपये

हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी को क्लेम नहीं देना पड़ा महंगा

चाईबासा.जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने फैसला सुनाते हुए दोषी राष्ट्रीय बीमा कंपनी लिमिटेड के डिवीजनल मैनेजर को 92, 555 रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है. यह राशि श्री मोहंती की पत्नी के उपचार पर खर्च के लिए है. मुफस्सिल थाना के महुलसाई निवासी श्यामल मोहंती ने उपभोक्ता आयोग में मुकदमा दायर किया था. दायर मुकदमे में श्री मोहंती ने बताया था कि वर्ष 2021-22 के लिए राष्ट्रीय परिवार मेडिक्लेम पॉलिसी ली थी. उनकी पत्नी चिन्मयी मोहंती को अगस्त 2022 में राउरकेला स्थित शांति मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया गया. यहां उनका ऑपरेशन हुआ. इसके बाद श्री मोहंती ने बीमा कंपनी से 92,555 रुपये की दावा राशि मांगी थी. बीमा कंपनी ने यह कहते हुए दावा खारिज कर दिया कि पॉलिसी की शर्तों के अनुसार इस प्रकार के इलाज के लिए दो साल की प्रतीक्षा अवधि अनिवार्य है. साथ ही बीमा कंपनी ने दावा किया कि 2019-20 के लिए पॉलिसी में रुकावट रही है. इस कारण दावा नियमों के तहत नहीं आता. इधर आयोग ने यह माना कि बीमा कंपनी ने दावेदार को पॉलिसी की शर्तों और प्रावधानों के बारे में सही तरीके से सूचित नहीं किया था. सुप्रीम कोर्ट के मॉडर्न इंसुलेटर्स लिमिटेड और मनमोहन नंदा बनाम यूनाइटेड इंश्योरेस कंपनी लिमिटेड के मामलों का हवाला देते हुए आयोग ने कहा कि बीमा कंपनी को सभी शर्तें स्पष्ट रूप से बतानी चाहिए थी. आयोग ने बीमा कंपनी को आदेश दिया कि वह 92,555 रुपये शिकायतकर्ता को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ भुगतान करे. साथ ही 20 हजार रुपये मानसिक पीड़ा और 10 हजार रुपये मुकदमेबाजी के खर्च के रूप में भुगतान करने का फैसला सुनाया है. आयोग ने बीमा कंपनी को 60 दिनों के अंदर भुगतान करने का निर्देश दिया है.

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