Chaibasa News : वैतरणी में पुण्य स्नान व दान के बाद भोलेनाथ का जलाभिषेक
कार्तिक पूर्णिमा. केले के पेड़ के तने व थर्मोकोल से बनी नाव में दीप रख नदी में बहाया
जैंतगढ़.
कार्तिक पूर्णिमा पर शुक्रवार को जैंतगढ़ व आस-पास के क्षेत्रों से हजारों श्रद्धालुओं ने पवित्र वैतरणी नदी में आस्था की डुबकी लगायी. शिवालयों में पूजा-पाठ के बाद दान-पुण्य किया. तड़के चार बजे से लोग घरों से निकल पड़े थे. दिन के 11 बजे तक वैतरणी में पुण्य स्नान के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. वैतरणी में स्नान के बाद केले के पेड़ के तने व थर्मोकोल से बनी नाव में दीप और धूप जला कर नदी में बहाया गया. इसके बाद शिवालयों में भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक किया. इस अवसर पर कई घरों में सत्यनारायण पूजा का आयोजन किया गया. चंपुआ में राधा-कृष्ण मंदिर की ओर से भजन कीर्तन के साथ अष्ट प्रहरी कीर्तन का आयोजन हुआ.20 फीट का नौका विसर्जन रहा आकर्षण का केंद्र
देवगांव निवासी संजीव कैवर्त ने थर्मोकोल से निर्मित मंदिर स्वरूप 20 फीट का नौका विसर्जन किया, जो आकर्षण का केंद्र रहा. संजीव ने 10 हजार रुपये खर्च कर थर्मोकोल से काफी आकर्षक नाव तैयार किया था. नाव के ऊपर रामतीर्थ के मंदिर का स्वरूप बना था. इसे देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. लोग इस पल को अपने कैमरे और मोबाइल में कैद कर रहे थे.रामतीर्थ में चार बजे से जुटने लगे थे श्रद्धालु
जैंतगढ़ के छठ घाट, नीलकंठ महादेव के संगम घाट, रामतीर्थ के वैतरणी घाट, चंपुआ के घाघरा घाट, केसरी कुंड आदि स्थानों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. रामतीर्थ में तड़के चार बजे से श्रद्धालु जुटने लगे थे. नोवामुंडी, जगन्नाथपुर, हाटगमहरिया, जैंतगढ़, चंपुआ आदि स्थानों से भारी संख्या में श्रद्धालु पवित्र वैतरणी में स्नान करने पहुंचे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है